बॉम्बे लीक्स ,मुंबई
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार के मंत्री द्वारा मुंबई में टीपू सुल्तान के नाम पर बाग का नाम रखे जाने के बाद महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मची हुई है।जिसके बाद महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मौजूद एक खेल परिसर का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के विरोध में बजरंग दल के प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने इस विरोध-प्रदर्शन को लेकर भाजपा को निशाने पर लेते हुए भाजपा और हिन्दू संघटनो पर हमला बोला है।
देखा जाए तो तमाम हिन्दू संघटनो के साथ साथ भारतीय जनता पार्टी द्वारा टीपु सुल्तान बाग का विरोध किया जा रहा है।भाजपा ने विरोध जताते हुए दावा किया कि 18वीं शताब्दी के मैसूर के शासक ने हिंदुओं का उत्पीड़न किया और किसी सार्वजनिक स्थान के लिए उनका नाम अस्वीकार्य है। वही महाराष्ट्र के मंत्री असलम शेख ने मालवानी क्षेत्र के बाग में नयी सुविधाओं का उद्घाटन किया और कहा कि इस बाग का नाम हमेशा टीपू सुल्तान के नाम पर ही था और कोई नया नाम नहीं रखा गया है।कांग्रेस नेता एवं महाराष्ट्र राज्य सरकार में मंत्री असलम शेख ने कहा है कि पिछले 70 साल में टीपू सुल्तान के नाम पर कोई विवाद नहीं था। आज भाजपा ने देश को बदनाम करने और परियोजनाओं के नाम पर विवाद खड़ा करके विकास न होने देने के लिए अपने गुंडे भेजे हैं। असलम ने कहा कि नामकरण को लेकर हम विवाद नहीं चाहते हैं। कहा कि टीपू सुल्तान एकमात्र ऐसे योद्धा थे जिन्होंने स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों से लड़ते हुए अपना बलिदान दिया था। आज का कार्यक्रम परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए था। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा राज्य और जनता के विकास से संबंधित मुद्दों पर बात करने के स्थान पर नाम पर किसलिए ध्यान लगा रही है।
देखा जाए तो मुंबई मलाड का मालवणी इलाका असलम शेख का ही विधानसभा क्षेत्र है। असलम कांग्रेस कोटे से शिवसेनानीत महाविकास आघाड़ी सरकार में मंत्री हैं। उन्होंने अपनी विधायक निधि से इस स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का निर्माण करवाकर इसका नाम ‘सदर वीर टीपू सुल्तान क्रीणा संकुल’ रखा है। ऐसे में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स को टीपू सुलतान का नाम दिए जाने पर भाजपा के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदूवादी संगठन तमाम तरह के सवाल उठा रहे हैं। हिन्दू संघटनो के अनुसार इसे रोका जाना चाहिए। उनका कहना है कि महाराष्ट्र संतों की भूमि रहा है। ऐसे में यहां किसी बर्बर हिंदू विरोधी के नाम पर किसी परियोजना का नामकरण निंदनीय है।
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने भी टीपू सुलतान नाम के कांप्लेक्स की फोटो के साथ सीएम उद्धव ठाकरे को घेरने की कोशिश की है।भाजपा ने सीएम ठाकरे के उस बयान पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है ,जिसमे ठाकरे ने बयान दिया था कि उन्होंने भाजपा छोड़ा है,हिंदुत्व को नही छोड़ा।भाजपा ने सीएम ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा है कि काम्प्लेक्स का निर्माण उंसके नाम पर किया जा रहा है जिसने हजारों हिंदुओं की हत्या की थी और हिंदू मंदिरों को तोड़ा था। सवाल किया कि क्या शिवसेना अब उसे पसंद करने लगी है।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री असलम शेख को जब इस काम्प्लेक्स का उद्घाटन करना था तो ऐसे में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल व भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा उद्घाटन समारोह से पहले ही संकुल के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन व हंगामा करना शुरू कर दिया।जिसके बाद मुंबई पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना था कि वह छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती पर आतताई टीपू सुल्तान के नाम पर किसी परियोजना का नामकरण नहीं होने देंगे। वही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा है कि एक अत्याचारी के नाम पर इस तरह के नामकरण किए जाने का अर्थ है कि हम उस अत्याचार का महिमामंडलन कर रहे हैं। वही कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने दावा किया कि दो दिन पहले प्रधानमंत्री जिन सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का उद्घाटन किया है, उन सुभाष चंद्र बोस ने भी टीपू सुल्तान को शहीद बताकर उनका सम्मान किया था। टीपू सुल्तान की सेना में दो सिंहों का जो प्रतीक चिह्न उपयोग किया जाता था, उस उपयोग अपनी आजाद हिंद फौज के झंडे व गणवेश पर सुभाषचंद्र बोस ने किया था। इसलिए भाजपा को चुनावी लाभ के लिए ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।
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