बॉम्बे लीक्स ,बिहार
देश भर का दौरा कर नीतीश कुमार लगातार इस कोशिश में हैं कि बीजेपी के ख़िलाफ़ एक मजबूत मोर्चा बने। नीतीश कुमार कि सक्रियता से साफ़ है कि वे केंद्र कि राजनीति में सक्रिय हो चुके हैं, लेकिन इसी के साथ ये सवाल भी राजनीतिक गलियारे में उठ रहा है कि क्या वे लोकसभा चुनाव भी लड़ने वाले हैं। क्या वे नालंदा से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।बता दें कि नीतीश कुमार के लिए नालंदा के जदयू सांसद ने अपनी सीट छोड़ने का ऐलान भी कर दिया है।
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी विरोधी दलों को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं। विपक्षी नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैं। इन सब के बीच नालंदा सांसद ने बड़ा बयान दिया है। नालंदा लोकसभा सीट से जेडीयू के लोकसभा सांसद कौशलेंद्र कुमार ने नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है। जेडीयू सांसद के बयान के बाद कयास लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार नालंदा से चुनाव लड़ सकते हैं।वहीं नीतीश कुमार ने भी लोकसभा सीट नालंदा को लेकर मीडिया से बात कर ली है।नीतीश कुमार ने कहा कि अभी इस पर हमें कुछ नहीं कहना है। बता दें कि जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा था कि मैं नीतीश कुमार से अनुरोध करूंगा कि यह ( नालंदा ) उनकी पारंपरिक सीट है और मैं उनका प्रतिनिधि हूं। हम चाहते हैं कि वह देश के प्रधानमंत्री बनें।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संकेत दिया था कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद पटना में विपक्षी नेताओं की बैठक हो सकती है। नीतीश कुमार ने कहा कि हम निश्चित रूप से एक साथ बैठेंगे और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुछ नेता (कर्नाटक) विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। एक बार यह खत्म हो जाए, तो हम अपनी बैठक के स्थान को अंतिम रूप देंगे। अगर पटना को सर्वसम्मति से विपक्षी नेताओं की बैठक के अगले स्थान के रूप में चुना जाता है, तो इसे यहां आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पटना में इस बैठक को आयोजित करने में हमें खुशी होगी।नालंदा से लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर क्या करना है।इन सबकी चिंता आप लोग मत कीजिए।बता दें कि सीएम नीतीश कुमार इन दिनों केंद्र की राजनीति को लेकर काफी चर्चा में हैं। विपक्षी एकता की मुहिम में लगे हुए हैं। कांग्रेस के आला नेतृत्व से मुलाकात के बाद काफी सक्रिय दिख रहे हैं।हाल ही में उन्होंने इसको लेकर यूपी और बंगाल का दौरा पर गए थे।देखा जाए तो पिछले साल अगस्त में नीतीश के भाजपा छोड़ने के तुरंत बाद, ऐसी अटकलें लगायी जा रही थीं कि वह उत्तर प्रदेश से सटे फूलपुर से चुनाव लड़ सकते हैं।इस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कभी जवाहर लाल नेहरू किया करते थे और यहां के मतदाताओं में बड़ी आबादी कुर्मी जाति की है।लोकसभा चुनाव, 2024 में विपक्ष को एकजुट करके पूर्व सहयोगी भाजपा को हराने की बात करने वाले जद (यू) नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” की 100वीं कड़ी के प्रसारण पर टिप्पणी करने से हिचकते दिखे।पिछले साल नीतीश के राजग से बाहर होने के परिणामस्वरूप बिहार में सत्ता गंवाने वाली भाजपा नीतीश की राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव जैसे कद्दावर विपक्षी नेताओं के साथ मुलाकात करने से भड़की हुई है और उसने स्पष्ट रूप से दावा किया है कि 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए कोई रिक्ति नहीं है।
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