शाहिद अंसारी
मुंबई:सीसीटीवी वाइरल हो जाने के बाद फ़र्ज़ी गिरफ्तारी को लेकर अब मुंबई पुलिस खुद को बचाने के लिए तरह तरह के झूटे हथकंडे अपना रही है।सीसीटीवी में वडाला टीटी पुलिस थाने के पुलिस कर्मियों की करतूत कैद होजाने के बाद उनके पैरों के नीचे से ज़मीन खिसकने लगी और अब कार्रवाई के डर से बचने के लिए मन गढ़त कहानियां बनाने लगी।वडाला पुलिस थाने के सीनियर पीआई सुशील कांबले ने कहा कि उनके पुलिस कर्मियों ने आरोपी को गिरफ्तार किया था लेकिन वह उनकी हिरासत से भाग गया था और यह बात पुलिस तब कह रही है जब सीसीटीवी वाएरल हुगया।लेकिन हैरान करदेने वाली बात यह कि पुलिस ने इस मामले मे किसी भी तरह की कोई FIR तक दर्ज नहीं की।और ना ही किसी पुलिस कर्मी को सस्पेंड किया गया।
फ़र्जी तरीके से हथियारों के साथ गिरफ्तारी के बाद वडाला पुलिस ने मुंबई के विक्रोली कोर्ट में आरोपी इमरान को वडाला पुलिस थाने हिरासत में लेने के लिए आवेदन किया।18 फरवरी को रात 10 बजकर 23 मिनट पर आरोपी को वडाला टीटी पुलिस थाने ने गिरफ्तार किया था।गिरफ्तारी और गिरफ्तारी के दौरान पुलिस के ज़रिए आरोपी की ली गई तलाशी सीसीटीवी कैमरे में कैद होगई थी जिसके बाद कोर्ट ने वडाला पुलिस थाने से यह सवाल किया कि आरोपी को नेहरू नगर पुलिस से पहले वडाला टीटी पुलिस थाने ने गिरफ्तार किया था।कोर्ट ने वडाला टीटी पुलिस थाने को जब यह सवाल किया तो उन्होंने आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि की लेकिन वडाला पुलिस थाने ने कोर्ट को यह कहकर गुमराह करने की कोशिश की कि आरोपी फरार हो गया था जिसके बाद कोर्ट ने पूछा कि अगर आरोपी फरार होगया था तो उसकी FIR की कॉपी कहां है कोर्ट ने कहा कि इसपर पहले आप अपनी रिपोर्ट पेश करें।
नेहरू नगर पुलिस थाने का बयान
इस बारे में नेहरू नगर पुलिस थाने के सीनियर पीआई प्रमोद कोपारडे ने Bombayleaks से बात करते हुए कहा कि सीसीटीवी वीडियो रिकॉर्डिंग में जो लोग दिखाई दे रहे हैं वह हमारा स्टाफ नहीं है हमने इस मामले उसी आरोपी को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है जिसे वडाला टीटी ने रे रोड से निहत्ता गिरफ्तार किया है।
Bombayleaks को मिली जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि वडाला टीटी और नेहरू नगर पुलिस थाने के उस रात में मौजूद पुलिस वालों की साठगांठ हुई थी जिसके बाद वडाला टीटी के तीन वह पुलिस वालों ने आरोपी को रे रोड से गिरफ़्तार किया जो आरोपी को पहले से पहचानते थे और उसके बाद रात में नेहरू नगर पुलिस थाने को हैंड ओवर कर उसके पास से हथियार बरामदगी का फ़र्जी केस बनाया क्योंकि आरोपी के जिस बयान पर पुलिस ने हस्ताक्षर करवाया उसमें नेहरू नगर ने अपनी मनगढ़त फ़र्जी केस की कहानी बना कर उसपर आरोपी की दस्तखत करवाई है।
अगर वडाला टीटी पुलिस थाने आरोपी की गिरफ्तारी दिखाती तो आरोपी के खिलाफ केवल तड़ीपार की अवधी में वर्जित क्षेत्र में आने का केस बनता जिसके लिए उसे मना किया गया है।इसलिए वडाला टीटी पुलिस थाने और नेहरू नगर पुलिस थाने ने केस को मज़बूत बनाने के लिये आपस में मिल कर अपने पास से आरोपी के पास हथियार रखकर आर्म्स ऐक्ट के तहेत मामला दर्ज किया।लेकिन जब सीसीटीवी के ज़रिए वडाला टीटी पुलिस थाने की पोल खुली तो अपने बचाव के लिए वडाला टीटी पुलिस थाने ने आरोपी के भागने की मनगढ़त कहानी के ज़रिए खुद को बचाने की कोशिश कर रही।ताज्जुब इस बात का कि पुलिस ने इस गिरफ्तारी के बाद फरार होने की FIR तक दर्ज नहीं की।जिससे साफ पता चलता है कि मुंबई पुलिस के लिए किसी के खिलाफ़ फर्ज़ी केस बनाना और निहत्ते शख्स के हाथों में हथियार थमा कर उसके खिलाफ आर्म्स ऐक्ट के तहेत मामला दर्ज करना कोई मुश्किल काम नहीं है।
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