
याचिकाकर्ता जमशेद शेख और उनका परिवार
शाहिद अंसारी
मुंबई:मुबंई हाई कोर्ट के जस्टिस अभय ओक ने मुबंई के पार्कसाइट पुलिस थाने में घटी एक घटना के मामले में आदेश जारी किया कि पुलिस 7 दिनों के भीतर पुलिस थाने की सीसीटीवी फुटेज को जमां कर के उसकी एक कॉपी हाईकोर्ट में जमां करें कोर्ट ने पुलिस को कहा है कि मामले में बिना हाईकोर्ट की इजाज़त के चार्जशीट न दाखिल करें।क्योंकि याचिकाकर्ता ने बताया कि उनपर झूटा मामला दर्ज करने के लिए शिकायतकर्ता ने एक धर्म विशेष को निशाना बनाने की दुहाई देकर तकरीबन 500 लोगों को पुलिस थाने में जमा कर पुलिस पर दबाव बना कर मामला दर्ज करवाया गया है।
घटना 16 जनवरी को मुबंई के पार्कसाइट पुलिस थाने की है जब कुछ लोगों ने पार्कसाइट रहिवासी अब्दुर्रहमान के घर के पास पार्किंग को लेकर विवाद खड़ा करते हुए उनके घर में घुस कर उन्हें धमकाते हुए गाली गलोच की और इस घटना की शिकायत जब अब्दुर्रहमान ने स्थानी पुलिस थाने पार्कसाइट में करने की कोशिश की तो पुलिस ने उनकी FIR नहीं दर्ज की बल्कि NC दर्ज कर अपने हाथ खड़े कर लिए।इसके बाद 19 जवनरी को फिर वही लोग जो पहले पार्किंग को लेकर विवाद खड़ा कर चुके थे उन्होंने अब्दुर्रहमान के घर में घुस कर उनकी पत्नी और उनकी नाबालिग बेटी को घर से बाहर खींच कर लाए और बुरी तरह से पीटा जिसको देख याचिकाकर्ता जमशेद शेख ने बीच बचाव करवाया लेकिन पुलिस उलटा याचिकाकर्ता के परिवार के तीन सदस्य और अब्दुर्रहमान की पत्नी के खिलाफ़ मामला दर्ज गिरफ्तार कर लिया।इस गिरफ्तारी के बाद मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई और व्हाट्सप पर मैसेज भी घुमाए गए।याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि पुलिस ने दबाव में आकर न सिर्फ मामला दर्ज किया बल्कि गैर कानूनी तरीके से उन्हें गिरफ्तार भी किया।
याचिकाकर्ता ने व्हाट्सप के स्क्रीनशार्ट कोर्ट में जमां कर पूरे मामले की सच्चाई बताते हुए बताया कि पुलिस ने इस मामले में उनके साथ ज्यादती की है वह पीड़ित हैं लेकिन उनपर झूटा मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी।
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