शाहिद अंसारी
मुंबई : पख्मोड़िया स्ट्रीट में हुसैनी बिल्डिंग हादसे में गिरफ्तार किए गए एसबीयूटी के मैनेजर शुएब हाशिम की ज़मानत सेशन कोर्ट से भी खारिज हो गई है। इस हादसे के लंबे समय तक आरोपी को अरेस्ट न करने के पीछे पोटे के ज़रिए पेटी लिए जाने का मामला सामने आया है जिसके बाद नीचे से लेकेर ऊपर तक के वरिष्ठ अधिकारी नाराज़ हैं और पोटे के ज़रिए लिए जाने वाली इस पेटी की जमकर चर्चा हो रही है। जानकारी में पता चला है कि कार्रवाई न करने और एसबीयूटी को मौज करने के लिए पोटे को 20 पेटी का नज़राना दिया गया था। इसी लिए मामला दर्ज होने के बाद भी आरोपी और एसबीयूटी ने कभी पुलिस थाने का रुख नहीं किया क्योंकि मामले से जुड़ी हर बात वह पोटे की केबिन में ही करते थे।
जानकारी में हौरान कर देने वाली एक और बात सामने आई है कि एसबीयूटी के जिस आरोपी शुएब हाशिम को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था असल में उसकी गिरफ्तारी 22 दिसंबर 2017 को ही होने वाली थी उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया था लेकिन पोटे और दूसरे साहिबा (वरिष्ठ अधिकारियों) की दखल के बाद उसे गिरफ्तार न करते हुए मौज करने के लिए छोड़ दिया गया था। उसके बाद वह इतने बेफिक्र हो गए थे कि उन्होंने गिरफ्तारी पूर्व जमानत लेने की भी अर्ज़ी नहीं दी क्योंकि पोटे को पेटी पहुंच चुकी थी लेकिन जैसे ही कोर्ट का डंडा पड़ा वैसी ही शुएब हाशिम की गिरफ्तारी हुई और इस गिरफ्तारी के बाद पोटे तुरंत बीमारी की छुट्टी लेकर रफू चक्कर हो गए थे वजह थी पेटी लेने के बाद डील फेल हो गए थी और इसका एसबीयूटी के सामने उन्हें जवाब देना पड़ता। लेकिन जैसे ही Bombay Leaks ने पोटे की गायब होने की ख़बर प्रकाशित की उसके बाद से ही पोटे को वापस हाजिर होना पड़ा। हमने डोंगरी डिवीज़न के एसीपी मंगेश पोटे से इस पेटी लेने वाली बात पर पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने किसी तरह का कोई जाब नहीं दिया।
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One Comment
Nitten
ED and the IT officials should raid houses and seize bank accounts of police officials and their relatives instead of troubling other people.