बॉम्बे लीक्स, नई दिल्ली
नई दिल्ली : दिल्ली में विधानसभा का मानसून सत्र में विधायकों के वेतन बढ़ाये जाने का प्रस्ताव सदन के सभी विधायको द्वारा ध्वनिमत से पारित हो गया है। दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में विधायकों, मंत्रियों, चीफ व्हिप, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और लीडर ऑफ ऑपोजिशन के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी का बिल मंत्री पेश किया था।
सत्ता पक्ष और विपक्ष ने इसे ध्वनिमत से पारित किया।अब वित्त से जुड़े इस विधेयक को अब उपराज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद विधानसभा सदस्यों को नया वेतन मिलने लगेगा।राष्ट्रपति द्वारा इस प्रस्ताव को पास किये जाने के बाद दिल्ली के विधायकों को सैलरी के रूप में हर महीने 12 हजार की जगह 30 हजार रुपए मिलने लगेंगे।
यही नही इस प्रस्ताव में सैलरी के अलावा विधायकों के अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी हो जाएगी।जिसके बाद सैलरी और सभी भत्ते मिलाकर अब दिल्ली के विधायकों को हर महीने 90 हजार रुपए मिलेंगे।अब तक विधायकों को मिलने वाली राशि 54 हजार रुपए थी।
देखा जाए तो इससे पहले दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों के वेतन में अंतिम बार बढ़ोतरी 2011 में हुई थी।इससे पहले सदन की शुरुआत होने के बाद दिल्ली सरकार के विधि, न्याय व विधायी कार्य मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में वेतन बढ़ोत्तरी पर अलग-अलग संशोधन विधेयक पेश किया। इसके बाद विधानसभा सदस्यों समेत मंत्रियों ने इस पर चर्चा की।
वेतन बढ़ोत्तरी का स्वागत करने के बावजूद विधानसभा सदस्यों ने इसे नाकाफी बताया। साथ ही इसमें अतिरिक्त प्रावधान करने की मांग भी की। चर्चा में शिरकत करने हुए नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों के सहायक स्टाफ बढ़ाने की मांग की। साथ ही भरोसा दिया कि मंजूरी के लिए जरूरत पड़ने पर वह भाजपा का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से भी मिलेगा।
सैलरी में बढ़ोतरी से जुड़े प्रस्ताव में कुल 5 बिल आज सदन में पेश किए गए. इनमें मंत्रियों के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल, सदन के सदस्यों यानी विधायकों के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल, चीफ व्हिप के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल, विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल और नेता प्रतिपक्ष के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल शामिल हैं।
हालांकि मई महीने में केंद्र सरकार ने दिल्ली के विधायकों-मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।2015 में ही दिल्ली सरकार ने केंद्र को वेतन में बबढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन तब वो मंजूर नहीं हुआ।इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से मिले सुझाव पर दिल्ली विधानसभा ने दोबारा वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था।
जिसे केंद्र ने मंजूर कर लिया और दिल्ली कैबिनेट ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।दिल्ली सरकार की ओर से जारी डेटा के मुताबिक, सबसे ज्यादा सैलरी तेलंगाना में मिलती है।इसके अलावा उत्तराखंड में विधायकों को हर महीने 1.98 लाख रुपये मिलते हैं।
इसके अलावा हिमाचल में 1.90 लाख , हरियाणा में 1.55 लाख , बिहार में 1.30 हजार, राजस्थान में 1.42 लाख रुपये, आंध्र में 1,25,000 रुपये, गुजरात में 1,05,000 और उत्तर प्रदेश में 95,000 रुपये प्रति महीने सैलरी मिलती है।
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