शाहिद अंसारी
मुंबई:2611 आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड ज़कीउर्रहमान लखवी को NIA ने पंजाबी आतंकी संगठन बबर खालसा इंटरनेशनल का कमांडर बताया है।आपको यह जानकर हैरानी होगी लेकिन यही सच है और इस सच को जानने के लिए आप NIA की वेबसाइट पर देख सकते हैं।जहां लखवी की पूरी जानकारी दी गई है उसके घर का पता पाकिस्तान का दिया गया है लेकिन संस्था बबर खालसा बताई गई है।
अब NIA की वेबसाइट पर हिन्दी सेक्शन में जाकर लखवी की तफ़्सील अगर देखी जाए तो लखवी बबर खालसा इंटरनेशनल आतंकी संग्ठन से सम्बंध रखता है या पाकिस्तानी आतंकी संग्ठन लशकर-ए-तैबा से यह अंदाज़ा लगाना मुश्किल होगया है।वेबसाइट पर लखवी के नाम चाचा जी,छोटा चाचा जी,छोटा चाचा,ज़ाकिर रहमान लखवी,काकीउर्रहमान लखवी,ज़ाकिर रहमान,अबू वहीद,इरशाद अहमद,अरशद बताया गया है जबकि इसका पता पाकिस्तान का ही है।
ज़कीउर्रहमान लखवी को भारत में 2611 आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड क़रार देते हुए भगोड़ा घोषित किया गया है जांच एजेंसियों ने उसे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लशकर-ए-तैबा का कमांडर बताया है।लेकिन NIA ने अपनी वेबसाइट पर लखवी को पंजाब के आतंकी संगठन बबर खालसा इंटरनेशनल का कमांडर बताया है NIA ने साल 2009 में उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी की है।
अब ऐसे मे सवाल उठना लाज़मी है कि इस आतंकी पर भारत के खिलाफ़ 2611 हमलों की साज़िश रचने का आरोप है इसकी पूरी जानकारी NIA के पास है बावजूद इसके लश्कर-ए-तैबा का कमांडर लिखने के बजाए बबर खालसा इंटरनेशनल आतंकी संग्ठन लिखने की गलती कैसे करसकती है।हालांकि NIA की वेबसाइट कुछ दिन पहले ही अपडेट की गई है।लेकिन लखवी के संगठन की जानकारी वेबसाइट पर गलत कैसे होसकती है जबकि पूरी दुनिया को लखवी के और उसके आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैबा के बारे में जानकारी है तो NIA से चूक कैसे होसकती है।
NIA ने अपनी जांच में हाफिज़ सईद,ज़कीउर्रहमान लखवी,साजिद माजिद उर्फ़ वसी,इलियास कशमीरी,अब्दुर्रहमान हाशिम सय्यद उर्फ मेजर अब्दुर्रहमान,मेजर इक़्बाल,मेजर समीर समेत कुल 9 आरोपियों के खिलाफ़ वारेंट जारी किया है।
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकीउर-रहमान लखवी समेत सात लोगों को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था।एटीएस 2009 से इन पर मुकदमा चला रही है लेकिन लखवी को दिसंबर 2014 में जमानत मिल गई उसे 10 अप्रैल को रावलपिंडी की अडियाला जेल से छोड़ दिया गया लाहौर हाईकोर्ट ने लखवी को फिर से गिरफ्तार करने के सरकारी आदेश को खारिज कर दिया था।
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