शाहिद अंसारी
मुंबई:22 अप्रैल को मुबंई के रे रोड इलाके से मुंबई के वडाला टीटी पुलिस थाने के तीन पुलिस कर्मियों ने इमरान मुआज़्जिन नाम के युवक का अपहरण किया था और 23 अप्रैल की रात नेहरू नगर पुलिस थाने ने उसी युवक को हथियारों के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया जबकि अपहरण करने वाले पुलिस वालों इस बारे में चुप्पी साधे हुए हैं।22 अप्रैल की रात गिरफ्तारी के नाम पर युवक का रे रोड से अपहरण पुलिस वालों ने किया इस बारे में वडाला टीटी पुलिस थाने के सीनियर पीआई सुशील कांबले ने कहा कि जिन पुलिस वालों ने रे रोड से आरोपी को गिरफ्तार किया था जो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।इन लोगों ने युवक की गिरफ्तारी से संबंधित किसी भी तरह की कोई स्टेशन डायरी या कोई कानूनी प्रक्रिया ही पूरी नहीं की थी।उन्होंने कहा कि रात के समय उन लोगों ने पुलिस थाने से बाहर ही रहकर यह सारी साज़िश को अंजाम दिया है।जब उन पुलिस वालों की करतूत सीसीटीवी कैमरे मे कैद हो गई तो उन्होंने यह कह कर कि आरोपी भाग गया है अपने आपको बचाने की कोशिश कर रहे।लेकिन युवक के भागने की किसी तरह की कोई FIR इन पुलिस वालों ने पुलिस थाने में नहीं दर्ज कराई।
युवक इमरान मुआज़्जिन का अपहरण कर वडाला टीटी पुलिस थाने के इन्स्पेक्टर संतोष नरूते और हवलदार दायनेश्वर मिंडे और किरन पाटिल ने अपनी प्राइवेट कार में लेकर अंजान जगह की तरफ निकल गए। युवक के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि इस से पहले इमरान पर धारा 307 के तहेत फ़र्ज़ी केस बनाने में हवलदार दायनेश्वर मिंडे ने ही अहम भूमिका निभाई थी और इस अपहरण में भी वह मौजूद था।वडाला टीटी पुलिस थाने के सीनियर पीआई सुशील कांबले ने कहा जो भी पुलिस वाले सीसीटीवी में दिखाई दे रहे हैं उनकी पहचान जल्द ही हो जाएगी उसके बाद उनपर कार्रवाई की जाएगी।लेकिन यह कार्रावाई कब होगी इसका कोई अता पता नहीं।क्योंकि घटना घटे हफ़्ते भर से भी ज़्यादा होगया और आरोपी न्यायिक हिरासत में है।इस मामले में वडाला टीटी पुलिस थाने को कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करनी थी लेकिन सरकारी वकील के ना होने की वजह से मामले की सुनवाई सोमवार तक टल गई।अब ऐसे में वडाला टीटी पुलिस थाने के सामने यह मुश्किल खड़ी हो गई है कि सीसीटी में जो गिरफ्तारी कैद हुई है उसका भी स्टेशन डायरी में कोई रिकार्ड नहीं और अगर पुलिस के ज़रिए आरोपी की भागने वाली मनगढ़त कहानी पर यकीन कर लिया जाए तो सवाल यह उठता है कि पुलिस ने आरोपी की भागने की FIR या कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की।इससे पुलिस का झूट आसानी से पकड़ा जासकता है।
इस बारे मे जब इसंपेक्टर संतोष नरूते से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आरोपी को हमने गिरफ्तार ही नहीं किया था क्योंकि उसपर कोई केस ही नहीं था हमने सिर्फ उसे पकड़ा था और जब रे रोड से वडाला टीटी पुलिस थाने की तरफ जारहे थे तो आरोपी शान्ती नगर से चलती गाड़ी से फरार होगया।जब उनसे पूछा गया कि इस बारे में आपने किसी तरह की कोई FIR दर्ज कराई है या पुलिस थाने की डायरी में इसकी इंट्री की है तो उन्होंने कहा भागने वाले आरोपी के खिलाफ़ FIR दर्ज करने का प्रावधान मुंबई पुलिस में नहीं है।और ना ही इस तरह की वारदात को स्टेशन डायरी में लिखा जाता है।इमरान के परिवार का आरोप है की इन लोगों ने उसे अपनी कार में ही बिठाकर वडाला टीटी पुलिस थाणे के पास थे।और कई घंटे के बाद नेहरूनगर पुलिस थाने से मिलकर उस पर फ़र्ज़ी केस बनाकर गिरफ़्तारी दिखा दी।
अब ऐसे मे सवाल यह उठता है कि गिरफ्तारी की बात को झुटलाने वाले इसंपेक्टर संतोष नरूते को किसने अधिकार दिया है कि वह किसी भी आरोपी को पकड़ने के नाम पर अपहरण करें और इस बात की जानकारी भी पुलिस थाने की डाएरी में ना लिखें।हालांकि इस बारे में ज़ोनल डीसीपी अशोक दुधे से बात की गई लेकिन अशोक दुधे को इस मामले में कोई जानकारी ही नहीं है।
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