शाहिद अंसारी
मुंबई : मुंबई के महंगे और बड़े हॉस्पिटल में शुमार होने वाले सैफी हॉस्पिटल के द्वारा एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है जिसके बाद हॉस्पिटल में खलबली मची हुई है।
मामला है मदनपूरा इलाके के रहने वाले मुज़म्मिल अंसारी के परिवार का जिन्होंने अपनी पत्नी की डिलेवरी के लिए उन्होंने सैफी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। सब कुछ बेहतर रहा और उन्हें बच्ची पैदा हुई। हॉस्पिटल से बच्ची और अपनी पत्नी की जो दवा लिखी गई थी उसके मुताबिक उन्होंने एलाज जारी रखा। लेकिन उनके होश उस वक्त उड़ गए जब उनकी नज़र केस पेपर पर पड़ी। उनके पास जो दवाओं की लिस्ट थी है वह उनकी नहीं बल्कि मज़ना सुपारीवाला नाम की किसी दूसरी महिला मरीज़ की थी। घबराए हुए मुज़म्मिल ने जब सैफी हॉस्पिटल से संपर्क किया और इस बात की शिकायत की तो सैफी हॉस्पिटल के लोगों के पांव तले ज़मीन खिसक गई और वह वह मज़ना सुपारीवाला के केस पेपर मांगने लगे। जिस पर मुजम्मिल ने कहा कि जब तक लिखित में सैफ़ी हॉस्पिटल अपनी गलती स्वीकार नहीं करेगा मैं दूसरे मरीज़ के केस पेपर वापस नहीं करूंगा।
1 रूपीज़ क्लीनिक के डायरेक्टर डा. राहुल घुले ने बताया कि यह बहुत बड़ी लापरवाही है और इस तरह से नहीं होन चाहिए किसी दूसरे मरीज़ की दवा किसी दूसरे मरीज़ को अगर खिलाई जाए तो उसके लिए नुकसादेह साबित हो सकता है। जनता सरकारी हॉस्पिटल छोड़ कर अगर इतने बड़ा हॉस्पिटल में जाती है तो इस लिए जाती है कि पैसे खर्च हों लेकिन एलाज बेहतर हो। सैफ़ी हॉस्पिटल मुंबई ही नहीं देश विदेश में भी इसका नाम है और अगर वहां इस तरह की लापरवाही होती है तो यह चिंताजनक है।
वहीं हमने इस मामले को को लेकर सैफ़ी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर डिसा का पक्ष जानने की कोशिश की तो डिसा ने गोल मोल जवाब देते हुए कहा कि वह मीटिंग में हैं।
वहीं इस बारे में पूर्व आईपीएस अधिकारी और वरिष्ठ वकील वाई. पी. सिंह ने कहा कि इस मामले में सख्त से सख्त जांच होनी चाहिए और लापरवाही करने वालों के खिलाफ़ मामला दर्ज होना चाहिए।
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