शाहिद अंसारी
मुंबई:महाराष्ट्र ऐंटी करप्शन ब्युरो मुंबई स्तिथ हेडक्वार्टर में फाएर प्रूफ लॉकर मंगाए गए हैं इस फाएर प्रूफ लॉकर में ACB के अहम दस्तावेज़ और फाइलें रखी गई हैं और उनपर नज़र रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।दर असल इसके पीछे के एक बड़ी वजह यह है कि जिस तरह से कांग्रेस एनसीपी की सत्ता के समय मंत्रालय में आग लग गई थी और कई अहम फाइलें जल कर खाक होगई थी कई अहम रिकार्ड भी जल गए जो आजतक नहीं मिले।और उसको इकट्ठा करने में जिस तरह से राज्य सरकार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ऐसी नौबत इस विभाग की ना आए इसलिए वरिष्ठ अधिकारियो ने यह कदम उठाया।
दरअसल महाराष्ट्र ऐंटी करप्शन ब्युरो मे डीजी प्रवीण दिक्षित के आने के बाद बडे बडे घोटालों को उजागर किया गया और उनकी जांच भी चल रही है भ्रष्टाचार के अधिकतर मामलों में एनसीपी के कद्दावर नेता शामिल हैं।इनमें अजीत पवार,छगन भुजबल,सुनील तटकरे के साथ साथ कई अन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ़ कार्रवाई जारी है।हालांकि दिक्षित के जाने के बाद और चार्जशीट दाख़िल करने में जो कानूनी प्रक्रिया पूरी करने में समय लग रहा है उसका कोई भी आरोपी फाएदा ना उठा सके इस बात का विशेष ध्यान रखते हुए यह कदम उठाया गया।
फाएर प्रूफ लॉकर मंगाने के पीछे की एक बड़ी वजह यह मानी जाती है कि कहीं ऐसा ना हो यह किसी की लापरवाही का शिकार यह विभाग होजाए जैसा की उमूमन संवेदनशील विभागों में सबूतो के साथ छेड़छाड़ की जाती है। इससे पहले ACB के में मौजूद अधिकारियों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम करलिए ताकि अजीत पवार,छगन भुजबल,समीर भुजबल, सुनील तटकरे कि जो फाइलें हैं वह सुरक्षित रहें।और अगर उस लॉकर के पास कोई पहुंच कर किसी भी तरह से लॉकर को या उन फाइलों को चोरी करने या नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो वह उस जगह पर लगे सीसीटीवी कैमरे मे कैद होजाएगा।क्योंकि इस फाएर प्रूफ लॉकर में इन सबके कच्चे चिट्ठे मौजूद हैं जो भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए कारआमद साबित होंगे।इस लॉकर में इन सब के अलावा कई बड़े घोटाले बाज़ों के कच्चे चिट्ठे मौजूद हैं।इस लिए हर एक इसे हथियाने की या सुबूत मिटाने की कोशिश करेगा हालांकि अब यह संभव नहीं।
ऐंटी करप्शन ब्युरे के एडिशनल एसपी वसंत देवरकर के मुताबिक मुबंई ACB मुंबई के लिए चार फाएर प्रूफ लॉकर मंगाए गए हैं जबकि राज्य भर के हर ACB कार्यालय के लिए आदेश जारी किया गया है कि वह अपने कार्यालय में फॉएर प्रूफ लॉकर मंगाऐं और उसमें अहम दस्तावेजों को रखें ताकि किसी भी तरह से किसी भी कार्यालय में आग लगने की अगर वारदात होती है तो वह सारे काग़ज़ात सुरक्षित रहेंगे।
दर असल ACB ने पिछले पांच सालों मे जिस तरह से कार्रवाई की है उसके बाद से ज़ाहिर सी बात है कि जिन जिन लोगों की कुंडली ACB के हाथ में है या जिनकी दुखती रग उनके हाथ मे है तो वह लोग किसी भी तरह से इस विभाग को नुकसान पहुंचाने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे जिस तरह से मंत्रालय मे आग लगने की वजह से कई अहम सुबूत और दस्तावेज जल गए।वह वारदात यहां ना दोहराई जाए इसलिए वक्त से पहले ही ACB ने यह पहल कर उन्हें सुरक्षित रख लिया।आज भी मंत्रायलय में जली फाइलें और दस्तावेज़ों को राज्य सरकार इकट्ठा करने में नाकाम रही।
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