शाहिद अंसारी
मुंबई: जमात रज़ा-ए-मुस्तुफ़ा बरेली शरीफ़ के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने Bombay Leaks से बात करते हुए कहा कि “ जमात के अध्यक्ष सलमान हसन कादरी ने यूपी सरकार के ज़रिए दिए गए बयान के बाद यह आदेश जारी किया है कि देश की आज़ादी के बाद से मुसलमान जश्न आज़ादी मना रहे और हमेशी की तरह इस साल भी मनाऐंगें लेकिन इस बार जब योगी सरकार ने राष्ट्रीय गान ज़रूरी करार दिया तो हमें यह जवाब देने की ज़रूरत आपड़ी की हम राष्ट्रीय गान नहीं गाऐंगें क्योंकि उसमें शिरकिया जुमलों का इस्तेमाल किया गया और कौमी तराना सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा हम हमेशा पढ़ते हैं उसके लिए किसी को देशभक्ति का सर्टिफिकेट देने की ज़रूरत नहीं हम कौमी तराना हिंदुस्तान का ही पढ़ते हैैं चीन का नहीं ।”
इस फ़रमान के बाद से आज़ाद मैदान दंगों के आरोपी तथाकथित स्वंयघोषित धर्मधुरंधर तोड़ु-ए-नागपाड़ा श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली की जम कर थू थू हो रही है क्योंकि 2 दिन पहले ही बंगाली बाबा खुद मुसलमानों का सरदार बन कर यह फ़रमान जारी किया था कि सारे मुसलमान 15 अगस्त को मस्जिद और मदरसों में तिरंगा फहराऐं और राष्ट्रगीत पढ़ें।जिसके बाद मुसलमानों में इस बात को लेकर नाराज़गी फैल गई की बंगाली होता कौन है मुसलमानों को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए यह आदेश जारी करने वाला।इसी बीच बेरली शरीफ़ के फरमान के बाद लोगों में बंगाली बाबा को लेकर नाराज़गी ज्यादा बढ़ गई है।
वहीं वंदे मातरम को लेकर बंगाली के दोस्त बीजेपी एमएलए राज पुरोहित की भी जम कर थू थू हो रही है कि वह वंदे मातरम का राग अलाप रहे लेकिन खुद सही तरीके से नहीं गा पाए।ध्यान रहे राज पुरोहित की ही राह पर बंगाली बाबा ने भी चलने की कोशिश की लेकिन मुंबई के मुसलमान इसकी चाल समझ गए और इसे अहमियत नहीं दी।
बरेली शरीफ़ के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने Bombay Leaks से बात करते हुए कहा कि अगर इस तरह से कोई यह बयान जारी करता है तो यह उसका अपना मसला है और अपना स्वार्थ है जिसके लिए वह इस तरह के शिर्किया जुमलों वाले राष्ट्रीय गान मस्जिद में गाने के लिए फरमान जारी करता है।
दरअसल बंगाली के ज़रिए मुंबई के मुसलमानों की ठेकेदारी लेने की बड़ी वजह यह मानी जाती है कि बंगाली आज़ाद मैदान दंगों को लेकर काफी सहमा हुआ है कि कहीं मौजूदा सरकार दंगों के लेकर इस पर कार्रवाई न करे।इसलिए बंगाली इस तरह के बयान देकर खुद को प्रकाश में ला कर मौजूदा सरकार की वाहवाही लूटने और आज़ाद मैंदान दंगों से सरकार का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है और मुसलमानों के जज़बात से खिलवाड़ कर उन्हें धोखा देने की कोशिश कर रहा है।लेकिन सही मौके पर बरेली शरीफ़ से जो फरमान आया उसके बाद से बंगाली की कलई खुल गई और लोगों को पता चल गया कि यह देशभक्ति का दिखावा कर रहा है।अब मुंबई के मुसलमान यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि बंगाली असल में किस के लिए काम कर रहा है।
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