शाहिद अंसारी
मुंबई:एल.ए-2 में एक और बड़ा मामला सामने आया है मामला यह है कि ड्युटी पर तैनात जहां चार पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाता है वहां एक दो पुलिसकर्मी रहते हैं बाकी के गायब रहते हैं और उसके पीछे एल.ए.2 में मौजूद ड्युटी अलार्ट करने वाले अधिकारी बाकायदा पैसे लेकर उन्हें ऑन पेपर ऑन ड्युटी दिखाते हैं और इसके एवज़ एक पुलसिकर्मी से 300 रूपए लिए जाते हैं।इस बात को देख ज्वाइंट सीपी एडमिनिस्ट्रेशन अनुप कुमार सिंह और एडिशनल सीपी असवती डोरजे ने शुक्रवार को को एल.ए-2 में दौरा किया और ड्युटी एलार्ट करने वाले पीएसआ यसने की जमकर परेड ली लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि ड्युटी अलार्ट करने के नाम पर सुरक्षा से खिलवाड़ कर मलाई खाने वाले यह अधिकारी उसी जगह पर विराजमान हैं क्योंकि यह एल.ए में मौजूद डीसीपी श्रीप्रकाश वाघमारे के करीबी हैं।यह भी संभव है कि जिस तरह से इनके द्वारा एल.ए.2 में भ्रष्टाचार चल रहा है उसमें डीसपी वाघमारे को भी मलाई खाने मिलती हो यही वजह है कि जानकारी मिलने के बाद भी अब तक किसी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया गया।
हाल ही में मुंबई पुलिस के एल.ए (लोकल आर्मस विभाग) और अंडरवर्ल्ड से साठगांठ का मामला सामने आया जिसको लेकर कोर्ट के आदेश के बाद मुबंई पुलिस ने मजबूरन जांच की और एल.ए में कार्यरत एपीआई अयाज़ पटेल को सस्पेंड कर दिया है।लेकिन सवाल बकरार है कि यह विभाग इस तरह की घटना के बाद भी सुधरेगा या अपनी पुरानी नीतियों पर चलकर पहले की तरह भ्रष्टाचार का बाजार गरम रखेगा।हालांकि मात्र इस विभाग में यही अकेला करप्शन नहीं बल्कि विभाग में न जाने कितने और करप्शन छुपे हुए हैं जिसको लेकर एल.ए विभाग ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई क्योंकि नीचे से लेकर ऊपर तक सब भ्रष्टाचार के इस बाज़ार के सौदागर हैं।
एल.ए 2 की जारी लिस्ट के मुताबिक मुबंई भर में तकरीबन 35 जगहें हैं जहां एल.ए-2 से सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी भेजे जाते हैं इनमें जेल,जेल का मुलाकात गेट,अमेरिकन दूतावास, इसराइल दूतावास,बेलजियम दूतावास,मीठी नदी कार्नर,बैंक समेत कुल 35 संवेदनशील जगहें हैं।इन सब जगहों पर एल.ए-2 से हर जगह के लिए किसी जगह के लिए 3 तो किसी जगह के लिए 4 पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की गई है।और अबतक इस नियुक्ति पर एल.ए-2 से तैनाक करने का काम पीआई मनोज हिघिसटे और पीएसआई यसने किया करते थे।जानकारी में इस बात का पता चला है कि इन सब जगहों पर लिस्ट के मुताबिक दी गई पुलिस कर्मियों की संख्या के मुताबिक नियुक्त तो किया जाता था लेकिन ड्युटी पर तैनात चार पुलिस कर्मियों में से एक ही दो नियुक्त रहता था बाकी सब साठगांठ कर ऑन ड्युटी होते हुए भी गायब रहते थे और इस तरह से ऑन ड्युटी गायब रहने के लिए एक पुलिस कर्मी 300 रूपए अदा करता है।उसके बाद वह एल.ए-2 में मौजूद रिकार्ड में गायब होने के बावजूद ऑन ड्युटी होता है लेकिन वास्तव में वह उस जगह पर नहीं होता बल्कि वह ऑन ड्युटी होते हुए अपने गांव में या अपने व्यक्तिगत काम में व्यस्त रहता है।इस तरह से चंद रूपए के चक्कर में ड्युटी करने वाला और ड्युटी पर नियुक्त करने वालों की साठगांठ होने की वजह से न सिर्फ पुलिस की नौकरी से दगाबाज़ी करते है बल्कि उन जगहों की सुरक्षा को लेकर खिलवाड़ करते हैं।पूर्व आईपीएस अधिकारी वाई.पी. सिंह ने कहा कि यह ऊपर से मिली भगत रहती है और जो पुलिसकर्मी ड्युटी पर तैनात होने की चेकिंग करते हैं उन्हें चेक कर के उसकी रिपोर्ट भेजनी चाहिए लेकिन जब ऊपर से लेकर नीचे तक लोग मिले होते हैं तो यह भी संभव नहीं है यहां एक प्रकार की साठगांठ और वापरवाही तो की जाती है साथ साथ सुरक्षा से बड़े पैमाने पर खिलावड़ किया जाता है जिसका फाएदा असमाजिक तत्व या आतंकी उठा सकते हैं।इसलिए इस विभाग को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को गंभीर होने की ज़रूरत है नहीं तो एक न एक दिन यह लापरवाही और ड्युटी से खिलवाड़ करना न सिर्फ उन्हें भारी पड़ सकता है बल्कि जिस जगह पर नियुक्त किए जाते हैं उन्हें भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।पुलिसकर्मियों कि संवेंदनशील जगहों पर नियुक्ति का मतलब ही यह होता है कि वह जगहें सुरक्षा के दाएरे में हों और उनकी सुरक्षा पुख्ता हो ताकि कोई भी वहां गैर कानूनी और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम न दे सके।
हालांकि हमने इस बारे में ड्युटी अलार्ट करने वाले एल.ए-2 के अधिकारी पीआई मनोज हिघिसटे से बात कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उनसे इस भ्रष्टाचार से जुड़े सावालात किए गए तो उन्होंने फोन काट दिया जबकि एल.ए विभाग मे तौनात एडिशनल सीपी असवती डोरजी से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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