मुंबई:महाराष्ट्र पुलिस के सस्पेंडेड डीआईजी सुनील पारस्कर के ऊपर जिस मॉडल ने आरोप लगाया था कि कि उन्होंने उसका फ़ोन उससे ले लिया उस फ़ोन को ही आधार मान कर मुबंई पुलिस सुनील पारस्कर को गिरफ़्तार करना चाहती थी। लेकिन जांच हुई और जांच के बाद पता चला कि जिस फ़ोन को पीडिता ने पारस्कर के जरिए उस से लेने की बात कही थी वह झूटी निकली।मॉडल ने वह फोन FIR दर्ज करने से पहले ही बेच चुकी थी।इसका खुलासा खुद मुंबई पुलिस की छानबीन मे हुआ।
दरअसल पीडिता मॉडल ने 22 जूलाई 2014 को तत्कालीन मुबंई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया से शिकायत की जिसके बाद उन्होंने मामले मे FIR दर्ज करने के लिए कहा।24 जूलाई को मुंबई के मालवानी पुलिस थाने में पारस्कर के खिलाफ रेप का मामला दर्ज हुआ।अपने बयान में पीडिता ने अपना सैमसंग नोट 2 मोबाइल फोन के बारे में बताया कि उसे पारस्कर ने ले लिया है उसमें कई सारे मैसेज हैं जो पुलिस सुबूत के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है।
लेकिन इस फ़ोन की जब छानबीन शूरू हुई तो पता चला कि इस फोन को FIR दर्ज करवाने से 6 महीने पहले 16 जनवरी 2014 को मॉडल ने भावेश धरूण नाम के एक मोबल विक्रेता को बेच चुकी है और उसी फ़ोन को 17 जनवरी 2014 को मकरंद चौहान नाम के एक शख्स ने भावेश धरूण से 21000 रुपये में खरीद लिया था।
दरअसल पीडिता मॉडल के बयान के बाद पुलिस ने उसके फोन को इसलिए तलाश करना शूरू कर दिया कि यह फ़ोन पारस्कर के घर में मिलेगा और फिर तुरंत पारस्कर को गिरफ़्तार कर लिया जाएगा।लेकिन पुलिस ने जितनी तेज़ रफ़्तारी से जांच की उसके बाद जो रिपोर्ट सामने आई उससे पता चला कि पीड़ता की शिकायत में जिस फ़ोन का ज़िक्र किया गया था और यह कहा गया था कि यह फ़ोन पारस्कर ने उससे ले लिया है यह बात झूटी है बल्कि सच्चाई यह है कि उसे खुद पीड़िता ने बेच दिया था।
मुबंई पुलिस छानबीन करने के बाद मकरंद चौहान के बयान दर्ज कर उससे फोन ले लिया गया और भावेश धरूण का भी बयान दर्ज कर लिया गया।भावेश ने अपने बयान में कहा कि उसकी दुकान पर मॉडल ने खुद ही आकर बेचा था और फिर उसनें मकरंद चौहान को बेचा था।
जिस मोबाइल फोन को मुबंई पुलिस सुबूत के तौर पर मानती थी वह मात्र पीड़िता के झूटे बयान के तहत दर्ज किया गया था और छानबीन के बाद जब उसका झूट पकड़ा गया तो उसने कह दिया कि उससे भूल होगई थी।इसलिए उसने ऐसा बयान दिया था।
ऐसे मे यह सोचने वाली बात है कि क्या मुंबई पुलिस पारस्कर को एक फ़ोन चोरी या फ़ोन छीनने के लिए गिरफ़्तार कर रेप के मामले की छाबीन करने वाली थी या पीड़िता मॉडल और पुलिस की इस पूरी कहानी के पीछे की सच्चाई कुछ और है।
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