शाहिद अंसारी
मुंबई : इक़बाल कासकर के गिरफ़्तार होने के बाद मुंबई पुलिस ने पूरी मुंबई के पुलिस थानों में नाईट ड्यूटी के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर की नियुक्ति अनिवार्य कर दी है। यह आदेश मुंबई पुलिस के जॉइंट सीपी लॉ एंड आर्डर देवेन भारती ने दिया है।
यह इस लिए ज़रूरी क़रार दिया गया है कि इक़बाल कासकर को गिरफ्तार करने के बाद जब प्रदीप शर्मा एंड कंपनी ने नागपाड़ा पुलिस थाने खानापूरी करने के लिए पहुँची थी और उस दौरान कासकर को वह अपनी गाड़ी में बिठा रखे थे। नागपाड़ा पुलिस थाने में उस रात नाईट ड्यूटी के दौरान एपीआई किलेदार मौजूद थे जबकि वहां पीआई बर्वे भी मौजूद थे। लेकिन शर्मा एंड कंपनी ने बतौर नाईट ड्यूटी तैनात किलेदार को खानापूरी करने के लिए यह बताया कि उन्होंने इक़बाल कासकर को गिरफ़्तार किया है और वह उसे ले कर अपने साथ थाने एन्टी एक्सटॉर्शन सेल जा रहे हैं। नागपाड़ा पुलिस थाने में एपीआई किलेदार को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि शर्मा एंड कंपनी ने जिसे गिरफ़्तार किया वह अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम के सगा भाई है। क्योंकि वह विभाग में नए हैं और शर्मा एंड कंपनी के बारे में और इक़बाल कासकर के बारे उन्हें जानकारी नहीं थी।
शर्मा एंड कंपनी भी यही चाहती थी कि नागपाड़ा या मुंबई पुलिस को इस बात की भनक भी न लगे नही तो शर्मा के हिस्से में आई पब्लिसिटी का कुछ हिस्सा मुंबई पुलिस के हाथ लग जाता। और बात फिर नियम और कायदे की होती जिससे शर्मा एंड कंपनी कोसों दूर थी।
किलेदार को विभाग में आये महज़ एक साल ही हुआ था इसलिए शर्मा एंड कंपनी ने इस गैर अनुभवी पुलिसकर्मी का जम कर फायदा उठाया क्योंकि अगर कोई भी अनुभवी पुलिस ऑफिसर इस रात मौजूद होता तो शायद इक़बाल कासकर को गिरफ़्तार करने के लिए शर्मा एंड कंपनी को नियम का पालन करना होता।
इसी लिए जब कासकर को नागपाड़ा से गिरफ़्तार करने की ख़बर फैली तब मुंबई पुलिस में और नागपाड़ा थाने में हड़कंप मच गया लेकिन तब तक शर्मा अपना काम कर गए थे और थाने पहुँच चुके थे।
वजह थी कि शर्मा एंड कंपनी ने जब कासकर को गिरफ़्तार करने के बाद वसूली का गोरख धंधा शुरु किया और हमेशा की तरह जैसे ही असलम लकड़ावाला को गिरफ़्तार किया तब नागपाड़ा पुलिस थाने में शर्मा एंड कंपनी यही सोच कर आई थी कि यहाँ खानापूरी कर के उसे ले कर चले जायेंगे। लेकिन इस बार नागपाड़ा पुलिस भी दांत तेज़ किये हुए बैठी थी। शर्मा के भेजे हुए थाने एन्टी एक्सटॉर्शन सेल के पुलिसकर्मियों को लेकर नागपाड़ा पुलिस ने यह भांप लिया था कि कुछ तो गड़बड़ है इसलिए वहां सिनियर पीआई बस्वत ने फ़िर नियम कायदे की किताब खोल दी। जिसके बाद थाने एन्टी एक्सटॉर्शन सेल के पुलिसकर्मियों ने प्रदीप शर्मा की धौंस देनी शुरु कर दी लेकिन नागपाड़ा पुलिस टस से मस नहीं हुई। उन्होंने असलम लकड़ावाला और थाने एन्टी एक्सटॉर्शन सेल के पुलिसकर्मियों की वीडियो बनाई।
कासकर की गिरफ़्तारी के दौरान थाने एन्टी एक्सटॉर्शन सेल ने बड़ी ही चालाकी से नागपाड़ा पुलिस को बेवकूफ बना दिया था और बार बार मुंबई पुलिस को बेवकूफ बनाना संभव नहीं था इसलिए असलम लकड़ावाला को गिरफ़्तार करने के बाद उसे छोड़ दिया गया। और सच्चाई यही है कि उसे गिरफ़्तार करने का मकसद भी नही था केवल यहां से लेकर जाना और वसूली के लिए रुपये तय करना था। इसी लिए फरीद वेल्डर को खुद शर्मा ने फ़ोन कर के बुलाया ताकि स्थानी पुलिस नागपाड़ा को कानो कान ख़बर न हो और वसूली का खेल चलते रहे। और इसी वसूली के बाद ही उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई है। जिसके बाद शर्मा एंड कंपनी का कलई खुल गई।
इस वारदात के बाद अब शर्मा एंड कंपनी को वसूली के लिए अगर किसी को भी मुंबई के किसी भी पुलिस थाने से रात के समय में पूछताछ के नाम पर बुला कर वसूली की बात करनी है तो उन्हें अब नियम कानून का पालन भी करना पड़ेगा। इस बात का ख्याल रखते हुए मुंबई पुलिस ने रात के दौरान पीआई की ड्यूटी अनिवार्य रखी है ताकि शर्मा एंड कंपनी अगर वसूली के लिए किसी का भी अपहरण करती है तो उसे मुंबई पुलिस के पीआई रैंक के ऑफीसर यह बताए कि सुपारी लेकर एनकाउंटर का दौर खत्म हो गया है। अब नियम कानून का पालन लड़ना होगा। और शर्मा एंड कंपनी नए पुलिस ऑफीसर को चकमा न दे सकें।
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