बॉम्बे लीक्स , उत्तर प्रदेश
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने एनडीए या इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनने से साफ इंकार कर दिया।मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी ने अगले साल उत्तर प्रदेश में अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।मायावती के मुताबिक पिछले गठबंधन से यह अनुभव मिला है कि , गठबंधन में किसी गठबंधन में प्रवेश करने से उनकी पार्टी को कोई फायदा नही मिलता।
दरअसल लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर मायावती की अध्यक्षता में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की बैठक हुई।बैठक में मायावती ने संगठन को मजबूत बनाने के कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं।इसके साथ ही आम चुनाव को लेकर भी मायावती ने पदाधिकारियों से आगे की रणनीति पर चर्चा की। मायावती ने संगठन को कैडर और छोटी-छोटी बैठकों के आधार गांव-गांव में मजबूत बनाने और अपने जनाधार को बढ़ाने के लिए निर्देश दिए, सर्वसमाज में जनाधार बढ़ाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों, प्रभारियों व अन्य जिम्मेदार लोगों के साथ मिलकर पुरानी कमियों को दूर करने को कहा है।बसपा सुप्रीमो ने आम चुनाव में गठबंधन को लेकर भी अपना पक्ष एकदम साफ कर दिया है।उन्होंने कहा पार्टी को अपने उम्मीदवारों के चयन में सावधानी बरतनी होगी। लोकसभा चुनाव में पार्टी सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव में उतरेगी।बसपा प्रमुख ने कहा, “गठबंधन की वजह से लाभ की बजाय पार्टी को नुकसान ज्यादा उठाना पड़ा है। बसपा का वोट तो स्पष्ट तौर पर गठबंधन वाली दूसरी पार्टी को ट्रांसफर हो जाती है, लेकिन दूसरी पार्टियां अपना वोट बसपा उम्मीदवारों को ट्रांसफर कराने की न सही नीयत रखती हैं और न ही क्षमता, जिससे बसपा के लोगों का मनोबल प्रभावित होता है।इसलिए बसपा सत्ता या विपक्ष दोनों गठबंधनों से दूर रहती है।
बैठक के बीच मायावती ने भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस को भी निशाने पर लिया। कहा, कांग्रेस पार्टी की तरह ही भाजपा की कथनी व करनी में जमीन-आसमान का अंतर है। इनके राज में लोगों की आमदनी अठन्नी व खर्च रुपया हो जाने के कारण कुछ मुठ्ठी भर लोगों को छोड़कर, देश के बहुजन लोगों को परिवार का भरण-पोषण की कठिन विपत्ति का सामना करना पड़ रहा है।मायावती ने कहा कि सत्ताधारी दल भाजपा की संकीर्ण, जातिवादी व सांप्रदायिक राजनीति और अराजकता को प्रश्रय देने वाले क्रियाकलापों के कारण लोगों का जीवन त्रस्त है। इसी वजह से भाजपा अपना प्रभाव ही नहीं बल्कि अपना जनाधार भी लगातार खो रही है।उन्होंने दावा किया कि लोकसभा का चुनाव यूपी में एकतरफा न होकर काफी दिलचस्प व देश की राजनीति को नई करवट देने वाला साबित होगा।मायावती ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पदाधिकारियों की जवाबदेही भी तय की। कहा, छोटी-छोटी बैठकों के आधार पर गांव-गांव में संगठन को मजबूत कर जनाधार बढ़ाने की कोशिश करें। प्रदेश के प्रत्येक सेक्टर में बंद कमरे बैठक की जाए, जिसमें संबंधित बूथों के कम से कम 100 लोग अवश्य उपस्थित रहें।
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