शाहिद अंसारी
औरंगाबाद : औरंगाबाद के छावनी पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद से बाबा बंगाली के पंटर वक्फ़ माफिया शब्बीर अंसारी और अब्दुलकय्यूम नदवी दोनों फ़रार हैं। छावनी पुलिस थाने के सीनियर पीआई बहुरे ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों आरोपी वक्फ़ माफिया को मामला दर्ज होने के बाद से तलाश किया जा रहा है दोनों ने अपने फोन बंद कर भाग गए हैं। हमने इन दोनों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को इनके घर पर भेज कर दबिश देने की कोशिस की लेकिन दोनों वहां से भी गायब हैं फिलहाल पुलिस इनको तलाश कर रही है अगर किसी को इन दोनों को बारे में पता चले तो वह पुलिस को जानकारी दें।
ध्यान रहे आज़ाद मैदान दंगों और हत्या के आरोपी तोड़ु-ए-नागपाड़ा भूमाफिया तथाकथित स्वघोषित धर्म धुरंधर श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली के पंटर शब्बीर अंसारी और उसके दूसरे गुर्गे अब्दुलकय्युम नदवी ने पिछले हफ्ते औरंगाबाद वक्फ़ बोर्ड कार्यालय में गुंडई करते हुए ताला लगा दिया जिसके बाद वक्फ़ बोर्ड के सीईओ ने इनके खिलाफ़ स्थानी पुलिस थाने में मामला दर्ज करवा दिया। मामला दर्ज होने के बाद शब्बीर अंसारी ने राज्य सरकार को चुनौती देते हुए कहा था कि दम है तो गिरफ्तार कर के दिखाऐं आज वक्फ़ बोर्ड की ऑफिस मे ताला लगाया हूं अगली बार राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णविस के दफ्तर में ताला लगा कर उन्हें भ बंदी बनाऊंगा। लेकिन जैसे ही शब्बीर अंसारी और उसके दूसरे पंटर अब्दुलकय्युम नदवी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने तलाश जारी की वैसे ही दोनों पंटर रोपोश होगए और मारे मारे फिर रहे हैं।
सब से अहम और हैरान कर देने वाली बात यह है कि जिस बंगाली बाबा के दम पर इतनी उछल कूद दोनों पंटरों ने की और जिस छोटा सोनापुर की कागज़ात के लिए शब्बीर ने वहां तांडव किया वह बंगाली बाबा मामला दर्ज होने के बाद से लाचार नज़र आ रहा है। हालांकि बंगाली के नागपाड़ा के गिने चुने पंटरों का कहना है कि बंगाली की टच ऊपर तक है इतनी ऊपर तक है कि अगर लाइट के खंबे में पतंग फंस जाए तो भी वह निकाल लेते हैं। लेकिन मामला दर्ज होने के बाद ऐसा लग रहा है जैसे बंगाली को सांप सूंघ गया हो और वह कुछ भी नहीं कर पा रहा है।
अवामी विकास पार्टी के अध्यक्ष शमशेर पठाने ने कहा कि मामला दर्ज होने के बाद से शब्बीर अंसारी ने बड़ी बड़ी बातें की थी अगर वह सच पर हैं तो अपनी गिरफ्तारी खुशी खुशी देते हुए उन्हें खुद को सरेंडर करना चाहिए जेल तो गांधी जी भी गए थे इसका यह मतलब नहीं हैं कि जेल जाना गुनाह है। इस तरह से शब्बीर और अब्दुलकय्युम नदवी अगर गिरफ्तारी के डर से भागते रहेंगें तो पुलिस को इनके लिए इनाम घोषित करना पड़ेगा। और अगर उन्हें लगाता है कि वह गलत हैं तो अपना जुर्म कुबूल करते हुए जेल की सज़ा काटें और खुदा और कौम से गिड़गिड़ा कर माफ़ी मांग लें कि कौम की जायदाद को हड़पने के लिए वक्फ़ माफियाओँ का साथ नहीं देंगे।
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