बॉम्बे लीक्स ,उत्तर प्रदेश
यूपी में अब सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने वालो पर सीएम योगी ने सख्त दिशा निर्देश जाए किया है।ऐसे में अब न सिर्फ प्रदेश की सड़को को लेकर गड्ढा मुक्त होने की आशा जताई जा रही बल्कि ऐसा दिखने पर जुर्माने के तौर पर स्वयं का खर्च से पुर्ननिर्माण भी कराना होगा।ऐसे में अब यूपी में आपको हर सड़क की गुणवत्ता की गारंटी मिलेगी। क्योंकि अब घटिया सड़क बनाने पर जनता इस गारंटी वारंटी को कैश करा सकेगी।जिसका जुर्माना यह होगा कि सड़क निर्माण एजेंसी या ठेकेदार को ही बदहाल हुई सड़क की मरम्मत स्वयं के खर्च पर करानी होगी।
गौरतलब है कि उपरोक्त निर्देश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुधार को लेकर समीक्षा बैठक में जारी किया है।सीएम ने कहा है कि नवंबर में दीपावली से पहले प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।सीएम ने कहा कि इस वर्ष मानसून की स्थिति असामान्य है।कई जिलों में लगातार बारिश की संभावना है, लिहाजा नवंबर में दीपावली से पहले पूरे प्रदेश में सड़क गड्ढामुक्त का अभियान चलाया जाए। जहां बरसात की हालत हो वहां, बोल्डर डालकर रोलर चलाकर लोगों की परेशानी दूर की जाए।लोक निर्माण विभाग एनएचएआई, मंडी परिषद, सिंचाई, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास जैसे विभागों को मिला लें तो लगभग चार लाख किलोमीटर की सड़कें प्रदेश में हैं।योगी के मुताबिक इस बात को निर्माणकार्य में शामिल इंजीनियर को समझना होगा कि वे निर्माण कार्य की रीढ़ हैं।कहीं भी अभियंता की कमी न हो और जरूरत पड़े तो आउटसोर्सिंग की जाए। मंत्रियों और अधिकारियों सड़क परियोजनाओं की समीक्षा करें। इंजीनियरों की तैनाती केवल मेरिट के आधार पर ही किया जाए। यह तय करें कि किसी भी सार्वजनिक परियोजना में माफिया या अपराधी छवि वाले लोगों को ठेका न मिले।ऐसे अपराधियों के करीबी रिश्तेदारों और गैंग के गुर्गों को भी ठेके या पट्टा हासिल करने से दूर रखा जाए। गड्ढा मुक्त और नई सड़क निर्माण की जियो टैगिंग कराई जाए, ताकि घपले की कोई गुंजाइश न रहे। इसे पीएम गतिशक्ति पोर्टल से जोड़ा जाए।यही नही सीएम योगी ने निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने और घटिया सामग्री का इस्तेमाल पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मेट्रो एक्सप्रेसवे जैसी बड़ी परियोजना की वजह से सड़कें खराब होती हैं तो उससे संबंधित विभाग को जिम्मेदार बनाया जाएगा। गड्ढा मुक्त अभियान में सड़कों के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। सभी विभाग सुनिश्चित करें कि सड़क बनाने वाली एजेंसी/ठेकेदार सड़क निर्माण के अगले पांच वर्ष तक उसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी उठाई जाए।योगी ने कहा कि अब इसके लिए एजेंसी और कांट्रेक्टर के लिए अधिकारी नियम एवं शर्तें भी तय करें।
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