शाहिद अंसारी
मुंबई: महाराष्ट्र महिला आयोग को लेकर एक जानकारी हाथ लगी हैं जिसमें यह पता चला है कि सत्ता में बीजेपी सरकार के होते हुए महिलाओं पर की जा रही अभद्र टिप्पणी चुनावी जुमले बाज़ी में तब्दील हो गई है।जिसकी वजह से महिला आयोग उस पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है बल्कि सुमोटो केस लेकर मीडिया की सुर्खियों में कुछ दिनों तक आयोग की चमकिशगिरी जारी रहती है उसके बाद केस का कुछ अता पता ही नहीं और केस ऐसा गायब हो जाता है जैसे गदहे के सर से सींग।
पिछले साल जानकारी में यह बात सामने आई है कि फिल्म अभीनेता सलमान खान ने अपने एक इंटरव्यु में फिल्म सुल्तान के लिए की जाने वाली ट्रेनिंग के बारे में कहा कि वह ‘ रेप की शिकार महिला ‘ जैसा महसूस करते थे सलमान ने कहा, ” जब मैं शूटिंग के बाद रिंग से बाहर आया करता था , मुझे रेप की शिकार महिला जैसा महसूस होता था मैं सीधा चल भी नहीं पाता था । ”
सलमान का बोलना था बस फिर क्या था सोशल मीडिया पर सलमान खान की चौतरफा आलोचना थमने का नाम नहीं ले रही है हालांकि कुछ पोस्ट उनके प्रशंसकों के भी दिख रहे हैं, जो अभिनेता की ओर से बयान पर सफाई देते नज़र आए लेकिन ज़्यादातर पोस्ट ‘दबंग’ स्टार के खिलाफ ही दिखाई दिए।
इधर सोशसल साइट पर सलमान की आलोचना का सिलसिला जारी रहा और बहती गंगा में हाथ धोने के लिए महाराष्ट्र महिला आयोग ने भी सुमोटो मामला दर्ज कर मामले को संज्ञान में ले लिया।क्योंकि मामला सलमान खान से जुड़ा था इसलिए आयोग को चमकने का इससे बेहतर और कोई मौका नहीं मिलता।हैरान कर देने वाली बात यह है कि जिस स्पीड से आयोग ने सलमान के खिलाफ़ सुमोटो केस दर्ज किया उसी तेज़ी के साथ ही यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया और तब से लेकर आज तक आयोग जांच का लॉलीपॉप दे रहा है।
सिर्फ सलमान का ही मामला नहीं इसके अलावा एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी पंकजा मुंडे को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी और यहां भी आव न देखा ताव महिला आयोग ने नवाब मलिक के खिलाफ़ मामला दर्ज किया उस समय तो बस ऐसा ही लग रहा था कि आयोग ने जो गंभीरता दिखाई है उसके बाद से नवाब मलिक और सलमान खान को सज़ा सुनाते हुए सलाखो के पीछे पहुंचा कर ही आयोग दम लेगा लेकिन मामला इसके उल्टा हुआ।महिला आयोग जहां मीडिया की सुर्खियों से गायब हुआ वहीं महिला आयोग ने इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया।
आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र घाड़गे ने बताया कि साल 2012 में महिला आयोग के पास 2917 मामले पेंडिंग हैं जबकि साल 2013 में 3573 मामले और साल 2014 में 5092 मामले जबकि साल 2015 में 5929 मामले दर्ज हैं।महिला आयोग को 2014 में 3711 शिकायतें प्राप्त हुई 2015 में 2304 शिकायतें प्राप्त हुई।और इन शिकायतों में 50 फीसद शिकायतें घरेलू मामलों के लेकर की गई थीं।उसके बाद महिलाओं के साथ उनकी आफिस में लैंगिंक अत्याचार होता है उसकी शिकायतें की गई हैं।हैरान करदेने वाली बात यह है कि आफिस में महिलाओं के साथ हो रही वारदातों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जानकारी में पता चला कि साल 2012 में 88 शिकातें जबकि 2013 में 29 शिकायतें 2014 में 69 शिकायतें 2015 में 166 शिकायतें प्राप्त हुई हैं।लेकिन खुशी की बात यह है कि दहेज उत्पीड़न का मामला साल 2012 में सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया है और उसके बाद से लेकर अब तक महिला आयोग में किसी भी तरह की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई।
पूर्व आईएस अधिकारी और सीनियर वकील आभा सिंह ने कहा कि सब से पहली बात की सलमान खान को महिला आयोग ने जो नोटिस दी उसने उसका जवाब भी नहीं दिया इसका मतलब यह है कि वह खुद अपने रुतबे के सामने आयोग को कुछ भी नहीं समझता और वही नहीं बल्कि महिला आयोग को ही बंद कर देना चाहिए क्योंकि वहां पर मौजूद अधिकारी जो महिलाओं के अधिकार का रोना रोते हैं उनपर कार्रवाई होनी चाहिए कि आखिर उन्होंने सलमान खान और दूसरे मामले को पेंडिंग क्यों रखे और इसके पीछे का उनका स्वार्थ क्या है अगर वह कार्रवाई करने में सक्षम नहीं हैं तो वह लोगों को बताऐं कि वह किसी योग्य नहीं हैं ताकि उन महिलाओं के साथ अन्याय न होने पाए जो महिला आयोग के पास मदद की गुहार लगाती हैं।क्योंकि किसी भी महिला की शिकायत पर कार्रवाई न करना यह उसके ऊपर अन्याय करने के जैसा है।
हमने इस बारे में महाराष्ट्र महिला आयोग की महिला अधिकारी विजया रह्टकर से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने किसी तरह का जवाब नहीं दिया।
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