बॉम्बे लीक्स ,मुँबई
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर बड़ा बयान दिया है।सपा नेता अबू आजमी ने राज ठाकरे पर आंदोलन के नाम पर पैसा बटोरने का आरोप जड़ दिया।आज़मी के मुताबिक राज ठाकरे का काम टोल के नाम पर आंदोलन करके पैसे सेटलमेंट करना होता है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम ने मुंबई की सीमाओं पर मौजूद टोल बूथों पर 1 अक्टूबर से टोल टैक्स बढ़ाने का निर्णय लिया है।मुंबई की सीमा पर 5 टोल बूथ आते हैं, जिसमें ऐरोली, वाशी, दहिसर, मुलुंड और और मुलुंड में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर टोल बूथ मौजूद है।ऐसे में राज्य में बढ़े टोल टैक्स को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।इसी क्रम में जब आज़मी से सवाल हुआ कि क्या टोल के बढ़े दामों को लेकर राज ठाकरे सामने आ सकते है तो , सपा नेता ने कहा कि”राज ठाकरे का टोल को लेकर आंदोलन सिर्फ पैसे के लिए होता है। पैसे का सेटलमेंट होने के बाद उनका आंदोलन बंद हो जाता है।दरअसल महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम के मुताबिक मौजूदा तय रेट में 1 अक्टूबर से कारों के लिए 5 रुपये, मिनी बसों के लिए 10 रुपये, ट्रकों और बसों के लिए 20 रुपये टोल टैक्स की बढ़ोतरी होगी। यानी करीब 12 फीसदी से ज्यादा टोल टैक्स के दाम बढ़ा दिए जाएंगे, जो मुंबई वासियों के निजी बजट में एक नया बढ़ा खर्च होगा।साथ ही अबू आजमी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “मोदी सरकार सिर्फ मुंबई को लूट रही है।टोल के दाम बढ़ाने की क्या जरूरत है, टोल के बढ़े दाम टोल माफियाओं से मिलीभगत का नतीजा है।बता दें कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के टोल नाकों पर आज (1 अक्टूबर) से टोल टैक्स के दाम बढ़ जाएंगे, जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां सरकार पर भी आरोप लगा रही है।वही टोल को लेकर राज ठाकरे की पार्टी मनसे हमेशा सुर्खियों में रहती है।मनसे प्रमुख राज ठाकरे आए दिन मुंबई से जुड़े टोल नाकों पर बढ़ते दामों को लेकर और उन्हें बंद करने के लिए आंदोलन करते रहते हैं।वहीं बढे हुए टोल से नाराज़ लोगों का कहना है कि सरकार सड़क की क्वालिटी, ट्रैफिक जाम की समस्या में तो सुधार कर नहीं रही। ट्रैफिक की वजह से लोग समय पर अपने ऑफिस, कंपनी में नहीं पहुंच पाते, जिसका असर उनके काम पर पड़ता है, वो जहां कार्य कर रहे वहां के विकास पर असर पड़ता है। बांद्रा-वर्ली सी लिंक रोड पर टोल देने में लोग नहीं हिचकते, क्योंकि वहां समय की बचत होती है, सड़क दुरुस्त है। जबकि मुंबई के प्रवेश द्वारों पर टोल की वजह से घंटो ट्रैफिक जाम होती है। टोल के अलावा मुंबई में हर जगह “पे एंड पार्किंग शुल्क अदा करना पड़ता है।यह सब वाहन धारकों पर अतिरिक्त खर्च का बोझ है। मुंबई शहर को टोल मुक्त किया जाना चाहिए।
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