बॉम्बे लीक्स ,राजस्थान
राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की पहली परिवर्तन यात्रा का आज (2 सितंबर) आगाज हो गया। सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। परिवर्तन यात्रा के शुभारंभ के मौके पर राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह प्रदेश, अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समेत भाजपा के नेता मौजूद थे। परिवर्तन यात्रा को शुरू करने से पहले आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने राजस्थान की गहलोत सरकार और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
गौरतलब है कि राजस्थान में बीजेपी की ‘परिवर्तन संकल्प यात्रा’ शनिवार को सवाई माधोपुर से रवाना हो गई। इस यात्रा को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हरी झंडी दिखाई। वह खुद कुछ किलोमीटर तक रथ पर सवार होकर यात्रा में चले।यात्रा से पहले सवाई माधोपुर के दशहरा मैदान में जनसभा का आयोजन किया गया। अपने संबोधन में नड्डा बोले- गहलोत राज में भ्रष्टाचार की खुली छूट है। उन्होंने इसरो को बधाई देते हुए शुरुआत की। फिर राजस्थान सरकार पर जमकर बरसे।जेपी नड्डा ने कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार के कुशासन से आम जनता त्रस्त हो गई है। इसलिए भाजपा कार्यकर्ता को इस कुशासन को खत्म करने के लिए कमर कस लेनी चाहिए। यह गहलोत सरकार नहीं, गृह लूट सरकार है। इसे राजस्थान की सुख, शांति, अमन-चैन की कोई परवाह नहीं है। इस सरकार में विधायकों को खुली छूट दी है। ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहिए।उन्होंने कहा कि इस सरकार का मतलब लाल डायरी है। जो मंत्री इसके खिलाफ आवाज उठाता है। उसे बर्खास्त कर दिया जाता है। ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहिए।नड्डा ने कहा कि , टू जी, थ्री जी से कौन चेहरे सामने आते हैं, वही भ्रष्टाचार के चेहरे सामने आते हैं। कोल स्कैम हुआ, नेशनल हेराल्ड घोटाला। सोनिया गांधी, राहुल गांधी बेल पर है कि नहीं? इनमें से आधे जेल में हैं और आधे बेल पर। यूपी में अखिलेश सरकार के वक्त लैपटॉप घोटाला हुआ कि नहीं? लालू का चारा घोटाला हुआ कि नहीं हुआ? लैंड के बदले नौकरी का घोटाला हुआ कि नहीं हुआ? इन्हें देश से मतलब नहीं है, परिवार बचाओ और भ्रष्टाचार पर पर्दा डालो, यही काम है।बता दें कि राजस्थान भाजपा में अंदरूनी बगावत साफ तौर पर देखी जा सकती है।क्योंकि राजस्थान में भाजपा की परिवर्तन यात्रा तो शनिवार से शुरू हो गई है। वो राज्य की गहलोत सरकार के खिलाफ परिवर्तन यात्रा कई जिलों में लेकर जाएगी।लेकिन भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने उससे पहले शुक्रवार 1 सितंबर को धार्मिक यात्रा कर डाली। यह महज धार्मिक यात्रा न होकर पार्टी हाईकमान को राजे का अपनी ताकत दिखाने का एक समीकरण था। इसके अपने राजनीतिक निहितार्थ हैं। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अभी हाल ही में राजस्थान के लिए अपनी दो कमेटियों की घोषणा की थी लेकिन उनमें वसुंधरा का दूर-दूर तक कोई नाम नहीं था। वसुंधरा ने शुक्रवार को जो किया, एक तरह से इसे उनकी बगावत समझा जा रहा है।
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