
बॉम्बे लीक्स ,दिल्ली
कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोसुप्रीम से बड़ी राहत मिली। मोदी सरनेम मानहानि मामले में उनकी सजा पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी। 2019 में मोदी सरनेम पर टिप्पणी को लेकर गुजरात की एक कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता भी चली गई थी।वही देखा जाए तो सुप्रीम कोर्ट से कन्विक्शन पर रोक के बावजूद राहुल गांधी की मुश्किल अभी खत्म नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ सजा पर रोक लगाई है। दोषसिद्धि को रद्द करने पर फैसला गुजरात की सूरत कोर्ट को लेना है, जहां पर राहुल गांधी ने अपील दायर कर रखी है।इसके पहले सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर तत्काल रोक लगाने की मांग खारिज कर दी थी।
राहुल की मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक दोषसिद्धि पर रोक रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को अधिकतम सजा सुनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं।सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्षी गठबंधन के लिए भी कई मायनों में अहम है।राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली में कहा था कि मोदी सरनेम वाले चोर होते हैं। इसी बयान को लेकर बीजेपी नेता और गुजरात सरकार में मंत्री रहे पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। मार्च 2023 में सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। खास बात ये है कि इस आरोप में राहुल गांधी को अधिकतम सजा दी गई थी। यानि अगर निचली अदालत ने एक दिन भी सजा कम दी होती तो राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर असर न पड़ता।वही अगर बात करें राहुल की सदस्यता बहाली की तो लोकसभा सचिवालय के अधिकारी कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद इसका अध्ययन करेंगे।इसके बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने के संबंध में एक आदेश जारी किया जाएगा।हालांकि, इस प्रक्रिया के पूरी होने की निश्चित समय सीमा नहीं है लेकिन आशा है कि राहुल गांधी अगले सप्ताह लोकसभा की कार्यवाही में भाग ले सकेंगे।राहुल गांधी पर मानहानि का केस करने वाले भाजपा नेता का भी बयान आया है। भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और आगे सेशंस कोर्ट में जो भी प्रक्रिया चलेगी, वहां इस मामले की कानूनी जंग समाज (मोदी समाज) मिलकर लड़ेगा।सु्प्रीम कोर्ट से दोषसिद्धि पर रोक लगाने के फैसले के बाद पूर्णेश मोदी से मीडिया ने बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं।
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