
बी. पी. अग्रवाल
Bombay Leaks Desk
दिल्ली : एक पत्रकार से इंटरव्यू के दौरान प्रिया गोल्ड बिस्किट कंपनी के मालिक बी. पी. अग्रवाल ने कहा कि शरद पवार सब से बड़ा चोर है उसका पर्दा क्यों नहीं फाश करते जिस पर पत्रकार ने बी. पी. अग्रवाल को जवाब दिया कि शरद पवार के खिलाफ़ किसी तरह के मामले अब तक नहीं दर्ज हुए जब मामला दर्ज होगा तो फिर पर्दा भी फाश किया जाएगा।
दरअसल बी. पी. अग्रवाल सूर्या समाचार नाम का एक चुनावी चैनल लांच करने की तय्यारी में है और जिस तरह से उन्होंने शरद पवार को लेकर खुलासा किया है उसमें कितनी सच्चाई है इस बारे में तो वह नही बता पाए लेकिन प्रिया गोल्ड बिस्किट की टैग लाइन हक से मांगो की तर्ज़ पर अब वह जनता की हक़ की लड़ाई चुनाव तक इस चैनल के माध्यम से लड़ेंगे। जैसे जैसे चुनाव का समय नज़दीक आते जाएगा वैसे वैसे सूर्या समाचार का सूर्य उदय होगा और चुनाव खतम होते ही सूर्या का सूर्य अस्त होगा। और धीरे धीरे यहां पर कार्यरत पत्रकार को अग्रवाल बिस्किट बनाने वाली कंपनी में शामिल कर के उनसे भी बिस्किट बनवा कर हक की मांग करेंगे। हालांकि चैनल की कुछ सरकारी प्रक्रिया बाकी है जिसके लिए नोएडा के उभरते हुए दलाल राज नरायण यादव ने अग्रवाल को यह लॉलीपॉप दिया है कि वह सब कुछ ठीक कर देंगे।
‘सूर्या प्रोसेस्ड फूड’ (Surya Processed Food) को दो लाइसेंस मिले हैं। इनमें एक न्यूज लाइसेंस (सूर्या समाचार) और एक नॉन न्यूज लाइसेंस (सूर्या सागर ऐंटरटेनमेंट) को मिला है। ये लाइसेंस भी हिंदी, अंग्रेजी समेत अन्य प्रादेशिक भाषाओं के लिए दिए गए हैं। देश में 31 मार्च 2017 तक 888 ऐसे निजी सैटेलाइट टीवी चैनल्स काम कर रहे हैं, जिन्हें मंत्रालय की ओर से अनुमति दी गई है। इनमें 496 नॉन न्यूज और करेंट अफेयर्स चैनल्स जबकि 392 न्यूज और करेंट अफेयर्स चैनल शामिल हैं। ऐसे में सूर्या समाचार मीडिया मंडी में अपनी जगह कैसे बना पाएगा यह सवाल है लेकिन राहत की बात यह है कि चुनाव तक नहीं भी चला तो बिस्किट के कारोबरा से यहां पर कार्यरत कर्मचारियों का प्रिया भविष्य गोल्ड बना देंगे जिसको लेकर कर्मचारी बेफिक्र हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) द्वारा मार्च में छह टेलिविजन चैनलों को लाइसेंस दिए गए थे। जिनमें वरिष्ठ पत्रकार अरनब गोस्वामी का वेंचर ‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) भी शामिल था। रिपब्लिक, एआरजी आउटलियर (ARG Outlier) नाम की कंपनी का हिस्सा है। ये सभी लाइसेंस हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के चैनलों को दिए गए हैं। ‘रिपब्लिक टीवी’ को लाइसेंस एक मार्च 2017 को दिया गया। फिलहाल यह चैनल बेहतर तरीके से चल रहा है।
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