Bombay Leaks Desk
मुंबई: पिछले साल आज़ाद मैदान दंगों और हत्या के आरोपी तोड़ु-ए-नागपाड़ा भूमाफिया तथाकथित स्वघोषित धर्म धुरंधर श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली के गुर्गे द्वारा पत्रकार शाहिद अंसारी के खिलाफ़ पिछले साल दर्ज हुई झूटी एफआईआर मामले में प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने कहा कि इस मामले में बंगाली बाबा और पुलिस की मिली भगत की वजह से पुलिस ने बंगाली बाबा और उसके गुर्गे के दबाव में आकर अपने दिमाग़ का इस्तेमाल न करते हुए मामला दर्ज किया है और कॉउंसिल ने अपनी छनबीन में यह भी माना की नागपाड़ा पुलिस ने सच्ची पत्रकारिता को दरकिनार कर अंसारी के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। अपनी छानबीन में काउंसिल ने इन बातों के साथ साथ कई अहम बातों पर प्रकाश डालते हुए मामले में महाराष्ट्र डीजी , मुंबई पुलिस कमिश्नर , थाने सिटी कमिश्नर , नासिक सिटी कमिश्नर समेत सरकार को अपनी रिपोर्ट भेज कर कार्रवाई करने के लिए कहा है।
पिछले साल बंगाली बाबा ने अंजुमन इस्लाम की जगह हड़प कर ली थी जैसे ही इसकी ख़बर अंसारी ने प्रकाशित की बंगाली बौखला गया। स्थानी पुलिस थाने नागपाड़ा समेत मुंब्रा और नासिक में अंसारी के विरुद्ध धार्मिक भावना को आहत करने का झूटा मामला दर्ज करवा दिया।कॉउंसिल ने अपनी छानबीन में पाया कि बंगाली बाबा फोटो बाज़ी में माहिर है और इसी फोटो के सहारे वह पुलिस वालों पर दबाव बना कर किसी भी सच्चे पत्रकार की आवाज़ दबाने की कोशिश करता है।
मामले को लेकर ताड़देव डिवीज़न के एसीपी नागेश जाधव ने बाताया कि यह नागपाड़ा पुलिस थाने की सब से बड़ी गलती थी जो कि बाबा बंगाली के बहकावे में आकर एक सच्चे पत्रकार के खिलाफ़ झूटा मामला दर्ज कर लिया।
पिछले साल 1 सिंतबर 2016 की काली रात जब बंगाली बाबा और उसके गुर्गे ने पत्रकार शाहिद अंसारी के खिलाफ़ झूटा मामला दर्ज करवा कर हिरासत में हत्या की प्लानिंग रच रहे थे। इसमें नागपाड़ा पुलिस थाने के सीनियर पीआई संजय बस्वत , तत्कालीन पीआई सनस ( रबरवाला बिल्डर का गुर्गा ) शामिल था। इस दौरान रबरवाला बिल्डर का गुर्गा पीआई सनस नागपाड़ा पुलिस थाने में मौजूद मामला दर्ज कर के हिरासत में अंसारी की हत्या का प्लान बना रहा था। सनस बंगाली बाबा को अपना गुरु मानता है इसी लिए झूटी FIR दर्ज कर नागपाड़ा पुलिस थाने में हिरासत में हत्या की प्लानिंग कर बंगाली बाबा को खुश करने का ख्वाब देख रहा था। लेकिन यह ख्वाब उस वक्त चकनाचूर हो गया जब मामले की जानकारी मुंबई पुलिस कमिश्नर को दी गई और मुंबई भर के पत्रकार और पत्रकार यूनियन ने राज्य के मुख्यमंत्री से मिल कर बंगाली की और नागपाड़ा पुलिस थाने की असलियत को बेनकाब किया। इसके बाद नागपाड़ा पुलिस के पूरे प्लान पर पानी फिर गया। इस मामले को देख राज्य भर के पत्रकर अंसारी के समर्थन में उतरे थे।
मामले को देख शाहिद अंसारी के दोस्त शौकत अली बेडगिरी और उनके दोस्त वकील भावेश परमार और राजेश्वर पांचल ने कोर्ट का सहरा लिया जहां कोर्ट ने पहली ही सुनवाई में FIR को गलत करार दिया। इसलिए अंसारी ने बंगाली और पुलिस के कनेक्शन को बेनकाब करते हुए हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि इस मामले में जांच हो और बंगाली बाबा उसके गुर्गे के खिलाफ़ कार्रवाई हो यह मामला हाईकोर्ट में विचारधीन है।
दरअसल बंगाली बाबा अंजुमन इस्लाम के छोटा सोनापुर मैदान में अपने परिवार के 6 लोग समेत नथानी बिल्डर और कई लोगों के साथ मिल कर हज़ार कोरड़ की जगह पर कब्ज़ा कर के टावर बनाने का सपना देख रहा था। Bombay Leaks ने बंगाली की इस मंशा को बेनकाब कर दिया जिसके बाद बंगाली बहुत बौखलाया। जब दाल नहीं गली तो हमेशा की तरह बंगाली ने नागपाड़ा पुलिस थाने में धार्मिक भावना को आहत करने का मामला दर्ज करवा दिया। बंगाली के इस तरह से मामला दर्ज करवाने के बाद पत्रकार शाहिद अंसारी के हौसले और बुलंद हो गए और उन्होंने बंगाली के पाखंड और अंडरवर्ल्ड के रिश्तों को बेनाकाब करते हुए बंगाली बाबा की उस असलियत को सामने रख दिया जिससे जनता वाकिफ़ नहीं थी। आलम यह रहा कि जिस बंगाली की नागपाड़ा पुलिस में तोती बोलती थी उसी नागपाड़ा पुलिस थाने में अब जम कर थू थू हो गई। अब बंगाली को नागपाड़ा पुलिस थाने में कोई भी भाव नहीं देता ।
इस दौरान बंगाली ने अपनी छवी बेहतर बनाने की हर मुमकिन कोशिश की लेकिन बंगाली अपनी छवी और दबदबा बनाने में पूरी तरह से नाकाम रहा। बंगाली ने इस घटना के बाद से मुंबई पुलिस कमिश्नर के साथ फोटो खिंचाने के लिए बहुत हाथ पैर मारे लेकिन साल भर तक भाव नही मिला लेकिन साल भर बाद बंगाली मुंबई पुलिस कमिश्नर के साथ फोटो खिंचाने में कामायाबी हासिल की लेकिन अब तक राज्य के मुख्यमंत्री के साथ बंगाली ने कई बार कोशिश की कि वह फोटो उनके साथ खिंचवा ले लेकिन बंगाली की कुंडली राज्य के मुख्यमंत्री के पास पहुंच जाने की वजह से उसे भाव नहीं मिला इसलिए बंगाली ने कई बार हैदर आज़म से कोशिश की लेकिन फोटो खिंचाने में नाकाम साबित हुआ। प्रेल कॉउंसिल ने इश मामले को लेकर गंभीरता दिखाते हुए अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज दी है अब राज्य सरकार और राज्य के डीजी की जिम्मेदारी होगी की वह इस पर अमल करें।
Post View : 79
3 Comments
Ashish mane
Good work!!
Rehman Ansari
Niceeee
Khubaib Qureshi
Well done brother