शाहिद अंसारी
मुंबई:हाल ही में मुंबई ट्राफिक पुलिस में भ्रष्टाचार को बेनकाब किया गया लेकिन सवाल आज भी बरकरार है कि क्या मात्र यही विभाग भ्रष्टाचार के दलदल में फंसा हुआ है या दूसरे विभाग भी इस बार मामला इस लिए तूल पकड़ा कि उनके विभाग मे कार्यरत सुनील टोके ने कोर्ट में दाखिल की गई पीआईएल में खुलासे किए हालांकि पिछले 2 साल से सुनील टोके ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की लेकिन मामले को गंभीरता से इसलिए नहीं लिया गया क्योंकि खुद इसमें नीचे से लेकर ऊपर तक अदना से आला पुलिस अधिकारी शामिल हैं तो जाहिर सी बात है कि फिर कार्रवाई करने का सवाल ही नहीं पैदा होता लेकिन इस बार मामला मुंबई हाई कोर्ट में पहुंचा है इस लिए यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार कोर्ट ने इस मामले में दखल दिया है तो यकीनन जल्द ही कानूनी कार्रवाई का दाएरा सख्त होगा।
इसी तर्ज़ पर मुंबई पुलिस विभाग भी इसी दलदल मे फंसा हुआ है बस फर्क यह है कि वसूली के इस दलदल में वसूली का बाज़ार गरम करने वालों के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को पता होने के बाद भी यह गोरख धंधा फल फूल रहा है।जिसकी एक लंबी चौड़ी फहरिस्त है और इसका खुलासा तब हुआ जब ऐंटी करप्शन ब्युरो की कार्रवाई में मुंबई के एक पुलिस थाने में तैनात सीनियर पी आई को गिरफ्तार को लाखों रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया बावजूद इसके डिपार्टमेंट उस पर कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे बैठा है।
पिछले साल एमएचबी पुलिस थाने के सीनियर पीआई सुभाष चौहान के घर में हुई छापेमारी के दौरान ACB ने विदेशी शराब,पैसे के साथ साथ वसूली की कई पेज की रेट लिस्ट बरामद की है।इस वसूली की लिस्ट में मुंबई के बांद्रा खार और एम.एच.बी पुलिस थाने में मौजूद डांस बार,पब,डिस्को,होटल,जुए के अड्डे,बिल्डर,अवैध निर्माण,ब्युटी पार्लर,शराब की दुकान,वीडियो गेम पार्लर,मसाज पार्लर इन सारी जगहों से वसूले जाने वाले पैसों का हिसाब किताब लिखा हुआ है।500 से लेकर 5000 तक की वसूली के हिसाब लिखे हैं।ACB के हाथ लगे दस्तावेजों मे पता चला है कि कई सालों की रेट लिस्ट है और इसमें 100 से ज्यादा लोगों के नाम और पते और वसूली की रक़म का जिक्र है।कौन कौन से लोग वसूली के लिे नियुक्त किए गए कौन से पुलिसकर्मी किससे वसूलते हैं और कितना इन सब का नाम के साथ हिसाब किताब लिखा हुआ है।
मुंबई ऐंटी करप्शन ब्युरो ने 30 दिसंबर 2015 को मुंबई के एम.एच.बी पुलिस थाने के सीनियर पीआई को सुभाष चौहान को तीन लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ़्तार किया।ACB को मिली शिकायत के बाद ACB ने अपना जाल बिछाया और शिकायतकर्ता से जैसे ही सीनियर पीआई ने तीन लाख रूपए लिए उसी दौरान वहां मौजूद ACB की टीम ने उसे गिरफ़्तार कर लिया।