बॉम्बे लीक्स, कर्नाटक
र्नाटक चुनाव के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कर्नाटक चुनाव में प्रचार के लिए दो दिवसीय दौरे पर रविवार को बागलकोट पहुंचे। यहां राहुल गांधी ने संगमनाथ मंदिर और कुदालसंगम तीर्थस्थल का दौरा किया और पूजा अर्चना की। राहुल गांधी के संगमनाथ मंदिर और कुदालसंगम तीर्थस्थल के दौरे को लिंगायत समुदाय को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
गौरतलब कर्नाटक में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य की जनता को अपने पक्ष में वोट करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां के नेता रोड शो, रैलियां और सभा को संबोधित कर रहे हैं।इसी क्रम में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने रविवार (23 अप्रैल) को एक जनसभा को संबोधित किया और सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर जमकर निशाना साधा।उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा, “बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा देश में नफरत फैलाने का काम कर रही है। लोगों का ये अपार विश्वास और जनसमर्थन कर्नाटक में बदलाव की कहानी बयां कर रहा है। कांग्रेस नेता ने भविष्यवाणी करते हुए कहा, “कर्नाटक में कांग्रेस की 150 सीटें आएंगी और 40 परसेंट कमीशन वाली बीजेपी की 40 सीटें भी नहीं आने वाली हैं।राहुल ने कहा, “जहा अंधेरा होता है, उसी अंधेरे में कहीं-न-कहीं रोशनी भी निकलती है। उस समय समाज में अंधेरा था, इसलिए बसवा जी अंधेरे में रोशनी बनकर निकले। इंसान यूं ही रोशनी नहीं देता, पहले खुद से सवाल करना पड़ता है। दूसरों से सवाल करना आसान है, खुद से सवाल करना मुश्किल है।राहुल ने आगे कहा कि बसवा जी ने लोकतंत्र का रास्ता हिंदुस्तान और विश्व को दिया और ये सच्चाई है। इसे मिटाया नहीं जा सकता। अगर हिंदुस्तान में लोकतंत्र आया, अधिकार आए तो उसकी नींव बसवा जी जैसे लोगों ने रखी थी। बसवा जी के दोस्तों पर समाज आक्रमण कर रहा था, तब बसवा जी ने खुद से सवाल किया कि मेरे दोस्तों पर हमला क्यों हो रहा है? बसवा जी ने लोकतंत्र, जातिवाद-नफरत, आदर के बारे में खुद से सवाल पूछे। फिर जो सच उन्होंने देखा, उसे जीवनभर नहीं छोड़ा।राहुल गांधी ने कहा कि दूसरों से सवाल करना आसान है, लेकिन खुद से सवाल करना मुश्किल है। कांग्रेस नेता ने महान कवि और समाज सुधारक बसवन्ना के बारे में बताते हुए कहा कि जहां अंधेरा होता है, उसी अंधेरे में कहीं-न-कहीं रोशनी भी निकलती है। उस समय समाज में अंधेरा था, इसलिए बसव जी अंधेरे में रोशनी बनकर निकले। राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा मत सोचो कि समाज के सामने सच बोलना आसान है। आज हम उनके (बसवेश्वर) के सामने फूल रख रहे हैं, लेकिन जब वह जीवित थे, तो उन्हें भी धमकी दी गई होगी, उन पर हमला किया गया होगा, लेकिन वह पीछे नहीं हटे, उन्होंने सच्चाई का रास्ता नहीं छोड़ा। ऐसे ही आज सत्ता पक्ष सच से डरा हुआ है।
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