शाहिद अंसारी
मुंबई : हाल ही में थाने पुलिस ने मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में एक गिरोह को बेनकाब करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया जिसमें पुलिस का एख खबरी भी शामिल है। यह वह गिरोह है जो मुंब्रा कौसा इलाके में बड़े पैमाने पर मादक पदार्थ का गोरख धंधा करते हैं। अब तक की पुलिस की जांच में कई समाजिक और राजनीतिक दलों के नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। जिसे सुन कर बाब बंगाली बहुत ही नाराज़ हैं। उन्होंने कल मुंब्रा में अपने आश्रम में इस आड़ से खुद को चमकाने के लिए एक प्रेस कांफ्रेंस लेते हुए थाने पुलिस पर निशाना साधा है। बाबा बंगाली ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा है कि इस मामले में खुद पुलिस वाले शामिल हैं मैं उनको नहीं छोड़ूंगा और इस मामले की एसआईटी जांच करवा के ही दम लूंगा।
उन्होंने इसके लिए चमकने का एक और फंडा तय्यार किया है कि वह इस मामले को लेकर सीधे राज्य के मुख्यमंत्री से मिल कर एसआईटी जांच की मांग करेंगे और फोटो भी खिचवाऐंगे। हालांकि मामले की जांच करने वाले डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे ने कहा है कि इस मामले में जांच चल रही है और तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है और किसी भी तरह की ढिलाई नही की जाएगी। अब ऐसे में जब थाने पुलिस मामले में कार्रवाई कर रही है और मामले में सख्ती से निपटने भी रही है तो सवाल यह उठता है कि बाबा बंगाली को एसआईटी से जांच कराने का भूत कहां से सवार हो गया। चूंकि बाबा बंगाली इस आड़ से थाने पुलिस कमिश्नर से मिलकर शाल उढ़ा कर फोटो खिचवाने की भी ख्वाहिश जाहिर की लेकिन उनसे मिलने का जुगाड़ नहीं हुआ। अब बंगाली बाबा इसी आड़ से राज्य के मुख्यमंत्री से मिलकर फोटो खिचवाऐंगें। चूंकि बाबा बंगाली आज़ाद मैदान दंगों और हत्या के मुख्य आरोपी हैं और राज्य के मुख्यमंत्री इनके कारनामों के बारे में जान चुके हैं इसलिए इनसे न तो मिलते हैं और न ही फोटो खिंचवाते हैं। ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री से मिलने के लिए वह किसी जुगाड़ की तलाश में हैं जो इस आड़से उन्हें मिला कर उनकेसाथ फोटो खिंचाने में मदद करे।
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