• यूपी के बलिया जेल की घटना-कई थानों की पुलिस ने संभाला मोर्चा , छोड़े गए आंसू गैस के गोले।
लखनऊ | बॉम्बे लीक्स
लखनऊ : यूपी के बलिया जिला कारागार एक बार फिर अशांति के सागर में गोते लगाने लगा। कारागार में निरुद्ध बंदियों ने किसी बात को लेकर अचानक उत्पात मचाते हुए पथराव शुरु कर दिया।कारागार के अंदर बेकाबू होते हालात के बीच जेल प्रशासन की सूचना पर पुलिस व पीएसी के जवानों को स्थिति पर नियंत्रण करने के लिये जेल के अंदर भेजा गया। थोड़ी ही देर में डीएम अदिति सिंह और एसपी डा. विपिन ताडा कई थानों की फोर्स समेत कारागार पहुंच गए।बलीया कारागार में जेल प्रशासन के खिलाफ अचानक उग्र हुए कैदियों का हंगामा जारी रहा।
जेल के अधिकारियों ने बिगड़े हालात का मोर्चा संभालते हुए खुद से ही काबू पाने का प्रयास किया था।किंतु सफल न होने के चलते मामले से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया।जिसके बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पुलिस व पीएसी के जवानों के साथ पहुंच गये। जवानों पर पथराव कर रहे बंदियों को काबू करने के लिये पुलिस फोर्स बंदियों पर टियर गैस छोड़ रही थी।
दरअसल जिला कारागार बलिया में हुई उग्रता के पीछे लंबी कहानी बताई जा रही है।जेल के सूत्रों की मानें तो इसकी पटकथा पिछले तीन-चार दिनों से लिखी जा रही थी। बुधवार की देर शाम को मिलान के बाद वापस बैरक में जाने की बजाय बंदियों ने हंगामा शुरू कर दिया। जेल परिसर में इधर-उधर जमा पत्थरों को बंदी चलाने लगे तो बदले में उनपर नियंत्रण के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। हालात पर काबू पाने के लिएच पीएसी भी जेल के अंदर घुसी। कैदियों और पुलिस के बीच चले लंबे संघर्ष में 45 मिनट बाद जेल के अंदर से बवाल का शोरगुल खामोश हो गया।
बताया जा रहा है कि जेल में पिछले दिनों हुए बवाल व एक बंदी द्वारा कारागार की दीवार फांदकर भाग जाने का मामला सामने आया था।जिसके बाद लापरवाही के चलते जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य का तबादला हो गया था। जेल सूत्रों के अनुसार नए अधीक्षक यूपी मिश्र ने यहां आने के बाद कैदियों को लेकर सख्त तेवर अख्तियार किये हुए थे। सुविधा शुल्क के जरिए बंदी मोबाइल का इस्तेमाल धड़ल्ले से करते थे। शासन के निर्देश पर जेल में ही पीसीओ का इंतजाम कर दिया गया, ताकि बंदी समय-समय पर अपने घर बात कर सकें।जेल में कई गई इस प्रकार की व्वस्था को लेकर बंदियों को काफी आपत्ति थी।
यही नही चेकिंग आदि में सख्ती को लेकर भी बंदियों में आक्रोश काफी था।वही बंदियो व कर्मचारियों की गुटबाजी ने भी इस आक्रोश में पड़ी चिंगारी में हवा का काम किया।जिसके बाद आक्रोश ने हंगामा का रूप अख्तियार कर लिया। शाम की मिलान के बाद से शुरु हुआ बंदियों ने हंगामा देर तक जारी रहा।हालात बिगड़ते देख जवाब में पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। बलिया कारागार के अंदर हुए कैदियों की उग्रता को।लेकर फिलहाल किसी प्रकार की कोई आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं गई है। पिछले दिनों अन्य जेलों में हुए बवालों की पुनरावृत्ति न हो, इसके मद्देनजर अब प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गया।
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