शाहिद अंसारी
मुंबई : दक्षिण मुंबई में सोशल क्लब की आड़ में चल रहे जुए के अड्डे को मुंबई पुलिस बंद करने मे ंनाकाम साबित हुई। आलम यह है कि मुंबई के बड़े कॉलेज विल्सन कॉलेज भवन कॉलेज के बगल में और स्थानी पुलिस थाना गामदेवी के पास भी धड़ल्ले से जुए का यह अड्डा चल रहा है। अशीश सोशल क्लब के नाम से चलाए जा रहे इस क्लब में रोज़ाना करोड़ों रूपए लोग जुए में उड़ा देते हैं और किसी भी पुलिस अधिकारी की हिम्म्त नहीं कि इसे बंद करवा सके। हालांकि दक्षिण मुंबई में बतौर एडिशनल सीपी का कार्यभार संभालने वाले प्रवीण पटवल ने इसे बंद करने का आदेश जारी किया लेकिन मात्र एक महीने के अंदर ही पटवल की यह सख्ती खत्म हो गई और उन्हें पीछे हटना पड़ा। दक्षिण मुंबई में हमेशा की तरह सोशल क्लब की आड़ में जुए के अड्डे का यह गोरख धंधा धड़ल्ले से पनप रहा है। यह कारोबार अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है इसके कस्टमर हाई प्रोफाइल लोग होते हैं और यही वजह है कि इसे बंद कराने में मुंबई पुलिस के पसीने छूट गए क्योंकि जिस आईपीएस अधिकारी ने नियम और कानून का सहारा लेकर इसे बंद करवाया एक महीने के बाद वही मुंबई पुलिस ने आंखें बंद कर के इसे धड़ल्ले से चलाने का भी आदेश जारी कर चुकी है क्योंकि जुए के इस अड्डे से उनकी भी मोटी कमाई होती है। आलम यह है कि तू चुप मैं चुप तू खुश मैं खुश की कहावत को सच साबित करते हुए सोशल क्लब की आड़ में जुए के अड्डे चलाए जा रहे हैं।
सोशल क्लब की आड़ में क्या क्या होता है
जुए में तीन पत्ती और रम्मी खेली जाती है और इसके साथ साथ अगर बड़े पैमाने पर पैसों के वारे न्यारे करने होते हैं तो उसके लिए सोशल क्लब के नाम से चलाए जाने वाले इस अड्डे में अलग से व्यवस्था की जाती है। दक्षिण मुंबई में चौपाटी पर मौजूद अशीश क्लब और लेमिंगटन रोड पुलिस थाने के पास मौजूद क्लब चलाए जाते हैं। इनमें एक घंटे में तकरीबन 1 लाख की कमाई होती है और दिन भर में 15 घंटे क्लब चलते हैं इस तरह से एक क्लब की कमाई एक महीने की तकरीबन 4 से 5 करोड़ रूपए तक होती है।
कहां कहां चलते हैं जुए के अड्डे
साउथ मुंबई में सी.सी.जी क्लब , रेडियो क्लब , पारसी क्लब , बॉम्बे जिमखाना , इस्लाम जिमखाना , मर्चेंट क्लब , गरवारे क्लब इन सारी जगहों पर सोशल क्लब के नाम से जुए के अड्डे चलाए जाते हैं चूंकि इन जगहों के सदस्य हाई प्रोफाइल लोग होते हैं इसलिए स्थानी पुलिस भी किसी तरह की रोक टोक किए बिना मलाई खाते हुए इसके लिए अपनी आँखों पर पट्टी बाँध लेती है।
सोशल क्लब के नियम क्या हैं ?
सोशल क्लब के लिए सरकार द्वारा बनाए गए नियम में स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी जाती है कि यहां पर जुआ खेलना सख्त मना है अगर कोई जुआ खेलते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ़ गैमबलिंग ऐक्ट के तहेत कार्रवाई की जाएगी। नियम और कानून में सब से पहले बताया गया है कि सोशल क्लब में शोर शराबा नहीं होना चाहिए , और यह इलाके में रहने वालों के लिए तकलीफ़देह नही होना चाहिए , यहां के जो कस्टमर हैं उनकी कारों की पार्किंग से रोड पर समस्या नहीं होनी चाहिए , यहां पर मौजूद एक टेबल पर सिर्फ़ चार लोग होने चाहिए और एक टेबल से दूसरी टेबल तक के लिए 6 फिट का फासला होना चाहिए , यहां शराब नहीं पी जा सकती और न बेची जा सकती है।इस के साथ साथ 50 से ज़्यादा तरह की गाइड लाइंस होती है जिस पर सोशल क्लब चलाने वालों को हर हाल में अमल करना होता है लेकिन नियम कानून को ताक पर रख कर और स्थानी पुलिस की मेहरबानी से सोसल क्लब का लाएसेंस लेकर उसे जुए के अड्डे मे तब्दील कर दिया जाता है।
हमने इस बारे में एडिशनल कमिश्नर प्रवीण पटवल से बात करनी चाही लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया लेकिन स्थानी पुलिस थाने गामदेवी के सीनियर पीआई नेताजी भोपाले से जब संपर्क किया तो उन्होंने चौंकते हुए जवाब दिया कि चालू था हमने बंद करवा दिया है।
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