शाहिद अंसारी
मुंबई:ACB की कार्रवाई में पैसों का हिसाब किताब सबसे ज्यादा माने रखता है आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद से जो कार्रवाई का सिलसिला शूरू होता है उसमें खासकर इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि इस दौरान पकडे जाना वाले आरोपी ने इससे पहले रिश्वत की रकम कहां छुपा रखी है।इसलिए उसे गिरफ्तार करने के बाद घर की तलाशी उसकी आफिस की तलाशी उसके दूसरे ठिकाने यह सब जगह ACB की टीम छान मारती है।क्योंकि अक्सर आरोपी रिश्वत की या ऊपरी कमाई को ऐसी जगह छुपा कर रखता हैं जिसके बारे मे किसी को पता नही चलता।इसलिए जाल बिछाने से पहले ही ACB की एक टीम आरोपी के पास मौजूद रहती है और बाकी टीम उसके घर और दूसरे ठिकानों पर मौजूद रहती है जैसे ही उसे रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया जाता है सब से पहले उसका फोन बंद कर दिया जाता है ताकि वह किसी को इस कार्रवाई के बारे में ना बता सके क्योंकि अगर उसने किसा को बताया तो यह मुमकिन है कि उसके दूसरे ठिकानों पर छापे मारने से पहले उसके सहयोगी ऊपरी कमाई को कहीं और छुपा सकते हैं।और फिर घटना पर मौजूद टीम दूसरी सारी टीमों को फोन कर ट्रैप की कामयाबी के बारे में बताते हैं और फिर एक ही समय में सब जगह तलाशी शुरू करदी जाती है।
दरअसल किसी भी मामले मे जब ACB कार्रवाई करती है उस वक्त सुबूतों को इक्टठा करना सब से अहम काम होता है।आरोपी को रिश्वत देने से पहले जो पैसे दिए जाते हैं वह शिकायतकर्ता की तरफ से दिए जाते हैं।जैसे ही ACB का आपरेशन कामयाब होता है उसी जौरान ACB उस रकम को बतौर सुबूत जब्त करलेती है।ठीक दो महीने के बाद शिकायतकर्ता की वह रकम सरकारी खाते से वापस कर दी जाती है।और शिकायतकर्ता के जरिए दी हुई रकम को बतौर सुबूत ACB अपने पास रखती है उसमें मौजूद नोटों के नंबर और दूसरी तफ्सील ACB अपने पास रखती है और उसे कोर्ट मे पेश करती है।
महाराष्ट्र ACB के एडिशनल डीजी संजय बर्वे ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्रवाई के दौरान और कार्रवाई के बाद आरोपी के पास से ACB जो कैश के साथ साथ प्रापर्टी के दस्तावेजों को जब्त करती ताकि आरोपी कोई भी प्रापर्टी बेच ना सके और जब्त पैसों को ACB अपने बैंक अकांउट में जमा करती है साथ में अगर आरोपी के बैंक लाकर है तो ACB उसे सील कर देती है और बैंक को यह हिदायत देती है कि इस पर मामले दर्ज हैं और लाकर को इस्तेमाल करने से रोकती है।घर से जब्त गोल्ड को उसी अवस्था में बैंक में जमा करती है ताकि कभी कोर्ट की ओर से आरोपी को वापस करने का आदेश होता है तो उसके गोल्ड को उसी अवस्था में वापस कर दिया जाता है।इस लिए उसे गलाती नहीं क्योंकि ACB का खुद का माल मुद्दा रखने की जगह नहीं है इसलिए जब्त पैसे और सोने को ACB अपने खुद के बैंक अकाउंट और लॉकर मे रखती है।मामला कोर्ट में चलता रहता है अगर आरोपी यह सिद्ध करने में कामयाब हो जाता है कि उसके पास से जब्त सारी दौलत जायज है तो उसे कोर्ट के आदेश के बाद उसके हवाले कर दिया जाता है नहीं तो वह सरकारी खाते में जमा कर दी जाती है।इसके अलावा अगर कहीं सरकारी नौकर या जनता सेवक पर जनता को शक है की उसके पास अवैध प्रॉपर्टी बहुत है तो वह उसके खिलाफ भी ACB में शिकायत दर्ज करा सकता।ACB उसपर भी कार्रवाई कर उसकी प्रॉपर्टी ज़ब्त कर सकती है।
समय के साथ साथ ACB के काम करने में भी काफी बदलाव आचुका है जिस तरह से रिश्वत खोरों के रिश्वत लेने के तरीके में तब्दीली आई है उसी तरह से ACB भी केस को मजबूत बनाने और उसे कोर्ट में साबित करने के लिए अब वीडियो रिकार्डिंग करती है इसके लिए ACB की एक टीम कैमरे से लेस ऐसी जगह से बैठकर ACB की कार्रावाई और आरोपी की रिकार्डिंग करती है जहां आरोपी या किसी और की निगाह नहीं पडती और फिर उसे कोर्ट में पेश करती है।ताकि रिश्वत खोरको उसके अंजाम तक पहुंचाया जा सके।
Post View : 20
One Comment
Vivek Agrawal
Good and very informative story… publish more stories on the same lines.