बॉम्बे लीक्स ,बिहार
पटना : नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को साफ संदेश दे दिया है कि सरकार जातिगत जनगणना न कराने के फैसले पर सरकार एक बार फिर से विचार कर ले।अन्यथा कर्नाटक की तर्ज पर फैसला स्वयं लिया जा सकता है।नीतीश ने साफ कहा है कि केंद्र अपने जातीय जनगणना न कराने के फैसले पर दोबारा विचार कर ले।यदि ऐसा नही होता है तो आगे भविष्य के लिए रोड मैप तैयार किया जाएगा।
गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा गया है कि सरकार जातिगत जनगणना नही कराएगी।केंद्र के अनुसार सरकार ने यह फैसला काफी सोच समझकर लिया है।जिसके बाद एनडीए में भाजपा की सहयोगी नीतीश कुमार की जदयू ने न सिर्फ केंद्र सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने का अल्टीमेटम दे दिया है।बल्कि नीतीश कुमार ने अपने बयान से संकेत दे दिया है कि बिहार अपने बूते कर्नाटक की तर्ज पर जाति आधारित जनगणना करा सकती है।
देखा जाए तो बिहार के साथ-साथ देश के दूसरे क्षेत्रीय दल भी जातीय जनगणना कराने की मांग करते आ रहे रहे है।ऐसे में केंद्र एवं बिहार में भाजपा की सहयोगी बनी नीतीश कुमार की जदयू जातिय जनगणना कराने के लिए केंद्र पर दबाव बनाये हुए है।लेकिन केंद्र सरकार ने जनगणना न कराने का मन बनाते हुए उच्च न्यायालय में हलफनामा भी दाखिल कर दिया है।
ऐसे में बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर जदयू, राजद, कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा व विकासशील इंसान पार्टी का स्वर एक होने की वजह से बिहार का राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की आहट तेज़ हो चुकी है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना कराने को लेकर विभिन्न पार्टियों के 33 प्रमुख नेताओं को पत्र लिखकर गोलबंद करने की कवायद शुरू बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है।
नीतीश कुमार के अनुसार यदि केंद्र जनगणना नही कराता है तो हम आगे के भविष्य के लिए रोडमैप तय करेंगे। नीतीश के अनुसार यह सिर्फ हमारी मांग नहीं है बल्कि बिहार के अलावा कई और राज्यों द्वारा भी जनगणना कराने की उठाई जा रही है।नीतीश कुमार के अनुसार जातिय जनगणना से देश का भला होता है।
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