बॉम्बे लीक्स ,नई दिल्ली
अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग मामले पर फैसला आने के बाद दिल्ली सरकार एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट के सामने सर्विसेज विभाग के सचिव के ट्रांसफर का मुद्दा उठाया गया है।सीएम केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया है कि केंद्र अधिकारियों का ट्रांसफर नहीं करने दे रहा है। दिल्ली सरकार ने CJI के समक्ष कहा कि केंद्र दिल्ली सरकार के सर्विसेज विभाग के सचिव का ट्रांसफर नहीं कर रहा है।वहीं सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।सीजेआई ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वो अगले हफ्ते बेंच का गठन करेंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आम आदमी पार्टी की सरकार प्रशासनिक अधिकारी का तबादला नहीं कर पा रही है। जिसके बाद आप ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। आप की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट नई पीठ के गठन के लिए तैयार हो गया है। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते नई पीठ का गठन करने जा रहा है,जोकि आम आदमी पार्टी की दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने दिल्ली सरकार सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे का तबादला कर दिया। क्योंकि दिल्ली सरकार मोरे की जगह 1995 बैच के आईएएस अधिकारी और दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सीईओ एके सिंह को सेवा विभाग का सचिव बनाना चाहती है। ऐसे में आम आदमी पार्टी ने आरोप है कि केंद्र सरकार मोरे के तबादले को लागू ही नहीं कर रही है। जिसके बाद आप को फिर से सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ा है।सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केंद्र के फैसले से कोर्ट की अवमानना हो सकती है। आप की याचिका पर सुनवाई के बाद देश के मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले पर सुनवाई के लिए अगले हफ्ते तक नई पीठ का गठन करने की बात कही है। वहीं दिल्ली एलजी सचिवालय और सेवा विभाग के सूत्रों ने दावा किया है कि सचिव सेवा का ट्रांसफर अवैध, मनमाना और निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन किये बिना है।सूत्रों ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आधिकारिक प्रति आने से पहले मंत्री के आदेश आ गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए स्पष्ट रूप से कहा था कि पुलिस, पब्लिक ऑर्डर और लैंड का अधिकार केंद्र के पास ही रहेगा।
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