ACB से मिली जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता की टीम फिल्म की शुटिंग इसी पुलिस थाने के अंतर्गत करते हैं और सीनियिर पीआई हमेशा उनसे रिश्वत तलब करता था लेकिन इस बार रिटाएर होने से पहले ही सीनियर पीआई ने चार लाख की मोटी रक़म मांगी और रिश्वत की रकम लेने के लिए पुलिस थाने से थोड़ी ही दूर आर.सी चर्च के पास अशिर्वाद होटल में बुलाया जिसके बाद शिकायतकर्ता ने ACB को शिकायत की और ACB ने पहले से ही जाल बिछाया और गिरफ़्तार करलिया।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि रिश्वतखोर सुभाष चौहान को रिटाएर होने में बस चंद महीने ही बाक़ी थे इसलिए जैसे जैसे दिन करीब आरहे थे शिकायतकर्ता से रिश्वत की रक़म की ज्यादा मांग करने लगा।यह रक़म इसलिए तलब की जाती थी ताकि वहां शिकायतकर्ता की शुटिंग के दौरान पुलिस जांच के नाम पर परेशान ना करे।हालांकि लंबे समय से शिकायतकर्ता से रक़म की वसूली जारी थी लेकिन जब रिश्वत खोरी की और वसूली की सीमा पार होगई और सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को ही सीनियर पीआई ने काटने की कोशिश की तो मामला ACB तक जा पहुंचा और जो सीनियर पीआई रिटाएर होने से पहले करोडों रूपए जमां करने के सपने देख कर रिश्ववत और वसूली के बाज़ार गरम कर रहा था उसे उसकी लालच ने ही हवालात पहुंचा दिया।
फिल्म पुलिसगिरी में संजय दत्त डीसीपी होते हुए भेस बदलकर एक पुलिस थाने का जायज़ा लेने पहुंचते हैं पुलिस थाने में मौजूद इंस्पेक्टर के पास एक वसूली की रेट लिस्ट होती है।संजय दत्त उसी इलाके के डीसीपी होते हैं और फिर उस इलाके से करप्शन को ख़तम करने की ठान लेते हैं।लेकिन इस रील लाइफ़ को हक़ीकत में बदल दिया मुंबई पुलिस ने जिसका खुलासा मुंबई ऐंटी करप्शन ब्युरो की इस छापेमारी में हुआ है जिसकी जांच अभी भी चल रही है।सब से पहले मुंबई के बांद्रा और खार इलाके की वसूली की लिस्ट जो Bombay Leaks के हाथ लगी है जल्द ही Bombay Leaks उन पुलिस थानों के गोरख धंधों की लिस्ट जारी करेगा जिसे शायद भारतीय संविधान में कहीं भी जायज या कानूनी नहीं ठहराया लेकिन भ्रष्टाचार की फहरिस्त में पहले नंबर पर है।हैरान कर देने वाली बात यह है कि वसूली की इस रेट लिस्ट के मिलने के बाद भी पुलिस विभाग को सांप सूँघ गया है और आज तक विभागी कार्रवाई नहीं की गई।
आई.बी को भी वसूली की लिस्ट में शामिल किया गया
आई.बी का नाम सुनते ही हर एक के होश उड़ जाते हैं क्योंकि इसका मतलब इंटिलीजेंस ब्युरो होता है जो कि देश की एक महत्वपूर्ण एजेंसी का नाम है।ACB के हाथ लगी वसूली की रेट लिस्ट में आई.बी का ज़िक्र है क्या गया है जिसके बाद उनके कान खड़े होगए और ACB यह सोचने पर मजबूर होगई कि क्या आई.बी भी मुंबई पुलिस के जैसे वसूली करती है लेकिन यह भ्रम कुछ ही देर में टूट गया।दरअसल मुंबई पुलिस वैशियाओं और उनके दलालों पर जो कार्रवाई करती है वह Indecent Behavior के तहेत करती है।इस कार्रवाई के तहेत मुबंई पुलिस कार्रवाई कर उनसे जुर्माना वसूल करती है।इसलिए वैशियाओं और उनके के दलालों को आई.बी का नाम दिया जाता है जिसका मतलब Indecent Behavior होता है।इस लिस्ट में इस तरह के कोड का वैश्याओं के दलालों के लिए उपयोग किया गया है।मतलब ACB ने सुभाष चौहान पर जो कार्रवाई की है वह वैशियाओं और उनके दलालों से भी वसूली करते थे और इसका बाक़ायदा अपने पास रिकार्ड भी रखते थे।
