बॉम्बे लीक्स, मुंबई
मुंबई : मुंबई पुलिस ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े के समर्थन में तैयार किए जा रहे 4,500 से अधिक हलफनामे बरामद किए हैं। पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
एकनाथ शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे गुट पर झूठे एफिडेविट बनाने के गंभीर आरोप लगाए हैं।इस मामले को लेकर मुंबई पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर ली है. पता चला है कि पुलिस ने 4682 झूठे एफिडेविट भी जब्त किए हैं। शिंदे गुट के प्रवक्ता नरेश मस्के ने ये गंभीर आरोप लगाया है। दरअसल, आरोप लगा है कि चुनाव आयोग में जमा करने के लिए कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से उद्धव कैंप एफिडेविट लिखवा रहा है।
यह एफिडेविट चुनाव आयोग में सुनवाई के दौरान काफी अहम रोल अदा करेंगे।
गौरतलब है कि शिवसेना में सिंबल को लेकर चल रही लड़ाई में उद्धव गुट को उस समय बड़ा झटका लगा जब निर्वाचन आयोग ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर पाबंदी लगा दी।चुनाव आयोग ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों के पार्टी सिंबल और उसका नाम के इस्तेमाल करने पर रोक लगाई हुई है।चुनाव आयोग का ये फैसला आने के बाद दोनों गुट एक दूसरे पर हमलावर हो गए।ठाणे के पूर्व महापौर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने एक वीडियो में दावा किया कि मुंबई पुलिस ने 4,682 फर्जी हलफनामे पाए हैं। इसकी शिकायत के आधार पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। उन्होंने पार्टी के चुनाव चिह्न पर शिंदे गुट के साथ विवाद के मद्देनजर चुनाव आयोग के समक्ष हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए कथित कदाचार पर ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की आलोचना की।
उन्होंने आरोप लगाए है कि शिवसैनिकों ने वह फर्जी हलफनामे चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल करने के लिए तैयार किए थे। म्हास्के ने दावा किया कि यह सब मातोश्री के मार्गदर्शन में हो रहा था। मातोश्री उपनगरीय बांद्रा में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का निजी आवास है।
मुंबई पुलिस के अनुसार उन्हें एक नोटरी से शपथ पत्र मिले, जिसमें शिवसेना समर्थकों के आधार कार्ड जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां संलग्न थीं।
इसके बाद शनिवार को यहां निर्मल नगर पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 465 (जालसाजी) के तहत मामला दर्ज किया गया।प्राथमिकी में कहा गया है कि शिकायतकर्ता बांद्रा की एक अदालत में गया था और उसने दो लोगों को शपथ पत्रों के ढेर के साथ देखा, जिस पर नोटरी की मुहर लगी थी। कहा गया है कि पुलिस ने सभी शपथ पत्र जब्त कर लिए और अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।निर्मल नगर पुलिस थाने के एक अधिकारी के अनुसार, शपथ पत्र बनवाने वाले व्यक्ति को नोटरी के समक्ष पेश होना पड़ता है। इस मामले में जिन लोगों के नाम शपथ पत्र में थे, वे वहां मौजूद नहीं थे।
कहा कि पुलिस उन लोगों को बुलाएगी और यह पुष्टि करेगी कि क्या उन्होंने ठाकरे गुट के समर्थन में शपथ पत्र बनवाए हैं और क्या उन्हें अपने नाम पर शपथ पत्र तैयार किए जाने के बारे में पता है। कहा कि पुलिस यह भी पता लगाएगी कि क्या इन समर्थकों ने अपनी ओर से शपथ पत्र बनाने का जिम्मा किसी और को दिया है।इस बीच, म्हस्के ने ठाकरे नीत गुट द्वारा निर्वाचन आयोग को अभी तक सौंपे गए शपथ पत्रों की जांच कराने की मांग की है।
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