Bombay Leaks Desk
भिवंडी:भिवंडी महानगर पालिका में फैले भ्रष्टाचार की एक लंबी फेहरिस्त है मगर पिछले कुछ महीनों में मौजूदा मनपा आयुक्त ने महापालिका के कामकाज को लेकर भ्रष्टाचार करने वाले ठेकेदारों लगाम लगाना शुरू कर दिया है। जिसकी ताजा उदाहरण कोणार्क आर्केड 22 लाख का संपत्ति कर, टोरंट पावर कंपनी 200 करोड़ टैक्स, एल बीटी विभाग में लगभग 1500 करोड़ के भ्रष्टाचार का खुलासा, शहर के मोबाइल टावर्स पर लगाया गया करोड़ों का टैक्स शामिल है। इसके बाद अब मनपा आयुक्त डॉ योगेश महसे ने ड्रेनेज लाइन डालने वाली ईगल कंपनी पर दैनिक एक लाख 30 हजार रुपये का जुर्माना करके पूरे शहर में खलबली मचा दिया है. आयुक्त ने शहरीयो के हित में एक के बाद एक महत्वपूर्ण कदम को देखते हुए शहर में इस बात को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है कि कहीं बड़े और ऊपर पहुंच रखने वाले ठेकेदार और दबंग राजनेता अपने निजी लाभ के लिए आयुक्त को यहां से चलता न कर दें। यह देखते हुए मनपा आयुक्त को समर्थन देने के लिए अब जनता को आगे आना चाहिए।
गौरतलब है कि महानगर पालिका सीमा में अंडरग्राउंड ड्रेनेज लाइन डालने के लिए 467 करोड़ रुपए के भारी-भरकम बजट का काम जारी है। इस परियोजना के पहले चरण में 64 करोड़ रुपए का काम पूरा हो चुका है.दूसरे चरण में 403 करोड़ रुपये का काम पिछले साल से जारी है। ठेकेदार कंपनी ने शहर में जल निकासी लाइन डालने के सभी सिद्धांत और कानून कायदे को ताक पर रखकर अशोक नगर,गोपाल नगर, पदमानगर, नारायण कंपाउंड , समद नगर,नाय गाँव, भंडारी कंपाउंड, मान सरोवर, दरगाह रोड, अजंता अजंता कंपाउंड, समेत शहर के अन्य कई क्षेत्रों की सड़कों को तोड़कर ड्रेनेज लाइन डाल दिया, लेकिन उनकी खुदी हुई सड़कों को बनाना आवश्यक नहीं समझा.जस के कारण लगभग एक साल से शहर के विभिन्न इलाकों में रहने वाले लोगों जिससे ऊबड, खाबड़ और नुकीले पत्थरों पर वाहनो और पैदल चलने वाले नागरिक गंभीर मानसिक, और शारीरिक दुश्वारियों से पीड़ित हो रहे हैं. कंपनी की दादा गिरी का आलम ये है कि उसने मनपा प्रशासन और जन प्रतिनिधियों के दबाव को सिरे से खारिज करते हुए खोदी गई सड़कों को फिर से बनाने के बजाय अवैध पंप स्टेशन का काम शुरू कर दिया जो इस परजैक्ट के अंत में होना था । गार्डन के लिए के लिए आवंटित जगह और ईदगाह रोड पर सलाटर हाउस की जमीन पर जहां यह काम करने से पहले सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। लेकिन कंपनी ने राज्य सरकार के अपने प्रभाव के दम पर उसकी भी जरूरत महसूस नहीं कर रही है। और काम धड़ल्ले से अपना काम कर रहा है। जबकि सरकार की अनुमति के बिना इस तरह की जमीन पर निर्माण कार्य करने से ठेकेदार कंपनी के खिलाफ एफआईआर और एम आर टी पी का केस दर्ज होना चाहिए था, लेकिन ठेकेदार इससे बेपरवाह होकर अपना काम जारी किए हुए है।
