बॉम्बे लीक्स।
दिल्ली : राजधानी दिल्ली अभी प्रदूषित हवा के प्रकोप से उबर भी न पाई की अब मुंबई में बेहद खराब हवा का प्रकोप ज़ोर पकड़ चुका है।दिल्ली की तर्ज पर अब मुंबई वासी भी इस समस्या से जूझते हुए नज़र आ रहे है।प्रदूषण के चलते मुंबई में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।देखते देखते अब मुंबई का हाल भी दिल्ली जैसा होता जा रहा है।जी हाँ मुंबई में हाल के दिनों में हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ दर्ज की जा रही है। क्योंकि अब मुंबई भी सर्दियों के महीनों में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर के लिए जानी जाने वाली दिल्ली की तरह बनती जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई ने इस सप्ताह कई बार दिल्ली के प्रदूषण स्तर को पीछे छोड़ दिया है।वहीं महाराष्ट्र में PM2.5 प्रदूषकों के विश्लेषण से पता चला है कि पिछले चार वर्षों में परिवहन क्षेत्र से आने वाला उत्सर्जन लगभग दोगुना हो गया है। यह 2016-17 में 16 प्रतिशत से बढ़कर 2019-20 में 30.5 प्रतिशत हो गया है। यह विश्लेषण, जिसे आज (29 जून) प्रकाशित किया गया था। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) द्वारा किया गया था, जो एक शोध प्रबंधन संगठन है, जो भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) के तहत वायु गुणवत्ता और प्रदूषण पर डेटा प्रदान करता है।पीएम2.5 का स्वास्थ्य पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पार्टिकुलेट मैटर पर्यावरण में दिनों और हफ्तों तक निलंबित रह सकता है और फेफड़े के वायुमार्ग पर आक्रमण करने के लिए काफी छोटा है। कोयले और तेल के जलने से बनने वाली जहरीली गैसें जैसे NO2, साथ ही वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन से श्वसन संबंधी बीमारियाँ हो सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि तेजी से निर्माण, प्रतिकूल मौसम की स्थिति और वाहन उत्सर्जन से बढ़ता प्रदूषण कुछ ऐसे कारक हैं जो बिगड़ती वायु गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पीएम 2.5 का स्तर ( सूक्ष्म कण जो फेफड़ों को अवरुद्ध कर सकते हैं और कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं ) शुक्रवार सुबह 8.30 बजे शहर में 308 था, जबकि दिल्ली में यह 259 था।200 से 300 के बीच के स्तर को खराब माना जाता है और 300 से 400 के बीच किसी भी रीडिंग को बहुत खराब के रूप में वगीर्कृत किया जाता है। दिल्ली, कोलकाता, कानपुर और पटना सहित कई भारतीय शहरों में अक्सर पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से काफी ऊपर रिपोर्ट किया जाता है।मुंबई में डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने और जरूरी न होने पर बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।मुंबई के निकाय अधिकारियों का कहना है कि वे हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए तत्काल कदम उठा रहे हैं। भारतीय शहरों में खराब वायु गुणवत्ता लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर रही थी।रिपोर्ट के मुताबिक लैंसेट के एक अध्ययन में बताया गया है कि 2019 में प्रदूषण के कारण भारत में 2.3 मिलियन से अधिक समय से पहले मौतें हुईं।
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