बॉम्बे लीक्स ,महाराष्ट्र
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए हैं। राज्य सरकार ने दिसंबर 2021 में जारी निलंबन आदेशों को भी रद्द कर दिया और कहा कि निलंबन की अवधि में वह ड्यूटी पर थे।
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनी पूर्व महाराष्ट्र सरकार द्वारा परमबीर सिंह पर दर्ज सभी मुकदमे वापिस हो गए है।वर्तमान शिंदे सरकार ने परमबीर पर लगे सभी आरोपों को वापिस ले लिया है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ सभी आरोप हटा लिए हैं।राज्य सरकार ने दिसंबर 2021 में जारी निलंबन आदेशों को भी रद्द कर दिया और कहा कि निलंबन के दौरान माना जाए कि वह ऑन-ड्यूटी थे। सिंह के खिलाफ मुंबई और आसपास के ठाणे में जबरन वसूली से संबंधित कम से कम चार प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।लेकिन अब राज्य के गृह विभाग ने बुधवार को उनके निलंबन को रद्द करने का आदेश जारी किया।राज्य सरकार के संयुक्त सचिव वेंकटेश भट द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया, “अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 के नियम 8 के तहत परम बीर सिंह, आईपीएस (सेवानिवृत्त) के खिलाफ जारी दिनांक 02/12/2021 के आरोपों का ज्ञापन वापस लिया जा रहा है और उक्त मामले को बंद किया जा रहा है।निलंबन से संबंधित एक अन्य आदेश में कहा गया है, “अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के प्रावधानों के अनुसार, इस आदेश से परम बीर सिंह, आईपीएस (सेवानिवृत्त) का निलंबन रद्द किया जाता है और निलंबन की अवधि 02/12/2021 से 30/06/2022 तक सभी उद्देश्यों के लिए ड्यूटी पर बिताई गई अवधि मानी जाएगी।महाराष्ट्र सरकार द्वारा सभी आरोप हटाए जाने पर परमबीर सिंह ने फ़ोन पर बातचीत में पहली प्रतिक्रिया दी।सभी आरोपो से मुक्त होने पर सिंह ने कहा कि – ‘यह बड़ी राहत है. मै कृतज्ञ हूं।दरअसल महाविकास अघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान परमबीर सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे। उस समय अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृह मंत्री थे। परमबीर सिंह ने कहा था कि अनिल देशमुख ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को 100 करोड़ का हफ्ता वसूलने का टारगेट दिया था। इन आरोपों के बाद देशमुख को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
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