जिसके बाद नगर मनपा योगेश महसे ने ईगल कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए इस पर दैनिक एक लाख 30 हजार रुपये का जुर्माना किया है। इससे पहले डेढ़ साल में घटिया दर्जे के काम हुए हैं। और जो ठेकेदार द्वारा बड़े पैमाने पर झोल झाल किया गया है उसकी रिपोर्ट भी मांगी है।आयुक्त के इस कदम नागरिकों ने जबरदस्त स्वागत किया है।नगरसेवक और स्थायी समिति के पूर्व सदस्य सिराज ताहिर मोमिन ने कहा कि आयुक्त के इस साहसिक कदम पर उनकी प्रशंसा करते हुए कहा है कि आयुक्त ईगल कंस्ट्रक्शन कंपनी के सभी कार्यों की जांच कराए जाने डेढ़ साल से जो उसने अत्यंत घटिया काम मिट्टी के नीचे दबा दिया है इस जांच होकर उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए. सिराज ताहिर मोमिन ने नागरिकों से अनुरोध है कि ईगल कंपनी अपने राजनीतिक प्रभाव के बल पर आयुक्त को भी आँखें देखा रहा है इसलिए आवश्यक है कि नागरिक अब खुद आगे बढ़कर इस तरह की दबंगई के खिलाफ आवाज उठाए और आयुक्त को इस तरह का फैसला लेने की ताकत दें कि वह अपना काम और भी मुस्तैदी और ईमानदारी से करके शहर को दीमक की तरह चाटने वालों के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई करें। पूर्व नगर सेवक वसीम अंसारी ने कहा कि भिवंडी महानगर पालिका को बने हुए 15 साल के एक लंबे समय में शहर को एक सक्षम और ईमानदार मनपा आयुक्त मिला है जो शहर की सभी समस्याओं को हल करने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में पूरी दिलचस्पी ले रहा है । शहर में साफ सफाई का हमेशा अभाव रहा है। मगर वर्तमान आयुक्त ने इस पर विशेष ध्यान दिया जिसका असर शहर में दिखाई दे रहा है। और इस शहर का प्रभार लिए हुए कुछ महीने ही बीता है इस लिए उनको यहाँ रहने दिया जाना चाहिए क्योंकि उनके काम करने की प्रक्रिया को देखते हुए लोगों की उनसे काफी उम्मीदें हैं। नागरिकों का भी कहना है कि आयुक्त डॉ योगेश महसे कम से कम 3 साल यहाँ रहें तब कहीं शहर का बिगड़ा निज़ाम बेहतर हो सकता है।
भिवंडी मनपा ने ईगल कंपनी पर लगाया है 1.30 लाख रुपए प्रतिदिन का दंड
भिवंडी में ड्रेनेज लाइन के लिए खोदी गयी सड़कों का उचित तरीके से मरम्मत एवं डामरीकरण नही करने से लोगों को हो रही असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मनपा प्रशासन ने ईगल इंफ्रा इंडिया लि.नामक ठेकेदार कंपनी को पुराना काम पूरा होने के पहले सड़कों की खोदाई का नया काम शुरू न करने की सख्त चेतावनी दी है। निविदा के नियमों के अनुसार काम पूरा होने में ईगल कंपनी की लापरवाही सामने आने पर मनपा प्रशासन ने उसके विरुद्ध एक लाख 30 हजार रुपए प्रतिदिन का दंड भी लगा दिया है। बतादें कि भिवंडी मनपा द्वारा अंडर ग्राउंड ड्रेनेज लाइन फेज क्रमांक-2 का ठेका उल्हासनगर की ईगल इंफ्रा इंडिया लि.कंपनी को सन 2015 में साढ़े चार सौ करोड़ रुपए में दिया गया था. लगभग दो साल का समय बीत जाने के बावजूद अभी तक 10 प्रतिशत भी ड्रेनेज लाइन का काम पूरा नही किया गया है।इसके बावजूद काम के नाम पर कंपनी को लगभग 80 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया गया है।जबकि ड्रेनेज लाइन डालने वाला कंपनी द्वारा शहर के विभिन्न इलाकों के सड़कों खोदकर खंडहर में तब्दील कर दी गयी है.जिससे लोगों का चलना दुश्वार हो गया है।
