मुंबई: अरब सागर में इन दिनों मुंबई पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद कई ऑयल माफियाओं ने डी कंपनी की पुश्त पनाही में आचुके हैं और फिर एक बार धडल्ले से अरब सागर में तेल की तस्करी करते नज़र आ रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक अरब सागर में दिनेश गायकवाड़ उर्फ़ कड़िया पूरी तरह से सक्रीय है उसके साथ कुणाल म्हात्रे,लक्ष्मण उर्फ़ जेठा अरब सागर में धडल्ले से डीज़ल की तस्करी कर रहे हैं जिन बोट से डीजल की तस्करी की जाती है उनका नाम द्वारिकादीश इस बोट का मालिक कमलेश है जबकि दूसरी बोट का नाम जय मल्हार है इसका मालिक बलि नाम का व्यक्ति है मानसरोवर जिसका मालिक खुद कड़िया है।
आपको बता दें कि पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए कड़िया एंड कंपनी न केवल डी कंपनी का सहारा ले रही है बल्कि मछुवारों की बोट इस्तेमाल कर मछली के नाम डीजल की तस्करी कर रही है।
जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि डीजल की तस्करी के लिए VHF इस्तेमाल किया जाता है यह वह यंत्र होता है जो समुंद्र में आम मोबाइल फ़ोन बंद होने के बाद इसका उपयोग किया जाता है और इसी से बात चीत की जाती है क्योंकि मछुवारों को एक फ्रीक्वेंसी दी जाती है जिस से वह अरब सागर से कंट्रोल और दूसरी बोट से बात चीत कर सकते हैं
लेकिन डीजल की तस्करी के लिए इसकी फ्रीक्वेंसी का उपयोग पकड़े जाने के डर से नहीं करते और इसकी असल फ्रिक्विंसी से छेड़ छाड़ कर के अवैध रूप से दूसरी फ्रिक्विंसी पर बात चीत को जाती है यही नहीं इसके साथ भारत में सेटेलाइट फोन जो की भारत में प्रतिबंधित है उसका भी उपयोग करते है ताकि समुंद्री सीमा में तैनात सुरक्षा एजेंसियों की आंखों में आसानी से धूल झोंकी जा सके।
इसी VHF की खासियत यह है की इससे समुंद्र में रहने वाला तस्कर जमीन पर रहने वाले को मोबाइल पे संपर्क कर सकता है ऐसे में समुंद्र तट की सुरक्षा को लेकर सवाल उठना लाज़मी है क्योंकि 26/11 आतंकी हमलों में आतंकवादियों ने कुछ इसी तरह VHF का उपयोग कर मुंबई में मौत का तांडव किया था। माफियाओं के सर पर डी कंपनी का हाथ होने की वजह से इनके दिल में सुरक्षा एजेंसियों का कोई खौफ नहीं।
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