बॉम्बे लीक्स ,दिल्ली
दिल्ली में पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड का फैसला आ गया है। इस मामले में दिल्ली के साकेत कोर्ट ने 5 आरोपियों को दोषी करार दिया। 26 अक्टूबर को इन्हें सजा सुनाई जाएगी। हत्याकांड में शामिल पांचों आरोपियों पर दिल्ली पुलिस ने मकोका लगाया गया था।
गौरतलब है कि 25 साल की सौम्या विश्वनाथन हेडलाइंस टुडे की पत्रकार थीं। 30 सितंबर 2008 को दिल्ली के वसंत विहार में आधी रात उनकी हत्या कर दी गई थी। वे ऑफिस से अपनी कार से वापस घर आ रही थीं।इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने दावा किया था कि हत्या के पीछे का मकसद लूटपाट था।पुलिस के मुताबिक जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी से सौम्या की हत्या के मामले का खुलासा हुआ। ट्रायल कोर्ट ने 2017 में जिगिशा घोष हत्या मामले में रवि कपूर और अमित शुक्ला को मौत की सजा और बलजीत मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।हालांकि हाईकोर्ट ने रवि कपूर और अमित शुक्ला की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था और जिगिशा हत्या मामले में बलजीत मलिक की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था।हत्या के दोषी पांचों लोग मार्च 2009 से हिरासत में हैं।वही फैसला आने के बाद सौम्या की मां ने कहा कि हम दोषियों के लिए उम्रकैद की मांग करते हैं, उन्हें वही भुगतना चाहिए जो हमने झेला है।दिल्ली की साकेत कोर्ट ने फैसला सुनाते में इस मामले में आरोपी रवि कपूर, अमित शुक्ला, अजय कुमार और बलजीत मलिक को हत्या का, जबकि पांचवें आरोपी अजय सेठी को IPC की धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) के तहत दोषी ठहराया गया है।साउथ दिल्ली की जिला अदालत साकेत कोर्ट ने बचाव और अभिययोजन पक्ष की दलीलें पूरी होने के बाद 13 अक्टूबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया थाम इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ मकोका के तहत आरोप तय किए गए थे।मकोका के तहत आरोप लगाए जाने के बाद अभियोजन पक्ष को यह साबित करना था कि ये 5 आरोपी एक संगठित अपराध ‘गिरोह’ का हिस्सा हैं और हिंसक अपराध के कई मामलों में शामिल हैं। इन लोगों को 2018 में जिगिशा घोष मर्डर केस और नदीम मर्डर केस में दोषी ठहराया गया था, लेकिन संगठित अपराध के सबूत में महीनों और वर्षों की देरी देखी गई।
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