भिवंडी : सियासी समाजी और सार्वजनिक जिल्लत करना किसे कहते हैं यह मजलिस इत्तहदुलमुस्लमीन के लीडर अकबर उद्दीन ओवैसी से बेहतर शायद कोई भी सियासी लीडर नहीं कर सकता। इसकी जीती जागती मिसाल भिवंडी में आए अकबरुद्दीन ओवैसी के भाषण में देखने को मिली जब ओवैसी इस इलाके में आए उन्होंने भाषण तो दिया लेकिन पूरे भाषण में उन्होंने यहां के उम्मीदवार का न तो नाम लिया और न ही जनता से उन्हें वोट देने के लिए कहा। लेकिन इस से भी बड़ी जिल्लत एक और है जिसे देख कर आपको यकीन आजाएगा कि वाकई जलील करने में ओवैसी बंधु का कोई भी हाथ नहीं पकड़ सकता।
अकबर उद्दीन ओवैसी तकरीर कर रहे थे और उनके बाजू में एक शख्स हाथ में फूलों का हार लिए खड़ा है इस शख्स को शायद ओवैसी जानते नहीं हैं या जान के भी अंजान बन रहे लेकिन यह शख्स उन्हें हार पहनाने के लिए ऐसे ठान के बैठा है जिसे गले पड़ना कहते हैं।
अकबर ओवैसी का भाषण खत्म होता है और यह शख्स हार पहनाने के लिए भी कहता है लेकिन ओवैसी ने मुंडी हिलाते हुए इंकार और नजरअंदाज करते हुए निकल जाते है। इंकार का यह वीडियो आपके सामने है । जो अब इंटरनेशनल जिल्लत की शक्ल में उभर कर सामन आ रहा है।
अकबर ओवैसी का हमने आपको परिचय दे दिया अब इस शख्स का भी परिचय दे देते हैं इनका नाम वारिस पठान है कभी मुंबई के भायखला इलाके से विधायक चुन कर आए । विधायक बनने के बाद तेवर सातवें आसमान पर लेकिन उसके बाद इन्हें शिकस्त कांसमना करना पड़ा । 2024 में भायखला से चुनाव लड़ने की ठान ली लेकिन मजलिस के ही एक लीडर ने उनको सियासी ज़िला बदर करवा दिया इन्हें भिवंडी से चुनाव लड़ने के लिए मजबूर कर दिया । अब आप सोचें देखें गैर करें कि जब मजलिस के लीडर ने ही इनके लिए जनता से वोट नहीं मांगा और इन्हें भाव तक नहीं दिया तो जनता कहां से देगी।
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