शाहिद अंसारी
पूणे:दो अधिकारियों के अहं के चलते लंबे समय से पूणे ट्रेंनिग सेंटर में लेक्टर बंद पड़े हैं।ट्रेंनिग सेंटर के जो इंचार्ज होते हैं वह हमेशा रिटाएर्ड डीजी होते हैं और आन ड्युटी डीजी से उनकी ट्युनिंग होती है हालांकि वह खुद उन से सीनियर होते हैं लेकिन जब बात आन ड्युटी डीजी से किसी भी तरह के लेक्चर और ट्रेनिंग कोर्स के लिए या किसी नए विषय के लिए इजाज़त लेनी पड़ती है तब रिटाएर्ड डीजी और आन ड्युटी डीजी के बीच जूनियर और सीनियर का ओहदा दीवार बन कर खड़ा हो जाता है और इस चक्कर में ट्रेनिंग सेंटर में लंबे समय तक किसी भी विषय पर कोई लेक्चर नहीं हो रहा जिसका नुकसान पुलिस वालों का होता है।ट्रेनिंग सेंटर में इस समय पुलिस वालों की ट्रेंनिग के लिए जो लेक्चर लिए जाते हैं वह न के बराबर हैं कारण हैं पुलिस के बंदोबस्त और विभागी प्रक्रियाओं का। पूणे पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के इंचार्च इस समय महाराष्ट्र के पूर्व डीजी अजीत पारसनिस हैं जो इस समय ट्रेनिंग सेंटर की अपनी ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं।ट्रेनिंग मे प्रवीण दिक्षित के जाते जाते क्राइम अगेंस वोमेन और जांच के दौरान लीगल पहलुओं को लेकर लेक्चर हुए इस दौरान कई विभाग के लोगों की मौजूदगी रही जिसमें फॉरेंसिक साइंस, फॉरेंसिक डॉक्टरों के साथ साथ दूसरे काई विभाग के लोगों की मौजूदगी रही।हालांकि एक लेक्चर के दौरान नए डीजी सतीश माथुर की भी मौजूदगी रही लेकिन इन सारे लेक्चर के लिए पूर्व डीजी प्रवीण दिक्षित की इजाजत मिलने के बाद इसे अंजाम दिया गया।लेक्चर लेने के लिए कानूनी इजाज़त जो कि डीजी आफिस से मिलती है उसमे अड़चन के चलते नए डीजी के आने के बाद अबतक उन्हें इजाज़त नहीं मिल सकी जिसकी वजह से नए डीजी के आने के बाद के जो प्लान ट्रेनिंग के लिए बनाए गए वह अब तक वैसे ही रह गए।उस पर सब से बड़ी समस्या यह कि ट्रेनिंग सेंटर से संबंधित डीजी ऑफिस के 2 बड़े अधिकारियों का तबादला होजाना जिसकी वजह से ट्रेनिंग के लिए लेने वाले विषय पर लेक्चर के लिए इजज़ात देने वाला कोई है ही नहीं क्योंकि किस विषय पर ट्रेनिंग लेना है उसके लिए 2 अधिकारी की सोच विचार के बाद ही राज्य के डीजी यानी सतीश माथुर इजाजत देते हैं।लेकिन उनके न होने की वजह से डीजी की तरफ से अब तक ट्रेनिंग के लिए इजाज़त ही नहीं मिल सकी।ऊपर से पुलिस वालों के बंदोबस्त की वजह से ट्रेनिंग सेंटर में लेक्चर न के बराबर हो गए।
दर असल ट्रेनिंग सेंटर में नए डीजी सतीश माथुर के आने के बाद अब तक उनकी तरफ से किसी भी तरह की कोई लेक्चर न होने के पीछे की बड़ी वजह यह मानी जाती है कि सतीश माथुर खुद अजीत पारसनिस से आहदे में जूनियर हैं।भले ही वह आन ड्युटी हों और पूर्व डीजी अजीत पारसनिस ने खुद बताया है कि उन्होंने नए विषय को लेकर लेक्चर के लिए इजाजत मांगी हैं लेकिन अबतक उन्हें इजाजत नहीं मिली।हालांकि इसके पीछे की वजह यह कही जाती है कि 2 वरिष्ठ अधिकारी जो उस विषय पर चर्चा कर फाइल को आन ड्युटी डीजी के पास भेजते हैं वह नहीं हैं इसलिए इजाजत नहीं मिली।तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या वरिष्ठ अधिकारियों की जब नियुक्ति नही होगी तब तक क्या ट्रेनिंग सेंटर में कीसी भी विषय को लेकर लेक्चर ही नहीं होगा।
सच्चाई यही है कि पूर्व डीजी और नए डीजी के बीच जो अहं का मसला चल रहा है उसीस वजह से आन ड्युटी डीजी ट्रेनिंग सेंटर मे किसी भी विषय पर किसी भी लेक्चर को लेकर गंभीर ही नहीं है सी लिए अजीत पारसनिस के ज़रिए मांगी गई इजाजत का अब तक उन्हें जवाब ही नहीं मिला और इस इजाजत न मिलने की वजह ट्रेनिंग सेंटर में कई महीनों से लेक्चर नहीं हो रहे हैं।अजीत पारसनिस और प्रवीण दिक्षित के संबंध बेहतर होने की वजह से जब तक दिक्षित आन ड्युटी थे तब तक किसी भी तरह से कोई मसला नहीं था इसी लिए हमेशा ट्रेनिंग सेंटर में किसी न किसी विषय को लेकर ट्रनिंग दी जाती थी और कभी भी लेक्चर बंद नहीं हुए।अब जब दो वरिष्ठ अधिकारियों के होने के बाद अगर लेक्चर नहीं है तो सवाल उठना ज़रूरी है कि आखिर पुलिस वालों के फिर बेसिक ट्रेनिंग देगा कौन।
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