इस तरह के ड्रेनेज लाइन के काम में ठेकेदार द्वारा प्रदूषण एवं सुरक्षा आदि को ध्यान में रखते हुए एक किलोमीटर का हिस्सा पतरों आदि से पूरी तरह ढक करके उतना काम पूरा करने के बाद आगे बढ़ना चाहिए था।वहीं यहां बिना किसी सुरक्षा एवं प्रदूषण का ध्यान न रखते हुए नारपोली गांव से लेकर निजामपुरा तक एवं ईदगाह से फेनेगांव तक एक साथ काम शुरू कर दिया गया।सूत्र बताते हैं कि ड्रेनेज लाइन का काम अभी तक 10 प्रतिशत भी नही पूरा हुआ है.फिर भी ठेकेदार द्वारा काम के भुगतान के लिए मनपा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।यही नही ठेकेदार कंपनी द्वारा अवचित पाड़ा स्थित गार्डेन की जगह में एवं ईदगाह स्थित स्लाटर हाउस की जमीन पर गैरकानूनी तरीके से पंपिंग स्टेशन बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है.जो ड्रेनेज लाइन का काम पूरा होने के बाद किया जाना चाहिए था।जिसके लिए सरकारी मंजूरी लिया जाना आवश्यक था.लेकिन कंपनी द्वारा इसके लिए किसी प्रकार की कोई मंजूरी नही ली गयी है।
ईगल कंपनी की लापरवाही सामने आने पर शहर के नागरिकों को हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए मनपा द्वारा ईगल कंपनी को नोटिस देकर नए काम पर रोक लगा दिया गया.मनपा के शहर अभियंता एस.आर.निकम द्वारा कंपनी को दी गयी नोटिस में कहा गया है कि 20 जनवरी 2017 को हुयी नियोजन की बैठक में निर्देश दिया गया था कि कोई भी नया काम शुरू करने के पहले शहर के विभिन्न इलाकों में ड्रेनेज लाइन के काम के कारण सड़कों पर हुए गड्ढे एवं धंसी हुयी सड़कों का सही तरीके से मरम्मत करके डब्ल्यूबीएम के साथ उसका डामरीकरण करना आवश्यक है.लेकिन मनपा के इस निर्देश के बावजूद ठेकेदार कंपनी द्वारा सड़कों की मरम्मत एवं उसके डामरीकरण के लिए कोई ध्यान नही दिया गया.मनपा आयुक्त डॉ.योगेश म्हसे ने ड्रेनेज लाइन के काम की धीमीगति के कारण स्थानीय नागरिकों को हो रही परेशानियों को लेकर भारी नाराजगी व्यक्त की गयी थी।जिसके कारण मनपा ने कंपनी को सात फरवरी 2017 को नोटिस देकर 15 दिन के अंदर शहर के अलग-अलग इलाकों में ड्रेनेज लाइन डालने के लिए खोदी गयी सड़कों की मरम्मत करके उसकी डामरीकरण करने का निर्देश दिया था।लेकिन कंपनी ने यहां के नागरिकों की स्वास्थ्य की चिंता न करते हुए मनपा की इस नोटिस को नजरअंदाज कर दिया। जिसके कारण मनपा ने ईगल कंपनी को पुनः कड़ा निर्देश देते हुए कहा कि जब तक पुराना काम पूरा न हो जाए तब तक नया काम शुरू न किया जाए।मनपा ने निविदा के निहां यमों एवं शर्तों के अनुसार कंपनी के विरुद्ध काम पूरा न होने तक एक लाख 30 हजार रुपए प्रतिदिन का दंड भी कंपनी के विरुद्ध लगा दिया है. मनपा आयुक्त डॉ.योगेश म्हसे ने ईगल कंपनी द्वारा इससे पहले शहर में डाले गए ड्रेनेज लाइन के काम की रिपोर्ट भी मंगवाई है.जिसके निविदा में बड़े पैमाने पर झोल करने के साथ कंपनी द्वारा घटिया दर्जे का काम किया गया था।
खबरों की मानें तो स्थानीय कुछ जनप्रतिनिधियों एवं मनपा अधिकारियों की मिलीभगत से ईगल कंपनी शहर में मनमानी कर रही है।जिसके कारण स्थानीय नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.बताया जाता है कि ईगल कंपनी ने कुछ कद्दावर नेताओं के दबाव में तत्कालीन मनपा आयुक्त के आशीर्वाद से इससे पहले का ड्रेनेज लाइन का काम हथिया लिया था।
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