मुंबई: मुंबई सहार होटल में आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग गैंग का पर्दा फाश किया था वह उस गैंग पर आईपीएस अधिकारी संजय बर्वे की नज़र काफ़ी पहले से थी मामले में महाराष्ट पुलिस के कई बड़े अधिकारी जो इनके संपर्क में थे और पोस्टिंग के लिए इनसे सेटिंग लगा रहे थे उनके फोन संविलांस पर लगाए गए थे ताकि उन पर शिकंजा कसा जा साके।
जानकारी में इस बात का पता चला है कि इन अधिकारियों के फ़ोन संविलांस पर लगाने के लिए SID प्रमुख संजय बर्वे ने सब से पहले राज्य के मुख्यमंत्री को भरोसे में लेते हुए उन पर वाच रखनी शुरू कर दी। इस दौरान इस बात का पता चला कि एक अधिकारी ने थाने कमिश्नर पोस्ट पर नियुक्ति के लिए 2 करोड़ रूपए दिए जबकि महाराष्ट्र के ही एक जिले में कमिश्नर की ही पोस्ट पर तैनात एक और आईपीएस अधिकारी ने मुंबई कमिश्नर पोस्ट पाने के लिए इस गैंग से मुलाकात की थी।
दरअसल संजय बर्वे जब एसीबी में तैनात थे उस दौरान ही वह मुंबई सीपी पोस्ट के लिए कतार में थे लेकिन अचानक राज्य सरकार ने मुंबई सीपी की कमान दत्ता पड़सलगीकर के हाथों थमा दी जिसके बाद बर्वे कतार से बाहर हो गए और उनकी सोच पर पानी फिर गया।
जिस आईपीएस अधिकारी ने पोस्टिंग गैंग के इन सदस्यों से मुलाकात की थी चूंकि वह खुद मुंबई सीपी की पोस्ट के लिए मुलाकात की थी और इस दौरान चूंकि बर्वे एसआईडी विभाग में होते हुए उन्होंने एक तीर से दो शिकार करते हुए पहले तो मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद की होड़ में रहने वाले इस आईपीएस अधिकारी पर वाच रख कर मामले की जानकारी राज्य के मुख्यमंत्री को दी क्योंकि इस स्तर के अधिकारियों के फोन संविलांस पर लगाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री को भरोसे मे लेना बेहद ज़रूरी था और फिर पोस्टिंग गैंग का भांडा फोड़ कर उस आईपीएस अधिकारी को एक झटके में मुंबई सीपी की पोस्ट से बाहर कर दिया अब ऐसे में बर्वे के लिए मुंबई सीपी की पोस्ट पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया।
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