शाहिद अंसारी
मुंबई:मुंबई पुलिस इन दिनों हेलमेट को लेकर जमकर कार्रवाई कर रही है कार्रवाई के आंकड़े में दिन ब दिन इज़ाफ़ा होते नज़र आरहा है।हेलमेट के साथ साथ पुलिस स्टाइलिस्ट नंबर वाली गाड़ियों पर भी कार्रवाई कर रही है लेकिन यह कार्रवाई केवल जंता की गाड़ियों पर की जाती है पुलिस पर नहीं।अब चाहे वह हेलमेट को लेकर हो या स्टाइलिस्ट नंबर पुलिस को इस कार्रवाई से पुलिस को दूर रखा गया है।
हमने कुछ ऐसी ही स्टाइलिस्ट नंबर प्लेट वाली गाड़ियों को देखा जो हमेशा मुंबई पुलिस का लोगो लगा कर बड़ी ही बेफ़िक्री से घूमते हैं। स्टाइलिस्ट नंबर प्लेट और उसपर पुलिस का लोगो यह दोनो गैर कानूनी हैं लेकिन इनके खिलाफ़ कार्रवाई इस लिए नहीं होती कि यह खुद पुलिस वाले हैं इसलिए इन्हें माफ़ है।हालांकि हाल ही में राज्य सरकार की ओर से उन सारे पुलिस कर्मियों को पुलिस का लोगो ना लगाने की हिदायत दी थी लेकिन आजतक इसका असर कहीं दिखाई नहीं दिया क्योंकि यहां “मियां की चुंदई और मियां का तेल” वाला हिसाब किताब है। गलती पुलिस करे तो पुलिस ही उसके ख़िलाफ कार्रवाई करे यह कैसे संभव होगा।आज भी धड़ल्ले से पुलिस अपनी प्राइवेट गाड़ियों पर पुलिस का लोगो लगा कर बेफिक्री से घूमती है और खुद पुलिस कार्रवाई नहीं करती।
स्टाइलिस्ट नंबर प्लेट की ऐसी कई गाड़ियों की फ़ोटो आपके सामने हैं जिसे देख कर आप सोच में पड़ जाऐंगें कि अगर यही हरकत कोई आम आदमी करता तो उसके खिलाफ़ कबके कार्रवाई होजाती लेकिन इनके लिए माफ़ है रोज़ाना सैकड़ों नाकाबंदी के बीच से गुज़रने वाली इन गाड़यों की नंबर प्लेट पुलिस कर्मी देखते हैं लेकिन कार्रवाई नहीं क्योंकि यह खुद पुलिस कर्मी हैं।
गाड़ी नंबर MH01 CE 4141 है इस गाड़ी पर जो नंबर लिखा हुआ है किसी भी तरह से ऊपर बताया गया नंबर ज़ाहिर नहीं होता।इस गाड़ी पर यही नंबर लिखा हुआ है लेकिन स्टाइलिस्ट तरीके से इस गाड़ी पर दादा लिखा हुआ है और उसके नीचे पुलिस भी लिखा है। यह गाड़ी रिशिकेश हिंडलेकर के नाम पर रजिस्टर्ड है।दूसरी गाड़ी नंबर है MH01 BJ 4137 इस गाड़ी पर स्टाइलिस्ट तरीके से यही नंबर लिखा है जो कि भाऊ लिखा हुआ दिखाई देता है इसके नीचे पुलिस लिखा है।यह गाड़ी सतीश चाचर के नाम पर रजिस्टर्ड है।तीसरी गाड़ी MH01 DV 2151 है लेकिन यह स्टाइलिस्ट तरीके से राज लिखा हुआ है।चौथी गाड़ी MH04 GS 7597 है स्टाइलिस्ट तरीके से हिंदी में तड़वी लिखा हुआ है और इसके नीचे भी पुलिस लिखा है।यह तो नज़रो के सामने हैं ऐसे ना जाने कितने लोग हैं जो पुलिस की नौकरी करते हुए खुलेआम क़ानून का मज़ाक उड़ाते हैं।
पूर्व आ.पी.एस अधिकारी वाईपी सिंह ने कहा कि यह मोटर व्हीकल ऐक्ट कानून का उल्लंघन है और इस तरह से पुलिस वालों के ज़रिए इसका उल्लंघन करना यह कानून का मज़ाक है।इन सब के ख़िलाफ 177 MVA के तहत कार्रवाई होना चाहिए।
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One Comment
Sanjay Parande
I fail to understand as to why the traffic police concentrate on helmets, tinted glasses with permissible tint (clear outside in an inside out vision) and seat belts. These are issues relating to individual safety and need to be ideally dealt with by spreading awareness. As a matter of fact the ISI standard helmets are not comfortable or convenient for the peculiar humid weather of Mumbai. There is need to design a helmet suitable for Mumbai weather. With this increasing action against such petty violation, the traffic police is overlooking the far too grave and life threatening road traffic violations such as signal jumping, lane cutting and dangerous overtaking, over speeding, disregard to the plight and safety of pedestrians,etc. It is high time that the traffic police, instead of statistical figures concentrates on proper regulation of traffic by meaningful enforcement to restore the traffic discipline of which Mumbai city boasted a couple of decades ago.