बॉम्बे लीक्स ,गुजरात
अहमदाबाद : राजस्थान में गहलोत बनांम पायलट की जंग तेज़ होने के बाद अब गुजरात में कांग्रेस के हार्दिक ने पार्टी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि उन्हें हिंदू होने पर गर्व है और वे राम भक्त है।हार्दिक के इस बयान के बाद भाजपा ने जमकर उनकी तारीफ कर डाली।जिसके बाद सवाल यह उठने लगा है कि क्या गुजरात चुनाव से पहले हार्दिक कांग्रेस को टाटा बाय बाय कहने वाले है।क्योंकि हार्दिक के बयान से कुछ ऐसे ही संकेत मिलने लगे है कि उनका अब पार्टी से मोह भंग हो चुका है।
सवाल लाज़िमी है कि एन गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले ही हार्दिक पटेल इस तरह का बयान देकर क्या संकेत देना चाहते है। हार्दिक इस समय गुजरात के कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष है।गुजरात में आगामी विधान सभा चुनाव को लेकर जहाँ सभी दल अपनी अपनी रूप रेखा तैयार करने में व्यस्त है।तो ऐसे समय में हार्दिक पटेल ने पार्टी हाईकमान पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए भाजपा की तारीफ कर डाली। हार्दिक के मुताबिक वो भगवान राम के भक्त है और वे अपने पिता की पुण्यतिथि पर भगवद गीता की 4,000 प्रतियां वितरित करने की बात कह चुके है।हार्दिक के मुताबिक वे हिंदू धर्म से हैं और उन्हें हिंदू होने पर बहुत गर्व है। हालांकि हार्दिक ने यह भी साफ किया है कि वे भाजपा के शक्तिशाली दुश्मन है।लेकिन राज्य की लड़ाई में कमतर समझने की वो भूल नही कर सकते।वही हार्दिक के राम भक्त होने के बयान पर गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने उनके बयान की काफी तारीफ कर डाली।पाटीदार आंदोलन से सियासत में आए गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए बागी तेवर अख्तियार कर लिए है। हार्दिक ने खुद को राम भक्त तो बताया लेकिन बीजेपी में जाने पर अभी अपने पत्ते नहीं खोले।हालांकि हार्दिक के बयान के बाद गुजरात भाजपा द्वारा उनकी तारीफ करना कोई बड़ी बात नही लेकिन जानकारों के मुताबिक गुजरात में पाटीदार नेता हादिक आने वाले कल में पार्टी के लिए कोई संकट जरूर खड़ा कर सकते है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने पार्टी हाईकमान से गुजरात प्रदेश नेतृत्व के प्रति नाराजगी जाहिर करी है। हार्दिक ने गुजरात कांग्रेस के नेतृत्व पर काम नही करने देने का आरोप लगाया है।इस मसले पर हार्दिक ने दिल्ली में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलकर अपनी बात रखी है।हार्दिक कहते है कि मुझे कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व से दिक्कत है।क्योंकि वे नहीं चाहते कि हार्दिक कोई काम करे और अगर कोई काम करेगा तो उसे करने नहीं देते हैं।कहा कि गुजरात कांग्रेस नेतृत्व के चलते आज गुजरात में विपक्ष के रूप में लोगों की हम आवाज उठाने में सक्षम नही हो पा रहे है।देखा जाए तो इससे पहले गुजरात कांग्रेस में वरिष्ठ नेतृत्व ने भी हार्दिक पटेल को सार्वजनिक रूप से न बोलने और व्यक्तिगत रूप से आंतरिक मामले पर चर्चा करने के लिए चेतावनी दी गई थी।बावजूद इसके हार्दिक लगातार प्रदेश नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े करते रहे है। गुजरात में कांग्रेस पार्टी में दरार साफ नजर आ रही है। पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव से महीनों पहले बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है।ऐसे में जब गुजरात चुनाव की रूप रेखा तैयार की जा रही है तो ऐसे समय में हार्दिक की नाराजगी और नेतृत्व पर आरोप किसी नए समीकरण की ओर बढ़ने के साफ संकेत देने लगे है।
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