शाहिद अंसारी
मुंबई : महाराष्ट्र वक्फ़ बोर्ड के चेयरमैन एम.एम. शेख ने आज मुंबई हाईकोर्ट में हथियार डालते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा देने की हामी भरते हुए अपने द्वारा दाखिल की गई याचिका को कोर्ट की अनुमती के बाद वापस ले लिया है। 17 अक्तूबर को सरकार के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस जारी होने के बाद एम.एम. शेख ने मुंबई हाईकोर्ट में 31 अक्तूबर 2017 को याचिका दाखिल करते हुए सरकार द्वारा जारी की गई नोटिस को खारिज करने की मांग की थी। हैरान कर देने वाली बात यह थी कि शेख ने 2 और 6 नवंबर को गोपणीय तरीक से कोर्ट से एक्स पार्टी ऑर्डर लेने की कोशिश की थी जिसे कोर्ट ने नहीं माना।
शेख के खिलाफ़ आरोपों को लेकर बोर्ड के कुछ सदस्यों ने वक्फ़ की धारा 20 A (c) के अंतर्गत अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए शेख को हटाने की मागं की थी। 6 अगस्त 2016 को शेख द्वारा चेयरमैन पद पर कार्यरत होने के बाद केवल एक ही बोर्ड मीटिंग का आयोजन किया गया था जिसकी वजह से वक्फ़ बोर्ड के कई महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लिए गए और इस वजह से वक्फ़ बोर्ड को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। इसके अलावा वक्फ़ बोर्ड के सदस्य और एमएलए बाबा जानी और वक्फ़ के दूसरे सदस्य एमपी हुसैन दलवाई एमएलए इम्तियाज़ जलील ने राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर शेख पर आरोप लगाते हुए कहा कि शेख ने अपने पद का दुरपयोग करते हुए वक्फ़ बोर्ड में भ्रष्टाचार किया है इसलिए शेख के खिलाफ़ जांच की जाए।
कई शिकायतों के बाद सरकार ने 17 अक्तूबर 2017 को आदेश जारी करते हुए 9 नवंबर 2017 यानी कल के दिन उप विभागी अधिकारी ( महसूल औरंगाबाद ) की अगुवाई की में यह मीटिंग रखी है। जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के बाद नए चेयरमैन की नियुक्ति होगी।
वक्फ़ एक्टिविस्ट शौकत अली बेडगिरी ने कहा कि यह पद बहुत ही संवेदनशील है इसलिए यहां ईमानदार और भरोसेमंद व्यक्ति की नियुक्ती होनी चाहिएताकि वक्फ़ बोर्ड में चल रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके।
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