शाहिद अंसारी
मुंबई:MAT ने सोलापुर की डीसीपी अपर्णा गिते के ज़रिए सोलापुर के ही MIDC पुलिस थाने के सीनियर पीआई विष्णु पवार पर हुई सस्पेंशन की कार्रवाई को गैर कानूनी बताते हुए उन्हें बहाल किया है।अपर्णा गिते ने इसी साल अपनी पावर का दुरपयोग करते हुए सीनियर पीआई को निशाना बनाया था और मामला दर्ज कर उन्हें सस्पेंड कर दिया।उन्होंने मामले को MAT मे चुनौती दी और MAT ने इस सस्पेंशन की कार्रवाई खारिज कर दिया।घटना सोलापुर की है जब सोलापुर में मौजूद एमआईडीसी पुलिस थाने के सीनियर पीआई विष्णु पवार के खिलाफ़ तत्कालनी डीसीपी अपर्णा गिते ने 29 मई 2016 को इस आधार पर कि उनके पास एक ऑडियो क्लिप है जिसमें पवार उन्हें शराब के नशे में गालियां दी हैं और खुद शिकयातकर्ता बन कर उन्होंने आईपीसी की धारा 504,506,509 और THE POLICE (INCITEMENT TO. DISAFFECTION). ACT, 1922 के तहेत मामला दर्ज करवाया।मामला दर्ज करवाने के बाद उन्होंने 1 जून 2016 को उन्हें नौकरी से सस्पेंड कर दिया।कोर्ट से मिली जानकारी के बाद पता चला है क अपर्णा गिते ने जिस ऑडियो क्लिप के आधार पर मामला दर्ज कर पवार को सस्पेंड किया वह 12 अप्रेल की है।
पवार ने इस कार्रवाई को लेकर MAT में दस्तक दी MAT ने इस मामले में राज्य सरकार से 18 जूलाई को रिप्लाई फाइल करने के लए कहा लेकिन राज्य सरकार ने इस ममले में किसी तरह का कोई रिप्लाई नहीं फाइल किया और MAT ने फिर से 25 जूलाई तक का समय दिया लेकिन राज्य सरकार ने इस मामले में कोई रिप्लाई फाइल नही किया MAT ने 2 दिन का फिर मोहलत दी इसके वावजूद भी राज्य सरकार इस मामले में रिप्लाई फाइल करने मे असमर्थ रही।
मामला की गंभीरता को देखते हुए पवार के वकील राजेश पांचल ने कोर्ट को बताया कि पवार इसी 31 जूलाई को रिटाएर हो जाएंगे और यह जिस तरह से रिप्लाई न देकर कोर्ट का समय बरबाद कर कोर्ट का समय बरबाद कर रहे हैं और जान बूझ कर रिटाएरमेंट का इंतेजार कर रहे उन्होंने इन पर इस कार्रवाई के साथ साथ कोर्ट की अवमानना करने की भी कार्रवाई की मांग की।मामले की गंभीरता और सच्चाई को देखते हुए MAT ने इस सस्पेंशन को गैर कानूनी करार देते हुए रद्द कर दिया।
पवार के वकील पांचल ने कोर्ट में बहेस करते हुए बताया कि एक ऑडियो क्लिप के आधार पर किसी के खिलाफ़ इस तरह की धाराओं के तहेत आखिर कैसे मामला दर्ज किया जा सकता है।पवार ने Bombay leaks से बात चीत करते हुए बताया कि घटना का जो समय गिते बता रही हैं उस समय मैं बंदोबस्त पर था और मैंने कार्रवाई भी की है।जिस ऑडियो के आधार पर मेरे विरुद्ध उन्होंने अपनी पावर के दुरपयोग करते हुए मेरे खिलाफ़ कार्रवाई की है आज तक वह ऑडियो देने में असमर्थ रहे।दरअसल इस मामले की सच्चाई यह है कि अपर्णा गिते के पती के साथा जो कि अग्रिकलचर कॉलेज पूणे के हैं उनमें एमआईडीसी पुलिस थाने के क्राइम पीआई इक्बाल सय्यद थे।जिसे वह खुद मुझे सीनियर पीआई के पद से हटा कर उसे सीनियर पीआई बनाना चाहती थीं।इसी लिए उन्होंने इस तरह से मेरे खिलाफ़ झूटी साज़िश रचकर मामला दर्ज किया और मुझे सस्पेंड किया गया।इस तरह से पावर के नशे में एक वरिष्ठ अधिकारी को अपने ही विभाग के छोटे अधिकारी ने कोर्ट के ज़रिए सबक सिखा दिया।लेकिन ऐसे ही पुलिस विभाग मे ना जाने कितने मामले आए दिन होते रहते हैं जो कार्रवाई के नाम पर वरिष्ठ अधिकारी अपने से नीचे के अधिकारियों का खून चूसते रहते हैं।इस फैसले ने यह साबित कर दिया कि वरिष्ठ अधिकारी अगर अपनी पावर का दुरउपयोग करता है तो उसके लिए भी कानून के ज़रिए उसे सबक सिखाया जा सकता है।
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