बॉम्बे लीक्स ,उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 8 अप्रैल को यूपी में देवरिया का दौरा होने जा रहा है।बता दें कि सीएम योगी का अपने दूसरे कार्यकाल में देवरिया जिले का यह पहला दौरा होगा।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीएम योगी अपने पहले दौरे के बीच जिले को 479.77 करोड़ रुपये की सौगात के साथ साथ 223 परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करेंगे।सीएम योगी का उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की शुरुआत के बीच देवरिया का पहला दौरा और परियोजना की झड़ी काफी अहम मानी जा रही है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कभी भी निकाय चुनाव का एलान हो सकता है।ऐसे में केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार ताबड़तोड़ परियोजनाओ और दौरे को त्रिव रूप दे रही है।देवरिया में सीएम योगी के तय कार्यक्रम के सबसे पहले योगी भलूअनी ब्लॉक के बहोर धनोती गांव में पहुंचेंगे। यहां वह एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन करेंगे।बहोर धनौती गांव गोरक्षनाथ मंदिर के पुरोहित का गांव है और उनकी पत्नी मरजादी देवी के नाम पर यहां स्वास्थ्य केंद्र खोला गया है। इसी प्राइमरी हेल्थ सेंटर का उद्घाटन सीएम के हाथों होना है।इस गांव के लोग लंबे समय से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की मांग कर रहे थे।बता दें कि सीएम के दौरे को लेकर पिछले तीन दिनों से गांव में युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं।स्कूल ,सड़क और सार्वजनिक स्थलों को सजाया गया है। वहीं जिस स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन मुख्यमंत्री करेंगे इस स्वास्थ्य केंद्र के वजह से इस ग्रामीण इलाके में हजारों लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया होगी।सीएम के दौरे को देखते हुए दोपहर 12 बजे से कार्यक्रम की समाप्ति तक भारी वाहनों का डायवर्जन रहेगा. गोरखपुर की तरफ से आने वाले भारी व्यवसायिक वाहनों को बैतालपुर व पुरवा चौराहा से डावर्जन किया जाएगा।रामपुर कारखाना मार्ग की तरफ से आने वाले भारी व्यवसायिक वाहनों को भीमपुर बाईपास से डायवर्जन किया गया है।हालांकि देखा जाए तो सीएम योगी ने इससे पहले अपने कोशम्भी दौरे के बीच तोहफा देने से गुरेज किया।क्योंकि लोककसभा चुनाव के ठीक एक साल पहले और इसी माह संभावित नगर निकाय चुनाव के दौरान हुए कौशाम्बी महोत्सव से दोआबा को काफी उम्मीदें थीं। ऐसे मौके पर देश के गृहमंत्री और सूबे के मुखिया आएंगे तो कुछ न कुछ तोहफा देकर ही जाएंगे। हालांकि, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ आए। जिले को छह अरब से अधिक की परियोजनाओं की सौगात दी, लेकिन दोआबा की झोली फिर भी खाली ही रह गई। विकास में काफी पिछड़े जिले को कुछ नया नहीं मिलने से लोग मायूस है।कौशाम्बी महोत्सव को लेकर भले ही पूरी कसरत सरकारी मशीनरी ने की हो, लेकिन हकीकत में यह कार्यक्रम कौशाम्बी विकास परिषद का है। जब से परिषद ने इस आयोजन की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है, तब से लेकर अब तक दो बार महोत्सव मनाया जा चुका है।सबसे पहले वर्ष 2017 में फिर दूसरी बार वर्ष 2018 में यह आयोजन हुआ था। पहली बार जब महोत्सव मनाया गया तब भाजपा प्रदेश में सत्ता हासिल कर चुकी थी, लेकिन नई-नई सरकार बनी थी, इसलिए उस वक्त दल का कोई बड़ा चेहरा महोत्सव के मंच की रौनक नहीं बढ़ा सका था।वर्ष 2018 में जब आयोजन हुआ तो पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका उद्घाटन करने आए। जिला मुख्यालय मंझनपुर के डायट मैदान में सजे पंडाल के मंच से सूबे के मुखिया ने कौशाम्बी को बौद्ध सर्किट से जोड़ने की घोषणा की थी। जिले से होकर गुजरने वाले राम वन गमन मार्ग की घोषणा भी यहीं पर की थी। अपने आप में दोनों ही प्रोजेक्ट कौशाम्बी के लिए किसी बड़ी सौगात से कम नहीं थे।
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