वसूली के तरीके
वसूली करने वाले कई लोग एक दूसरे के माध्यम से सीनियर पीआई को पैसे पहुंचाते थे और कई लोग सीधे सीधे उनके हाथों में पैसे देते हैं।ACB के ज़रिए बरामद की गई रेट लिस्ट में इस बात का भी ज़िक्र किया गया है।कौन आदमी से कितनी वसूली की जाती है रेट के साथ साथ किस किस के हाथ में वसूली की रक़म दी जाती है इसका भी ज़िक्र किया गया।कौन आदमी सीनियर पीआई के हाथों मे ले जाकर देता है उसका भी ज़िक्र किया गया है।ACB की हाथ में लगी मुंबई पुलिस की वसूली वाली कुंडली मे 100 से ज़्यादा लोगों के नाम और पते हैं इनमें मुंबई के बांद्रा और खार और एम.एच.बी पुलिस थाने के इलाक़े शामिल हैं एसीबी ने दावा किया था कि इसमें कई पुलिस वाले भी शामिल हैं जो सीनियर पीआई को वसूली की रक़म इकट्ठा कर के देने का काम करेत हैं जिनसे ACB पूछताछ कर सकती है लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी क्या अबतक उन से पूछताछ की गई या नहीं यह सवाल अभी भी बरकार है।
दरअसल सीनियर पीआई सुभाष चौहान की इससे पहले खार इलाके मे भी तैनात होने की वजह से उस इलाक़े की भी रेट लिस्ट अपने घर मे रखे हुए थे जो ACB ने ज़ब्त करली है।इस वसूली की लिस्ट में टोटल हर महीने कितनी वसूली की जाती है उसका भी ज़िक्र है ताकि एक सीनियर पीआई का अगर तबादला होता है तो दूसरे को यह पता करने में दिक्कत ना हो कि किससे कितना वसूली की जाती है।
क्या कहा था तत्कालीन एसीबी डीजी विजय कांबले ने
इस मामले को लेकर जब तत्कालीन एसीबी डीजी विजय कांबले से बात की गई कि क्या वसूली के इस संवेदनशील मामले को लेकर वह मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर आवगत कराऐंगे तो उन्होंने कहा कि जो भी कार्रवाई करनी है वह की जाएगी जबकि मुंबई पुलिस के ज्वाइंट सीपी देवेन भारती ने उस समय कहा था कि अबतक ACB ने उन्हें आवगत नहीं कराया अगर ACB उन्हें इस तरह से जुड़ी कोई शिकायत करेगी तो हम ज़रूर कार्रवाई करेंगे।लेकिन सोचने वाली बात यह कि क्या भ्रष्टाचार के मामले मे हुए खुलासे में पुलिस लिखित शिकायत का इंतेज़ार करेगी या उसे खतम करने के लिए खुद पहेल करेगी।जबकि इस मामले को लेकर पूर्व आई.पी.एस अधिकारी एस एस सोराडकर ने कहा कि यह तो अधूरी कार्रवाई है अगर इस कार्रवाई को पूरी करनी है तो ACB को उन सारे लोगों को आरोपी बनाना चाहिए जिनसे वसूली की जाती थी क्योंकि रिश्वत देना और लेना दोनों जुर्म है जबकि वरिष्ठ वकील और पूर्व आईपीएस अधिकारी वाई.पी सिंह ने कहा कि इस तरह की वसूली की लिस्ट मुंबई पुलिस काफ़ी पहले से तय्यार करती चली आरही है।पकडे गए तो कार्रवाई नहीं तो जैसे चल रहा वसूली का गोरख धंधा इसी तरह से चलते रहता है इसपर लगाम लगाने के लिए विभाग को सोचने की ज़रूरत है।
वसूली की रेट लिस्ट
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