• सकते में पश्चिम बंगाल भाजपा ,300 भाजपाईयों का हुआ गंगाजल से शुद्धिकरण।
• भाजपा बोली शुद्धिकरण एक दिखावा , हिंसा के बचने हेतु टीएमसी में वापसी कर रहे है कार्यकर्ता।
संवाददाता बॉम्बे लीक्स
कोलकाता : बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस (TMC) कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठे 300 भाजपा समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं को टीएमसी ने फिर से पार्टी में शामिल कर लिया है। हालांकि टीएमसी में शामिल करने से पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं के ‘प्रदूषित दिमाग का शुद्धीकरण’ टीएमसी द्वारा गंगाजल छिड़ककर किया गया।
जी हां बंगाल के जिले बीरभूम के सैंथिया क्षेत्र में 300 बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा टीएमसी कार्यालय के बाहर धरना दिया।धरना देने वाले कार्यकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने बीजेपी में जाकर गलती की है। ऐसे में टीएमसी उन्हें माफ करते हुए वापस पार्टी में उन्हें जगह दे। बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा टीएमसी कार्यालय पर जारी धरना 4 घंटे तक चला। जिसके बाद टीएमसी पंचायत प्रधान ने सभी कार्यकर्ताओं पर गंगाजल छिड़का, उन्हें ‘शुद्ध’ करते हुए वापिस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करा दी।
भाजपा प्रदर्शनकारियों में से एक अशोक मंडल के अनुसार “हम चाहते हैं कि टीएमसी हमें वापस पार्टी में ले। बीजेपी में शामिल होकर हमने अपने गांवों का विकास रोक दिया है। हम अपनी मर्जी से वापस लौटना चाहते हैं। जब तक हमें वापस नहीं लिया जाता, हमारी हड़ताल जारी रहेगी।
गंगाजल छिड़काव पर कार्यकर्ताओं ने कहा कि भाजपा एक सांप्रदायिक पार्टी होते हुए पार्टी के जहरीले विचारों को कार्यकर्ताओं के दिमाग में डालती है।जिसके बाद मानसिक शांति को खराब करती है। ऐसे में उन पर सभी प्रकार की अशांति से छुटकारा पाने के लिए गंगाजल से शुद्धिकरण किया गया।यह शुद्धि मन की शुद्धि के लिए थी।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल के सैंथिया विधायक नीलाबती साहा के अनुसार गांव में कुछ लोग हमारी पार्टी में शामिल हुए है।इसके लिये एक कार्यक्रम रखा गया था।जिसका आयोजन हमारे स्थानीय नेताओं द्वारा किया गया था। हालांकि स्थानीय भाजपा नेता के अनुसार इसे महज एक नाटक करार दिया गया है। कहा कि इस वक़्त सभी जगहों पर हमारी पार्टी( बीजेपी ) के कार्यकर्ता और समर्थक टीएमसी में शामिल होने को मजबूर हैं। कहा कि ऐसा आयोजन टीएमसी द्वारा इस लिए रखा गया है ताकि यह संदेश दिया जा सके कि चुनाव के बाद किसी प्रकार की कोई हिंसा नहीं हुई है। स्थानीय बीजेपी नेता के अनुसार कुछ इलाकों में स्थिति काफी दयनीह है। जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के पास टीएमसी में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प शेष नही है। भाजपा नेताओं के अनुसार टीएमसी के उत्पात एवं खौफ के चलते हिंसा से बचने के लिए भाजपा कार्यकर्ता मजबूरी वश टीएमसी में शामिल होने हेतु बाध्य है।
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