बॉम्बे लीक्स , असम
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।सूरत कोर्ट से मानहानि मामले में दोषी करार होने के बाद उनकी सांसदी चली गई।वही अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी राहुल गांधी पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है।सीएम बिस्वा ने कहा कि राहुल ने जो ट्वीट किया, वह अपमानजनक है। एक बार पीएम नरेंद्र मोदी यहां से वापस चले जाएंगे तो 14 अप्रैल के बाद उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि वह अभी भी अरविंद केजरीवाल के निमंत्रण का इंतजार कर रहे हैं।
असम सीएम बिस्वा ने राहुल गांधी के ट्वीट का हवाला देते हुए लिखा था कि ‘‘यह हमारी शालीनता थी कि हमने आपसे कभी नहीं पूछा कि आपने बोफोर्स और नेशनल हेराल्ड घोटालों से अर्जित अपराध की आय को कहां छुपाया है।और आपने कैसे इतनी बार ओत्तावियो क्वात्रोची को भारतीय न्याय के शिकंजे से बचने दिया। कोई नहीं, हम अदालत में मिलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी कई कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए गुवाहाटी आएंगे।हिमंता बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा, “यह हमारी शालीनता थी कि हमने आपसे कभी नहीं पूछा कि आपने बोफोर्स और नेशनल हेराल्ड घोटालों की कमाई को कहां छुपाया है. और आपने कैसे कई बार ओतावियो क्वात्रोची को भारतीय कानून के शिकंजे से बचने दिया।अब हम कोर्ट में ही मिलेंगे।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल के वर्षों में पार्टी छोड़ने वाले कुछ नेताओं पर तंज कसते हुए शनिवार को कहा था कि अडाणी मामले पर सच्चाई छिपाने के लिए रोजाना ध्यान भटकाया जा रहा है।दरअसल, राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी समेत छह नेताओं पर निशाना साधा था। उन्होंने गौतम अदाणी, गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण कुमार रेड्डी, हिमंत बिस्व सरमा और अनिल एंटनी पर निशाना साधते हुए अपने ट्वीट में लिखा, “सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज भटकाते हैं। सवाल वही है- अदाणी की कंपनियों में बीस हजार करोड़ बेनामी पैसे किसके हैं। कांग्रेस नेता अदाणी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आने के बाद से लगातार हमलावर हैं। जबकि बाकी भाजपा में शामिल हो गए।सिंधिया अब केंद्रीय मंत्री हैं और शर्मा असम के मुख्यमंत्री हैं।बता दें कि ओतावियो क्वात्रोची इटली के जाने माने बिजनेसमैन थे।जिन पर राजीव गांधी सरकार के दौरान हुए बोफोर्स घाटाले में दलाली के जरिए घूस लेने के आरोप लगे थे। यूपीए सरकार के दौरान साल 2009 के शुरुआत तक भारत को आपराधिक मामलों में उनकी तलाश थी।लेकिन 28 अप्रैल 2009 को सीबीआई ने क्वोत्रोची को क्लीनचिट देते हुए इंटरपोल से उस पर जारी रेडकॉर्नर नोटिस को हटा लेने की अपील की।सीबीआई की अपील पर इंटरपोल ने क्वात्रोची पर से रेडकॉर्नर हटा लिया गया। विपक्ष ने क्वोत्रोची को क्लीनचिट देने के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया था।13 जुलाई 2013 को 74 साल की उम्र में ओत्तावियो क्वात्रोकी की स्ट्रोक की वजह से मिलान, इटली में मृत्यु हो गई थी।
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