मुंबई:मुंबई के अंधेरी इलाके में डायरेक्टर,राइटर और पेंटर भास्वती चक्रबर्ती के स्टूडियों में ताला तोड़कर सामान चोरी करने का मामला सामने आया है।जिसके बाद मुबंई के आंबोली पुलिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया है।घटना 31 मार्च की शाम की है जब कुछ अज्ञात लोग चक्रबर्ती चक्रवर्ती के स्टूडियों का ताला तोड़कर स्टूडियो से प्रोजेक्टर,एपल कंपनी के 2 लैपटॉप,एपल कंपनी का एक टैब,2 एडिटिंग मशीन,12 हार्डडिस्क और इसके अलावा भी कई कीमती सामान चोरी होगए।
भास्वती मुंबई से बाहर थीं उन्हें इस बात की जानकारी जैसे हुए उन्होंने इसकी जानकारी मुंबई पुलिस कमिश्नर को मैसेज के ज़रिए दी लेकिन कमिश्नर ने कोई तवज्जा नहीं दी। भास्वती की मां स्टूडियों के थोड़ी ही दूरी पर रहती है उन्होंने इसकी शिकायत स्थानी पुलिस थाने आंबोली में की घटना शाम 5 बजें घटी लेकिन भास्वती की मां अंबोली पुलिस थाने में पूरी रात बैठी रहीं रात साढे तीन बजे डीसीपी की दखल के बाद उनकी शिकायत दर्ज की गई।
दरअसल भास्वती चक्रबर्ती तीन साल के लिए शेफाली रदेरिया से अँधेरी के आज़ाद नगर में यह जगह किराए पर लेकर 50 लाख रूपए खर्च कर स्टूडियो बनाया।किराए पर देने के बाद भास्वती की मालकिन उन्हें बहुत परेशान किया करती थीं जिसकी शिकायत उन्होंने कई दिन पहले आंबोली पुलिस थाने में की थी लेकिन पुलिस ने कोई खास तवज्जा नहीं दी।
जैसे ही किसी काम से भास्वती स्टूडियो बंद कर मुबंई से बाहर गई उनके स्टूडियो का ताला तोड़कर पहले सामान चोरी करने के बाद मकान मालकिन ने दूसरा ताला लगा दिया।इस बात की जानकारी जैसे ही भास्वती की मां को हुई उन्होंने 103 नंबर पर फोन कर पुलिस तलब की पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और उन्हें पुलिस थाने लेकर गई लेकिन पुलिस थाने मे मौजूद ड्युटी ऑफीसर दीपक गांवकर ने शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया।भास्वती की मां ने जब कई बार मन्नत समाजत की तो ड्युटी ऑफीसर दीपक गांवकर ने कहा रात भर पुलिस थाने में बिठा कर सड़ा दूंगा चुपचाप रहो और यहां से निकलो।
डीसीपी की दखल के बाद हुई FIR
रात 10 बजे के आसपास भास्वती ने ज़ोनल डीसीपी सत्यानारायण चौधरी को फोन किया और फिर रात साढ़े तीन बजे उनका बयान मराठी मे दर्ज कर FIR दर्ज की गई।भास्वती की मां ने मालकिन शेफाली रदेरिया के खिलाफ (जिन्होंने ताला तोड़कर सामान चोरी करवाया) उनके खिलाफ़ शिकायत दर्ज करानी चाही लेकिन उन्हें मराठी ना आने की वजह से ड्युटी ऑफीसर दीपक गांवकर ने बेवकूफ बनाते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज कर खानापुरी कर दी।जब उन्होंने अपने वकील से इसको पढ़ाया तो पता चला कि जिसने चोरी करवाई है उसका नाम ही नहीं है बल्कि दूसरे अज्ञात लोगों के नाम हैं।
इस बारे में अंबोली सीनियर पीआई रमेश खड़तरे ने कहा कि FIR में समय जाता है यह स्वाभाविक है इतना समय लगना और चूंकि किसी ने उनकी मालकिन को ताला लगाते हुए नहीं देखा इसलिए उनका नाम नहीं लिखा जासकता इस मामले मे हम लोगों के बयान दर्ज कर रहे हैं किसके बयान और कौन कौन से लोग इसमे आरोपी हैं उसका नाम हम नहीं ज़ाहिर कर सकते।
भास्वती चक्रबर्ती के पिता निबिर चक्रबर्ती कोलकाता मे कस्टम सुप्रुटेंडेंट के ओहदे पर कार्यरत हैं जबकि उनके बड़े पिता 1971 में भारत के ज़रिए पाकिस्तान से हुए युद्ध में शहीद हुए थे।
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