• मोदी पर भारी पड़े योगी , पूर्व नोकरशाह ए के शर्मा को प्रदेश कार्यकारिणी तक सीमित कर बरकरार वर्चस्व में योगी आदित्यनाथ।
• पीएम मोदी खास सिपहसालार में एक है शर्मा , अटकलों के बाज़ार में सीएम के दावेदार थे ए के शर्मा।
संवाददाता बॉम्बे लीक्स।
लखनऊ : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की हुई बैठक के बाद प्रदेश भाजपा के संगठन विस्तार के साथ सीएम योगी की कुर्सी छिनने की तमाम अटकलों पर विराम लग गया। पूर्व नोकरशाह एवं पीएम मोदी की खास सिपहसालार ए के शर्मा को यूपी मंत्रिमंडल से दरकिनार रखते हुए प्रदेश भाजपा में उपाध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
पीएम मोदी के खास सिपहसालार कहे जाने वाले पूर्व नोकरशाह ए के शर्मा के एमएलसी बनने के बाद से ही शर्मा के लिए यूपी सरकार में सीएम व डिप्टी सीएम बनने के कयासों का बाज़ार गर्म था। सुगबुगाहट के बीच अटकलें यहां तक लगाई जाने लगी थी कि सीएम योगी का कद कम करने के लिए मोदी ने अपने खास सिपहसालार शर्मा को यूपी की सियासत में उतार कर सीएम बदलने का समीकरण बना लिया है।हालांकि संघ द्वारा योगी को सत्ता से बेदखल करने की रणनीति पर ब्रेक लगा दिया गया।
जिसके बाद शर्मा के उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद इन तमाम अटकलों को विराम लग गया है। शुक्रवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने यूपी चुनाव को लेकर चर्चा की थी जिसके बाद संगठन विस्तार किया गया।
जेपी नड्डा द्वारा यूपी प्रदेश भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार और संगठन के बीच समन्वय का मंत्र दिया गया। दिल्ली में नड्डा से प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और महामंत्री संगठन सुनील बंसल की बातचीत के बाद यूपी में विधानसभा चुनाव की प्रारंभिक रणनीति का खाका तैयार किया जा चुका है। हालांकि इस रणनीति का खुलासा नहीं किया गया है।जिसके बाद माना जा रहा है कि सामाजिक सरोकारों के साथ निगमों, बोर्डों, आयोगों, संगठन के मोर्चों, प्रकोष्ठों और विभागों में कार्यकर्ताओं के समायोजन के साथ पार्टी जुलाई में पूरी तरह उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान की सियासत में कूद जाएगी।
गृहमंत्री अमित शाह द्वारा यूपी के जमीनी कार्यकर्ताओं से की गई बातचीत एवं प्राप्त हुए फीडबैक के आधार पर जेपी नड्डा ने स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल से बातचीत की थी। नड्डा द्वारा पार्टी के अग्रिम मोर्चों, प्रकोष्ठों और विभागों में नियुक्तियां जल्द करने के साथ कार्यकर्ताओं की सुनवाई करने, सरकार के सामाजिक सरोकारों को कार्यकर्ताओं के जरिये जनता तक पहुंचाने, सहयोगी दलों से सामंजस्य बनाए रखने को कहा गया है।ताकि आगामी यूपी चुनाव में आपसी मतभेद को रोका जा सके।
इसी के साथ ही प्रदेश भाजपा में पार्टी ने संगठन विस्तार करते हुए महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पद की प्रमुख दावेदार अर्चना मिश्रा एवं अमित बाल्मीकि को पार्टी की प्रदेश मंत्री का ज़िम्मा सौंप दिया है। साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के विभिन्न मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा भी कर दी है।जिसमें प्रांशुदत्त द्विवेदी (फर्रूखाबाद) को युवा मोर्चा, गीता शाक्य राज्यसभा सांसद (औरैया) को महिला मोर्चा, कामेश्वर सिंह (गोरखपुर) को किसान मोर्चा, नरेन्द्र कश्यप पूर्व सांसद (गाजियाबाद) को पिछड़ा वर्ग मोर्चा, कौशल किशोर सांसद को अनुसूचित जाति मोर्चा, संजय गोण्ड (गोरखपुर) को अनुसूचित जनजाति मोर्चा व कुंवर बासित अली (मेरठ) को अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया है।
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