शाहिद अंसारी
औरंगाबाद : औरंगाबाद वक्फ़ बोर्ड कार्यालय में 25 से 30 लोगों ने आज दोपहेर हंगामा करते हुए ताला लगा दिया और वहां मौजूद वक्फ़ आफीसर सय्यद आरिफ़ अली को जम कर पीटा। जिसके बाद स्थानी पुलिस थाने छावनी में 25 से 30 लोगों के खिलाफ़ मारपीट की धाराओं के तहेत शिकायत दर्ज की गई है पुलिस ने सरकारी कार्यालय में ऑन ड्युटी सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने का मामला नहीं दर्ज किया। जिन लोगों की शिकायत क गई है उनमें शब्बीर अंसारी अकरम खान हैं जबकि इनके अलावा 25 से 30 नामालूम लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज हुआ है। यह सारे लोग भूमाफिया मोईन अशरफ उर्फ बाबा बंगाली के भक्त हैं जो कि बंगाली बाबा द्वारा अंजुमन इस्लाम की छोटा सोनापुर मैदान के वह दस्तावेज़ अटेस्टेड कराने गए थे जिसकी फाइल बंगाली बाबा और तत्कालीन सीइओ नसीम बानों पटेल ने गायब कर दी है। वह दस्तावेज़ नहीं मिले जिसकी वजह से यह बौखलाए हुए थे और यह सब हरकत की।
वक्फ़ आफीसर सय्यद आरिफ़ अली ने बताया कि वह कुछ समझ नहीं पाए जब शब्बीर अंसारी और नासिक के वक्फ़ माफिया जिन पर उन्होंने नासिक में कार्रवाई की थी वह उनकी आफिस में घुसे और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। उन्होंने इसकी जानकारी छावनी पुलिस थाने को दी। सीनियर इंस्पेक्टर बहुरे ने कहा कि हमने मामले में शिकायत दर्ज कर ली और जांच जारी है।
दरअसल 1999 में नासिक में वक्फ बोर्ड की जगह जामा मस्जिद को कुछ वक्फ़ माफियाओं ने 15 करोड़ में बेच दी थी जिसकी मौजूदा कीमत हज़ार कोरड़ रूपए है। यह जगह वक्फ़ बोर्ड की थी जिसमें नासिक के जामा मस्जिद के ट्रस्टी और स्थानी वकीलों की मिली भगत से बेची गई थी। उस दौरान वक्फ़ बोर्ड के आफीसर सय्यद आरिफ़ अली की शिकायत पर इन सब पर कार्रवाई हुई थी। शब्बीर अंसारी इन्ही माफियाओं के साथ वक्फ़ बचाव मुहिम चला रहे थे। इसी भड़ास के चलते सारे माफिया वक्फ़ बोर्ड की उसी दफ्तर पहुंचे थे जहां वक्फ़ बोर्ड के आफीसर सय्यद आरिफ़ अली सय्यद मौजूद थे।
दरअसल पिछले कई महीनो से शब्बीर अंसारी वक्फ़ माफियाओं के साथ वक्फ बचाव मुहिम चलाने का राग अलाप रहे हैं ताकि वक्फ माफियाओं पर सरकार किसी तरह की कार्रवाई न करे और वह यह साबित कर सकें कि वक्फ माफिया माफिया नहीं बल्कि कौम के ठेकेदार हैं। लेकिन शब्बीर का भांडा तब फूटा जब मुंबई के इस्लाम जिमखाना में वक्फ बचाव मुहिम रखी और उनमें अधिकतर लोग वक्फ़ के सौदागर थे।
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